बांग्लादेश: इस्कॉन भिक्षु चिन्मय कृष्ण प्रभु के वकील रामेन रॉय पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने किया हमला, घर में भी तोड़फोड़

बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथी खुलेआम हिन्दुओं की हत्या की न केवल बातें कर रहे हैं, बल्कि उन्हें मार भी रहे हैं। बावजूद इसके मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली मुस्लिम कट्टरपंथी सरकार में एक बार फिर से एक और हिन्दू पर हमला किया गया है। इस्कॉन (ISKCON) भिक्षु चिन्मय कृष्ण प्रभु को गिरफ्तार किए जाने के […]

Dec 3, 2024 - 07:37
 0
बांग्लादेश: इस्कॉन भिक्षु चिन्मय कृष्ण प्रभु के वकील रामेन रॉय पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने किया हमला, घर में भी तोड़फोड़

बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथी खुलेआम हिन्दुओं की हत्या की न केवल बातें कर रहे हैं, बल्कि उन्हें मार भी रहे हैं। बावजूद इसके मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली मुस्लिम कट्टरपंथी सरकार में एक बार फिर से एक और हिन्दू पर हमला किया गया है। इस्कॉन (ISKCON) भिक्षु चिन्मय कृष्ण प्रभु को गिरफ्तार किए जाने के बाद से उनका केस लड़ रहे उनके वकील रामेन रॉय पर कट्टरपंथियों ने जानलेवा हमला किया है।

इसकी पुष्टि इस्कॉन के कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने की है। उन्होंने कहा कि वकील रामेन रॉय अब अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस्लामवादियों ने न केवल उनके ऊपर हमले किए, बल्कि बांग्लादेश में उनके घर में घुसकर तोड़फोड़ भी की। राधारमण दास का कहना है कि रामेन रॉय की एक मात्र गलती ये है कि उन्होंने अदालत में चिन्मय कृष्ण प्रभु का बचाव किया था। वो फिलहाल अस्पताल में आईसीयू में भर्ती हैं।

इसे भी पढ़ें: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमले : HRDI ने उठाई आवाज, मोहम्मद यूसुफ को पत्र लिखकर की सुरक्षा और न्याय की मांग

70 वकीलों के खिलाफ की गई थी कार्रवाई

गौरतलब है कि इससे पहले हाल ही में छत्रग्राम में 70 हिन्दू वकील जो चिन्मय कृष्ण दास प्रभु के लिए वकालत कर रहे थे या उनका समर्थन करने वाली कानूनी टीम का हिस्सा थे, उन पर नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेशी सरकार द्वारा कठोर कानूनों के तहत आरोप लगाए गए थे। एक्स हैंडल हिन्दू वॉयस की रिपोर्ट के अनुसार, यह एक समुदाय पर अत्यधिक घृणा के कारण सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का एक बेहतरीन उदाहरण है, जबकि सरकार ने राज्य मशीनरी में उनके साहस और विश्वास को तोड़ने के लिए हर संभव प्रतिबंध और फैसले लागू किए हैं। यह न केवल कमजोर हिंदू अल्पसंख्यकों को कमजोर करता है, बल्कि बहुसंख्यक भीड़ को अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपने हाथ और पंजे उठाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

इसे भी पढ़ें: बांग्लादेश में भारतीय तिरंगे के अपमान का मास्टरमाइंड निकला अंतरिम सरकार का सलाहकार आसिफ महमूद, नेटिजन्स में गुस्सा

यह एक समुदाय पर अत्यधिक घृणा के कारण सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का एक बेहतरीन उदाहरण है, जबकि सरकार ने राज्य मशीनरी में उनके साहस और विश्वास को तोड़ने के लिए हर संभव प्रतिबंध और फैसले लागू किए हैं। यह न केवल कमजोर हिंदू अल्पसंख्यकों को कमजोर करता है, बल्कि बहुसंख्यक भीड़ को अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपने हाथ और पंजे उठाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

 

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

Bharatiyanews हमारा अपना समाचार आप सब के लिए|