शिमला में आवारा कुत्तों ने बच्चे को किया लहूलुहान:स्कूल जाते समय किया हमला, मेयर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे पिता

शिमला के उप नगर ढली टनल के पास आज सुबह के वक्त एक स्कूली बच्चे पर सात से आठ आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया। इससे बच्चा बुरी तरह घायल हो गया। इसके बाद परिजन बच्चे को इलाज के लिए IGMC शिमला उपचार के लिए ले गए। इस घटना के बाद घायल बच्चे के पिता कर्मचंद भाटिया नगर निगम मेयर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए, क्योंकि शिमला शहर में आवारा कुत्तों के साथ साथ बंदरों की समस्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कर्मचंद ने बताया कि उनके बच्चे को कुत्तों ने लहूलुहान किया कर दिया है। वह आईजीएमसी में उपचाराधीन है। उन्होंने बताया कि स्कूल जाते वक्त ढली टनल के पास उनका बच्चा गेंद को उठा रहा था, इस दौरान सात-आठ कुत्तों ने बेटे पर हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि साढ़े आठ साल के मेरे बच्चे को यदि वहां मौजूद सफाई कर्मचारी नहीं बचाते तो उनके जीने का सहारा हमेशा के लिए छिन जाता। उन्होंने नगर निगम से आवारा कुत्तों के साथ साथ बंदरों की समस्याएं से भी स्थायी समाधान निकालने की मांग की है। शिमला शहर में 3000 लोगों को कुत्ते व बंदर काट चुके बता दें कि बीते एक साल के दौरान शिमला शहर के अलग अलग अस्पतालों में कुत्तों व बंदरों के काटने के 2700 से ज्यादा मामले आ चुके हैं। इससे खासकर बच्चे व महिलाएं शिमला में घरों में कैद होकर रह गई हैं। वहीं प्रदेश सरकार और नगर निगम शिमला मूक दर्शक बनकर बैठा है। इससे कुत्ते व बंदर रास्ते में चलते लोगों पर झपट जाते हैं। घरों को सामान ले जाना मुश्किल हो गया है। ढली निवासी अमित ने बताया कि यदि कुत्ते छोड़ दें तो बंदर हमला कर देते हैं। घरों के लिए जो राशन लिया जाता है, उसे बंदर छीन लेते हैं। प्रदेश सरकार को इसका समाधान निकालना होगा।

Apr 30, 2025 - 11:53
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शिमला में आवारा कुत्तों ने बच्चे को किया लहूलुहान:स्कूल जाते समय किया हमला, मेयर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे पिता
शिमला के उप नगर ढली टनल के पास आज सुबह के वक्त एक स्कूली बच्चे पर सात से आठ आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया। इससे बच्चा बुरी तरह घायल हो गया। इसके बाद परिजन बच्चे को इलाज के लिए IGMC शिमला उपचार के लिए ले गए। इस घटना के बाद घायल बच्चे के पिता कर्मचंद भाटिया नगर निगम मेयर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए, क्योंकि शिमला शहर में आवारा कुत्तों के साथ साथ बंदरों की समस्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कर्मचंद ने बताया कि उनके बच्चे को कुत्तों ने लहूलुहान किया कर दिया है। वह आईजीएमसी में उपचाराधीन है। उन्होंने बताया कि स्कूल जाते वक्त ढली टनल के पास उनका बच्चा गेंद को उठा रहा था, इस दौरान सात-आठ कुत्तों ने बेटे पर हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि साढ़े आठ साल के मेरे बच्चे को यदि वहां मौजूद सफाई कर्मचारी नहीं बचाते तो उनके जीने का सहारा हमेशा के लिए छिन जाता। उन्होंने नगर निगम से आवारा कुत्तों के साथ साथ बंदरों की समस्याएं से भी स्थायी समाधान निकालने की मांग की है। शिमला शहर में 3000 लोगों को कुत्ते व बंदर काट चुके बता दें कि बीते एक साल के दौरान शिमला शहर के अलग अलग अस्पतालों में कुत्तों व बंदरों के काटने के 2700 से ज्यादा मामले आ चुके हैं। इससे खासकर बच्चे व महिलाएं शिमला में घरों में कैद होकर रह गई हैं। वहीं प्रदेश सरकार और नगर निगम शिमला मूक दर्शक बनकर बैठा है। इससे कुत्ते व बंदर रास्ते में चलते लोगों पर झपट जाते हैं। घरों को सामान ले जाना मुश्किल हो गया है। ढली निवासी अमित ने बताया कि यदि कुत्ते छोड़ दें तो बंदर हमला कर देते हैं। घरों के लिए जो राशन लिया जाता है, उसे बंदर छीन लेते हैं। प्रदेश सरकार को इसका समाधान निकालना होगा।
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