पाकिस्तान मुंह दिखाने लायक नहीं रहा...ट्रेन हाईजैक में 154 सैनिक अब भी BLA के कब्जे में, भारत से सैन्य ताकत में कितना पीछे पड़ोसी

pakistan train hijack latest news:पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि बलूचिस्तान प्रांत में ट्रेन हाईजैक होने के बाद सुरक्षा बलों का अभियान समाप्त हो गया है और इस अभियान में सभी विद्रोही मारे गए हैं। वहीं, BLA ने भी दावा किया है कि उसके कब्जे में अभी भी पाक के 150 से ज्यादा जवान हैं। हकीकत जो भी हो, मगर इससे पाकिस्तान की पोल दुनिया के सामने खुल गई है। जानते हैं-

Mar 13, 2025 - 07:11
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पाकिस्तान मुंह दिखाने लायक नहीं रहा...ट्रेन हाईजैक में 154 सैनिक अब भी BLA के कब्जे में, भारत से सैन्य ताकत में कितना पीछे पड़ोसी
नई दिल्ली: पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक मामले में अलग-अलग दावे सामने आ रहे हैं। पाकिस्तानी फौज जहां ऑपरेशन खत्म होने के दावे कर रही है तो वहीं जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक करने वाली (BLA) ने दावा किया है कि उसके कब्जे में अभी पाकिस्तानी फौज के 154 जवान हैं। पाकिस्तान की सियासत हमेशा से भारत विरोधी रही है। ऐसे में वह ट्रेन हाईजैक मामले में भी भारत पर आरोप लगा रहा है। हकीकत यह है कि पाकिस्तान की आतंक को बढ़ावा देने के नतीजे अब दुनिया के सामने आरहे हैं। उसके घर में ही अब विद्रोह सिर उठाने लगा है। बलूचों पर अत्याचार ने उसकी पोल दुनिया के सामने खोलकर रख दी है। जानते हैं पूरी कहानी।

पाकिस्तानी फौज ने क्या किया था दावा

आईएसपीआर के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में यह दावा किया कि इस ऑपरेशन के दौरान किसी यात्री की मौत नहीं हुई है।हालांकि, प्रवक्ता ने बताया है कि ऑपरेशन शुरू होने से पहले ही विद्रोहियों ने 21 लोगों की हत्या कर दी थी। वहीं, पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री अत्ता तरार ने बताया है कि ट्रेन में कुल 440 यात्री सवार थे, जिनमें से कई को बंधक बना लिया गया था। इन्हें बचाने का अभियान 36 घंटों तक चला। उन्होने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना ने सावधानी और कुशलता से ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिससे ऑपरेशन के दौरान किसी बंधक को कोई नुकसान नहीं हुआ।

कब बना था यह संगठन, किसने लगाई है पाबंदी

BLA संगठन 2000 के दशक की शुरुआत में बना था। इसका मकसद बलूचिस्तान को आजाद कराना है। पाकिस्तान ने 2006 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया। अमेरिका ने 2019 में इसे वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया। अमेरिकी विदेश विभाग ने इसे 'एक सशस्त्र समूह बताया जो सुरक्षा बलों और नागरिकों को निशाना बनाता है, खासकर पाकिस्तान के बलूच इलाकों में।'

बीते तीन दिनों से बंधक है जाफर एक्सप्रेस

लेफ्टिनेंट जनरल शरीफ ने बताया कि 11 मार्च को दोपहर करीब एक बजे विद्रोहियों ने ओसीपुर के बोलन दर्रे इलाके में रेलवे पटरी पर धमाका किया और जाफर एक्सप्रेस ट्रेन में सवार सभी यात्रियों को बंधक बना लिया। उन्होंने कहा, सेना, वायुसेना, फ्रंटियर कोर और स्पेशल सर्विसेज ग्रुप के कमांडो की भागीदारी के साथ बचाव अभियान तुरंत शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान, विद्रोही सैटेलाइट फोन के माध्यम से अफगानिस्तान में अपने मददगारों और आकाओं के संपर्क में रहे, जिससे उनके विदेशी गठजोड़ का पता चलता है।

33 विद्रोही, 21 यात्री और 4 जवानों के मारे जाने का दावा

पाक सेना का कहना है कि ऑपरेशन के दौरान 33 विद्रोहियों, 21 यात्रियों के अलावा सुरक्षाबलों के चार जवान मारे गए। दूसरी तरफ, बलूच विद्रोहियों ने सुरक्षाबलों के 100 जवानों को मारने के साथ ही 150 बंधकों के कब्जे में होने का दावा किया है। विद्रोहियों ने चेतावनी दी है कि दोबारा सैन्य कार्रवाई हुई तो सभी बंधकों को तुरंत मार दिया जाएगा।

क्या 200 से ज्यादा ताबूत लाए गए हैं क्वेटा में

एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने क्वेटा रेलवे स्टेशन पर 200 से अधिक ताबूत लाए जाने का दावा किया है, जिससे संकेत मिलता है कि पूरी कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं। कई पाकिस्तानी मीडिया के इंटरनेट मीडिया हैंडल पर ट्रेन में यात्रा करने वाले करीब 200 सुरक्षाबलों के जवानों की सूची जारी की गई थी, जिसके चलते ही हाईजैकिंग की आशंका जताई गई। मानवाधिकार कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने एक बयान में बताया कि क्वेटा रेलवे स्टेशन पर 200 से ज्यादा ताबूत लाए गए हैं।

