देश के हर व्यक्ति को मतदान का अधिकार

लोकतांत्रिक देश के स्वतंत्र नागरिक हैं, लोकतांत्रिक प्रणाली के तहत जितने भी अधिकार देश के नागरिकों को मिले हैं

May 3, 2024 - 14:48
May 3, 2024 - 14:48
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देश के हर व्यक्ति को मतदान का अधिकार

 समझदारी से राष्ट्रहित में करें मतदान

Every person in the country has the right to vote

चुनाव लोकतंत्र की आत्मा है, जो कि इसके संचालन के लिए अपरिहार्य है। विशेषकर, विकासशील राष्ट्र भारत के लिए मतदान का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसलिए हरेक मतदाता का यह कर्तव्य बनता है कि वह लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदान में हर हाल में भाग ले। लेकिन पूरी तरह से जागरूक होकर अच्छे प्रत्याशी को ही मतदान करें, जिससे बाद में पछताना न पड़े।
 
चुनाव लोकतंत्र का एक महान पर्व है। इसलिए देश का हर व्यक्ति जिसे भी • मतदान करने का अधिकार मिला है उसे इस महान पर्व में जरूर हिस्सा लेना चाहिए। हम एक लोकतांत्रिक देश के स्वतंत्र नागरिक हैं, लोकतांत्रिक प्रणाली के तहत जितने भी अधिकार देश के नागरिकों को मिले हैं उनमें सबसे बड़ा अधिकार मतदान का है। तभी तो मतदान के माध्यम से हम स्वयं के साथ-साथ देश का भी भविष्य तय करते हैं। लेकिन आज भी जागरूकता के अभाव में लोग मतदान करने से कतराते हैं। मतदाता अपने अधिकार को समझें और लोकतंत्र की मजबूती के लिए अवश्य मतदान करें, क्योंकि मतदाता के योगदान से राष्ट्र की दिशा एवं दशा तय होती है। इसलिए मतदान के दिन अपने सभी कार्यों में सबसे ज्यादा महत्व मतदान को दें। यह एक ऐसा समय होता है जब नागरिकों को अपने प्रतिनिधियों का चयन करने का अधिकार होता है। चुनाव में जनता को विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के बीच चुनने का मौका मिलता है। चुनावी महात्मा के रूप में विशेष आदर और महत्वपूर्णता होती है, जिसमें लोगों को राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार मिलता है। यह लोकतंत्र की आधारशिला है और जिसके जरिये मतदाता राष्ट्र की नीतियों और दिशा को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
 
चुनाव में मताधिकार का महत्व अत्यधिक है क्योंकि यह एक लोकतांत्रिक समाज में नागरिकों की प्रतिस्पर्धात्मक भागीदारी को बढ़ावा देता है। मताधिकार नागरिकों को उनके चुनावी निर्णयों का स्वतंत्रता से चयन करने का अधिकार देता है, जिससे वे अपने स्वार्थों और समाज के हित के आधार पर उम्मीदवारों को चुन सकते हैं। इसके अलावा नागरिक मताधिकार द्वारा सरकार को जवाबदेही पूर्ण बनाता है, क्योंकि वे अपने विकल्पों के माध्यम से सत्ताधारियों को उनके पांच साल के कार्यकाल का हिसाब देने का अधिकार रखते हैं।
 
वास्तव में चुनावों के बिना लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं है। चुनाव नागरिकों को अपनी राय व्यक्त करने और यह चुनने का एक समान रूप से प्रबंधित तरीका प्रदान करते हैं, साथ ही उनके और राष्ट्र के लिए कौन और क्या सर्वोत्तम है इसके साथ चलने का अवसर भी। ऐसा नहीं है कि स्वतंत्र भारत में चुनाव कोई नई अवधारणा है। स्वतंत्रता के पहले भी चुनाव होते थे; बात सिर्फ इतनी है कि उस समय विकल्प और आवाजें बहुत सीमित थीं और मताधिकार निष्पक्ष नहीं होता था। स्वतंत्रता के बाद, भारत ने सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का चयन किया और सभी वयस्कों को समान बोट देने का अधिकार दिया। इस तरह के पहले चुनाव 1951-52 में मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
 
लोकतंत्र में चुनाव का महत्व
किसी भी लोकतंत्र में चुनाव का महत्व निम्नलिखित आधार पर होता है- नेतृत्व का चुनाव चुनाव में भाग लेकर, प्रत्येक नागरिक राजनेता या राजनीतिक दल के पक्ष में वोट देकर अपना नेता चुन सकता है।
 
