शशि थरूर को हुआ गलती का अहसास, रूस-यूक्रेन जंग पर की थी भारत के रुख की आलोचना

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत की तटस्थ स्थिति की आलोचना की थी। हालांकि, अब उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया है। थरूर ने कहा है कि भारत की स्थिति ने उसे शांति स्थापित करने में मदद करने का अनोखा मौका दिया है।

Mar 19, 2025 - 07:05
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शशि थरूर को हुआ गलती का अहसास, रूस-यूक्रेन जंग पर की थी भारत के रुख की आलोचना
नई दिल्ली: कांग्रेस के सीनियर लीडर शशि थरूर ने यह बात मान ली है कि को लेकर उनका भारत के रुख की आलोचना करना गलत था। थरूर ने कहा कि भारत की स्थिति के कारण ही वह ऐसी खास जगह पर आकर खड़ा है, जिससे स्थायी शांति हासिल करने में मदद मिलेगी।दरअसल, पहले शशि थरूर ने भारत के तटस्थ रुख की आलोचना की थी। उन्होंने भारत से रूस की निंदा करने का आग्रह किया था। इसके पीछे का कारण उन्होंने के उल्लंघन होने और यूक्रेन की संप्रभुता को बताया था। लेकिन अब उन्होंने में कहा कि भारत दोनों देशों से बात कर सकता है और शांति स्थापित करने में मदद कर सकता है।

जंग में संभावित मध्यस्थ बन गया है भारत

थरूर ने कहा,'मैं अपनी पुरानी स्थिति से निकलने की कोशिश कर रहा हूं।' यानी उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक थरूर ने कहा कि भारत के दृष्टिकोण ने देश को यूक्रेन और रूस दोनों के साथ जुड़ने की अनुमति दी है। इससे भारत इस युद्ध में एक संभावित मध्यस्थ बन गया है।

दोनों देशों के राष्ट्रपति से कर सकते हैं बात

केरल के से सांसद थरूर ने कहा कि भारत सरकार के रुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित कर दिया है, जो यूक्रेन और रूस दोनों के राष्ट्रपतियों के साथ बातचीत कर सकते हैं। इससे शांति की कोशिशों के अवसर बन सकते हैं।

शांति स्थापित करने में निभा सकते हैं भूमिका

थरूर ने आगे कहा,'भारत दुनिया में अपनी खास स्थिति को देखते हुए शांति स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। अगर रूस और यूक्रेन के बीच कोई समझौता होता है, तो भारत शांति सैनिकों को भेजने के लिए तैयार हो सकता है। खासकर तब, जब रूस ने नाटो देशों के यूरोपीय शांति सैनिकों को अस्वीकार कर दिया है।'

वैश्विक स्थिरता में योगदान के लिए भारत तैयार

कांग्रेस नेता ने यह स्पष्ट किया है कि विपक्षी नेता होने के नाते वह सरकार की तरफ से नहीं बोल सकते। उन्होंने भारत के शांति स्थापना के लंबे इतिहास पर भी जोर दिया। थरूर ने बताया कि भारत ने 49 से ज्यादा मिशन किए हैं और अगर जरूरत पड़ी तो देश वैश्विक स्थिरता में योगदान करने के लिए तैयार रहेगा।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,