भारत का ऑपरेशन ब्रह्मा: भूकंप प्रभावित म्यांमार में फील्ड अस्पताल और एनडीआरएफ कर्मियों को करेगा तैनात

नई दिल्ली, (हि.स.)। भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार को बचाव और राहत सहायता प्रदान करने के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया है। इसके तहत म्यांमार में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री और मानवीय सहायता भेजी जा रही है। इसके आलावा भारत भूकंप प्रभावित म्यांमार में 118 सदस्यों वाला फील्ड अस्पताल और एनडीआरएफ कर्मियों सहित […]

Mar 29, 2025 - 21:05
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भारत का ऑपरेशन ब्रह्मा: भूकंप प्रभावित म्यांमार में फील्ड अस्पताल और एनडीआरएफ कर्मियों को करेगा तैनात

नई दिल्ली, (हि.स.)। भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार को बचाव और राहत सहायता प्रदान करने के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया है। इसके तहत म्यांमार में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री और मानवीय सहायता भेजी जा रही है। इसके आलावा भारत भूकंप प्रभावित म्यांमार में 118 सदस्यों वाला फील्ड अस्पताल और एनडीआरएफ कर्मियों सहित अन्य बचाव दल को म्यांमार में तैनात करेगा।

ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के कर्मियों को भूकंप बचाव उपकरणों जैसे उच्च शक्ति वाले कंक्रीट कटर, ड्रिल मशीन, हथौड़े और प्लाज्मा-कटिंग उपकरण के साथ म्यांमार को राहत प्रयासों में सहायता करने के लिए तैनात किया जा रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शनिवार को दिल्ली में प्रेस वार्ता के दौरान ऑपरेशन ब्रह्मा के बारे में कहा कि कल म्यांमार में भीषण भूकंप आया। जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। म्यांमार में आई त्रासदी के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि भारत संकट की इस घड़ी में म्यांमार के लोगों और सरकार को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।

जायसवाल ने कहा कि भारत सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला देश रहा है। पिछले साल म्यांमार में जब चक्रवात यागी आया था, उस समय भी भारत ने अभियान चलाया था। हमने म्यांमार के लोगों को राहत, सामग्री, मानवीय सहायता प्रदान की, न केवल म्यांमार के लोगों को बल्कि कई अन्य देशों को भी जो इससे प्रभावित हुए थे। सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला देश बनना हमारी नीति का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी ने वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की और भारत के लोगों और सरकार की ओर से कीमती जीवन के नुकसान के लिए गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि हम इस आपदा से निपटने के लिए राहत, बचाव और जो भी सहायता आवश्यक होगी, प्रदान करने की पूरी कोशिश करेंगे।

प्रवक्ता ने कहा कि आज तड़के करीब 3 बजे पहला विमान हिंडन एयरफोर्स बेस से 15 टन राहत सामग्री लेकर उड़ा। यह सुबह करीब 8 बजे भारतीय समयानुसार यांगून पहुंचा। हमारे राजदूत राहत सामग्री प्राप्त करने के लिए वहां मौजूद थे और उसके बाद उन्होंने इसे यांगून के मुख्यमंत्री को सौंप दिया। उसके बाद, खोज और बचाव कर्मियों और उपकरणों के साथ-साथ खोजी कुत्तों के साथ दो विमान तैयार किए गए। उनमें से एक रवाना हो चुका है और दूसरा रवाना होने की प्रक्रिया में है। शाम को जब फील्ड अस्पताल को हवाई मार्ग से पहुंचाया जाएगा, तब दो और विमान उड़ान भरेंगे, जिससे फिलहाल विमानों की संख्या पांच हो जाएगी।

118 कर्मियों का फील्ड अस्पताल

ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भूकंप प्रभावित म्यांमार में राहत और बचाव कार्य में सहायता के लिए अपने प्रयासों को तेज करते हुए भारत ने पड़ोसी देश में दो नौसैनिक जहाज भेजे हैं, जबकि शनिवार को बाद में एक फील्ड अस्पताल को हवाई मार्ग से भेजा जाएगा। आगरा से 118 कर्मियों वाला एक फील्ड अस्पताल जल्द ही पड़ोसी देश में तैनात किया जाएगा।