नेतृत्व परिवर्तन चूंकि किसी भी लोकतंत्र में नागरिक ही सर्वोच्च प्राधिकारी होते हैं, यदि उन्हें मौजूदा सरकार के नियम पसंद नहीं हैं तो वे अपनी राय व्यक्त कर सकते हैं। वे मताधिकार से राजनीतिक दल, उम्मीदवार और सरकार को बदल सकते हैं।
राजनीतिक भागीदारी देश के एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में, यदि किसी को लगता है कि कोई ऐसा मुद्दा है जिसे अधिकांश या सभी राजनीतिक दलों द्वारा संबोधित नहीं किया जा रहा है या उनके समाधान में कुछ संशोधन करने की आवश्यकता है, तो वे हमेशा उस चर्चा में भाग ले सकते हैं। सुधार लाने के लिए शासी निकायों को अपनी राय या स्वयं राजनीतिक दलों का गठन आदि के जरिये।
 
स्व-सुधारात्मक प्रणाली: भारतीय चुनाव प्रणाली में मौजूद नियमितता के कारण, यह राजनीतिक दलों के काम पर एक तरह की जांच के रूप में कार्य करता है, इस तथ्य को दोहराते हुए कि यदि पार्टी अपने काम में पर्याप्त कुशल नहीं है, तो वे गठित नहीं हो पाएंगे। इसलिए राजनीतिक दलों का जनता से वोट पाने के लिए अच्छा काम करना एक नियमित प्रदर्शन है।
 
निष्कर्ष रूप में, यह कहा जा सकता है कि चुनाव लोकतंत्र के आधार हैं। लोकतंत्र में, राजनीतिक दलों की स्वीकार्यता और नागरिकों को उनकी पसंद और राष्ट्र की समृद्धि के लिए के लिए चुनावों की आवश्यकता होती है। इस तरह चुनाव समाज और देश को प्रगतिशील बनाने के साथ लोगों को समानता का अधिकार भी प्रदान करता है। जिस समानता के बल पर लोग अपनी शक्तियों (मत) का प्रयोग करके अपने देश का भविष्य तय करते हैं। लोकतंत्र में चुनाव प्रक्रिया विभिन्न प्रतिनिधित्यों के बीच में से जनता को एक कर्मठ, सामाजिक हितों और राष्ट्र हिल को महत्व देने वाला प्रतिनिधित्व के चयन का अधिकार प्रदान करती है। साथ लोकतंत्र में चुनाव राजनीतिक दलों को अनुशासित करने का कार्य भी। लोकतंत्र में चुनाव संविधान के सिद्धांतों अर्थात विश्वसनीयता, पारदर्शिता और अखंडता का पालन करता है। इस तरह चुनाव सरकार की तानाशाही पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाकर एक बहुमत की सरकार का गठन भी करता है। जिससे सरकार जनता के प्रति जवाबदेह और उत्तरदायी रहती है।
 
यानि चुनाव लोकतांत्रिक देशों की आत्मा है, जो कि लोकतंत्र के संचालन के लिए अपरिहार्य है। इस संपूर्ण प्रक्रिया में निर्वाचन आयोग लोकतंत्र की गरिमा और निष्ठा को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विशेषकर, विकासशील देश भारत के लिए मतदान का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसी महत्व के मद्देनजर भारतीय चुनाव आयोग की तरफ से सौ फीसदी मतदान के लिए विशेष उपाय किए जा रहे हैं। जहां लोगों को मतदान के प्रति जागरूक किया जा रहा है, वहीं मतदान केंद्र पर भी उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी न आए, इसके लिए प्रबंध किए जा रहे हैं। 80 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों, दिव्यांग व्यक्तियों और कोरोना से पीड़ित मरीजों के लिए उनके घर पर बैलेट पेपर से मतदान के प्रबंध किए गए हैं। इसलिए हरेक मतदाता का यह कर्तव्य बनता है कि वह लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदान में हर हाल में भाग ले। लेकिन पूरी तरह से जागरूक होकर अच्छे प्रत्याशी को ही मतदान करें, जिससे बाद में पछताना न पड़े।
 
लोकतंत्र के समक्ष कुछ चुनौतियां
  • राजनीति में अस्थिरता के कारण चुनाव के दौरान काले धन का समावेश होता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से राजनीति के अपराधीकरण की संभावना को बढ़ाता है।
  • चुनाव अभियान के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा नफरत फैलाने वाले भाषण और मुफ्त उपहार देने का वादा करके 'आदर्श आचार संहिता' के महत्व का लगातार उल्लंघन किया जाता है। इस अनुचित व्यवहार पर रोक जरूरी है।
  • भारत के चुनाव आयोग के पास राजनीतिक दलों को विनियमित करने की शक्तियों का अभाव है।
  • चुनाव के दौरान ईवीएम की विश्वसनीयता पर लगातार सवाल।

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Abhishek Chauhan भारतीय न्यूज़ का सदस्य हूँ। एक युवा होने के नाते देश व समाज के लिए कुछ कर गुजरने का लक्ष्य लिए पत्रकारिता में उतरा हूं। आशा है की आप सभी मुझे आशीर्वाद प्रदान करेंगे। जिससे मैं देश में समाज के लिए कुछ कर सकूं। सादर प्रणाम।