भारत की सीमा से 300KM दूर रावलपिंडी में इमरजेंसी लागू, डरे लोग

भारत की सीमा से लगभग 300KM दूर पाकिस्तान का रावलपिंडी शहर में पानी का आपातकाल घोषित कर दिया गया है. पाकिस्तान की वॉटर एंड सैनिटेशन एजेंसी (WASA) के मुताबिक, खानपुर डैम में सिर्फ एक महीने का और रावल डैम में तीन महीने का पानी बचा है.

May 6, 2025 - 12:09
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भारत की सीमा से 300KM दूर रावलपिंडी में इमरजेंसी लागू, डरे लोग
भारत की सीमा से 300KM दूर रावलपिंडी में इमरजेंसी लागू, डरे लोग

भारत की तरफ से जम्मू-कश्मीर में बगलिहार और सियाल बांधों के गेट बंद किए जाने के बाद चिनाब नदी का जलस्तर तेजी से घटा है. पाकिस्तान के हिस्से में आने वाला पानी रुक गया है, जिससे चिनाब में पानी का स्तर 22 फीट से घटकर 15 फीट पर पहुंच गया.

महज 24 घंटे में 7 फीट की गिरावट ने पंजाब के 24 शहरों और 3 करोड़ से ज्यादा आबादी के लिए पानी संकट की घंटी बजा दी है. इसी बीच पाकिस्तान का रावलपिंडी शहर पहले से ही गंभीर जल संकट से जूझ रहा है, जहां एक बार फिर पानी का आपातकाल घोषित कर दिया गया है.

सूखे और खाली डैम: कब तक चलेगा पानी?

पाकिस्तान की वॉटर एंड सैनिटेशन एजेंसी (WASA) के मुताबिक, खानपुर डैम में सिर्फ एक महीने का और रावल डैम में तीन महीने का पानी बचा है. लगातार सूखा और बेहद कम बारिश की वजह से शहर के ये दो बड़े जलस्रोत तेजी से सूखते जा रहे हैं.रावलपिंडी में पानी की रोजाना मांग 50 मिलियन गैलन है, जबकि WASA सिर्फ 30 मिलियन गैलन पानी ही सप्लाई कर पा रहा है. यानी शहर हर दिन 20 मिलियन गैलन की किल्लत झेल रहा है. अब हालात ऐसे हो गए हैं कि ट्यूबवेल और वैकल्पिक स्रोतों पर निर्भरता बढ़ती जा रही है.

जनसंख्या, कारोबार और पानी की मार

अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ सूखा ही नहीं, बल्कि तेजी से बढ़ती आबादी और व्यावसायिक गतिविधियां भी जल संकट को और बिगाड़ रही हैं. जल संसाधनों पर बोझ इस कदर बढ़ गया है कि वासा को अब पानी की बर्बादी पर सख्ती करनी पड़ रही है.WASA ने कहा है कि अनावश्यक पानी की खपत पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. रावलपिंडी और इस्लामाबाद के नागरिकों से तुरंत जल संरक्षण के उपाय अपनाने की अपील की गई है.

बारिश की कोई उम्मीद नहीं, हालात और बिगड़ेंगे

इन सुझावों में शामिल हैं नल और पाइप की लीकेज तुरंत ठीक कराना, नहाने का समय कम करना, वॉशिंग मशीन और डिशवॉशर फुल लोड में चलाना, बचे हुए पानी से पौधों को सींचना, गाड़ियों और रास्तों को पाइप से ना धोना. वहीं पंजाब के मौसम विज्ञान केंद्रों के मुताबिक इस साल अब तक मौसमी औसत से काफी कम बारिश दर्ज की गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ हफ्तों में भी कोई खास राहत नहीं मिलेगी, जिससे हालात और खराब हो सकते हैं.

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