म्यांमार में शुक्रवार को आए भूकंप में मरने वालों की संख्या शनिवार को 1,000 से अधिक हो गई। हालांकि, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पुष्टि की है कि देश में भारतीय समुदाय के किसी भी व्यक्ति के हताहत होने की अभी तक कोई सूचना नहीं है।

कमोडोर रघुनाथ नायर ने बताया

कमोडोर रघुनाथ नायर ने कहा कि चार जहाज हैं; उनमें से दो पहले से ही चल रहे हैं, एक आज सुबह दो बजे रवाना हुआ और दूसरा दोपहर दो बजे, और दोनों जहाजों के 31 मार्च को म्यांमार के यांगून पहुंचने की उम्मीद है। दो जहाज अंडमान के श्री विजयपुरम में स्टैंडबाय पर हैं और वे कल रवाना होंगे और वे लगभग उसी समय पहुंचेंगे जब पहले दो जहाज वहां से रवाना होंगे।

डीआईजी मोहसेन शाहिदी ने दी जानकारी

एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसेन शाहिदी ने कहा कि 80 बचावकर्मियों वाली एनडीआरएफ टीम तैनात की गई है। टीम को दो उड़ानों में भेजा जा रहा है – एक उड़ान भर चुकी है और दूसरी रवाना होने वाली है। टीम को 80 बचावकर्मियों और बचाव अभियान के लिए आवश्यक सभी उपकरणों सहित उपकरणों के साथ भेजा गया है।

इसलिए रखा ऑपरेशन ब्रह्मा नाम

म्यांमार को भेजी गई राहत सामग्री के बारे में प्रवक्ता ने कहा कि आज तड़के हमने ऑपरेशन ब्रह्मा लॉन्च किया। ब्रह्मा सृष्टि के देवता हैं। ऐसे समय में जब हम म्यांमार के लोगों को उनके देश के पुनर्निर्माण के लिए मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं, ऑपरेशन का यह खास नाम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

समुद्री मार्ग से 40 टन मानवीय सहायता की अगली खेप भेजी

भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत मानवीय सहायता लेकर भूकंप प्रभावित म्यांमार के यांगून बंदरगाह की ओर बढ़ रहे हैं। यह जानकारी विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आज यहां दी। विदेश मंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में यह जानकारी साझा करते हुए कहा, “ऑपरेशन ब्रह्मा- भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री 40 टन मानवीय सहायता लेकर यांगून बंदरगाह की ओर बढ़ रहे हैं। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा, “एनडीआरएफ का 80 सदस्यीय खोज एवं बचाव दल नेय पी ताव के लिए रवाना हुआ। वे म्यांमार में बचाव कार्यों में सहायता करेंगे।”

इससे पहले आज सुबह भारतीय वायुसेना के सी-130 जे विमान से भेजी गई 15 टन मानवीय राहत सामग्री की पहली खेप म्यांमार पहुंची। यांगून में राजदूत अभय ठाकुर ने राहत सामग्री की यह पहली खेप औपचारिक रूप से यांगून के मुख्यमंत्री यू सोई थीन को सौंपी। इसमें कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, भोजन के पैकेट और रसोई सेट हैं। इस उड़ान के साथ एक खोज एवं बचाव दल और चिकित्सा दल भी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को एक्स पर लिखा कि म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की। विनाशकारी भूकंप में हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा रहा है।

4.7 तीव्रता का एक आफ्टरशॉक आया

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार म्यामार के भूकंप प्रभावित इलाके में रिक्टर स्केल पर 4.7 तीव्रता का एक आफ्टरशॉक आया है। इसका केंद्र भी जमीन में 10 किमी. नीचे बताया गया है।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था और पड़ोसी थाईलैंड हिल गया था। म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप में अब तक 694 मौतें हुई हैं और 1600 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

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