बलूच कैदियों को छोड़ने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था

बीएलए ने बंधकों के बदले बलूच कैदियों को छोड़ने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। एक्स हैंडल पर बुधवार रात जारी बयान में बीएलए के प्रवक्ता जीयांद बलूच ने दावा किया कि दो दिनों में पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के 100 जवान मारे गए। बंधक बनाए गए 50 जवानों को बुधवार और 10 जवानों को मंगलवार को मारा गया। जबकि सैन्य कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान के 40 और बीएलए के तीन सैनिक मारे गए। अभी भी 150 बंधक कब्जे में हैं। अब अंतिम चेतावनी है कि फिर से सैन्य हमला होने पर सभी बंधकों को तुरंत मार दिया जाएगा।

क्या पाकिस्तान के पास केवल 20 घंटे बचे हैं

पाकिस्तान के पास केवल 20 घंटे बचे हैं। दरअसल, बचे हुए लोगों ने दावा किया था कि विद्रोहियों ने ट्रेन में बैठे सुरक्षाबलों के जवानों को ही बंधक बनाया था और आम यात्रियों को छोड़ दिया। बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने कहा कि सुरक्षा बलों ने पहले 43 पुरुषों, 26 महिलाओं और 11 बच्चों सहित 80 यात्रियों को बचाने में कामयाबी हासिल की थी।

जाफर एक्सप्रेस कैसे हाईजैक हुई

पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन जैसे ही टनल में घुसी उसी वक्त घात लगाकर बैठे बलूच विद्रोहियों ने उस पर हमला कर दिया। ट्रेन को टनल नंबर 8 में रोका गया। गाड़ी जैसे ही सुरंग में रुकी, बलोच आर्मी के लड़ाकों ने जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया और यात्रियों को बंधक बना लिया गया। यह टनल जिस इलाके में है, वह बेहद दुर्गम पहाड़ी इलाका है, जिसका सबसे नजदीकी स्टेशन पहरो कुनरी है। विद्रोहियों ने अंधेरे में भागने की कोशिश करने के लिए छोटे-छोटे समूह बनाए हैं।

पाकिस्तानी फौज क्यों हो रही है नाकाम

बोलन के जिला पुलिस अधिकारी राणा मुहम्मद दिलावर का इस मामले में कहना है कि यह पूरा इलाका पहाड़ी है, जो सुरंगों से पटा पड़ा है।उन्होंने बताया कि हाईजैक हुई ट्रेन इस समय बोलन दर्रे में खड़ी है। यह पूरा इलाका पहाड़ियों और सुरंगों से घिरा हुआ है, जिस वजह से मोबाइल नेटवर्क भी नहीं है। इस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं। वहीं, पाकिस्तान फौज को ऐसे इलाकों में कार्रवाई करने में महारत हासिल नहीं है। पहले भी वह ऐसे इलाकों में एक्शन लेने में नाकाम रहा है।

भारत से सैन्य ताकत में काफी पीछे है पाकिस्तान

दुनियाभर के देशों की सैन्य शक्ति के आधार पर रैंकिंग तय करने वाली संस्था ग्लोबल फायरपावर ने नई लिस्ट जारी कर दी थी। इस लिस्ट में भारत चौथे नंबर पर है। वहीं, पाकिस्तान की स्थिति पहले की तुलना में काफी कमजोर हुई है। पाकिस्तान पिछले साल यानी 2024 में 9वें स्थान पर था, जो फिसलकर 12वें नंबर पर पहुंच गया है।

पाकिस्तान के कई ऑपरेशन पहले भी हुए फेल

पाकिस्तान के ऑपरेशन जाफर से पहले भी कई ऑपरेशन नाकाम हो चुके हैं। 1965 में भारत के जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कर कब्जा करने के लिए पाकिस्तानी फौज ने ऑपरेशन जिब्राल्टर चलाया था, जिसे भारतीय सेना पूरी तरह नाकाम कर दिया था। इसी तरह 1965 के युद्ध के दौरान पाकिस्तानी फौज ने ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम चलाया था, जो बुरी तरह फेल रहा था। इसी तरह 1999 में कारगिल पर कब्जे के लिए पाकिस्तान ने गुप्त रूप से ऑपरेशन कोहे पाइमा चलाया था, जो भारतीय सेना की वजह से फेल हो गया था।

बलूचिस्तान के लोगों पर पाकिस्तान का जुल्म

बलूचिस्तान मुख्य रूप से एक जनजातीय समाज है जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है। यह कुल भूभाग का 46% है। हालांकि, आबादी के हिसाब से यह सबसे छोटा यानी कुल जनसंख्या का लगभग 6% है। बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे पिछड़ा प्रांत है। बलूचिस्तान हाइड्रोकार्बन और सोने जैसे खनिजों से समृद्ध है, फिर भी इसके 1.5 करोड़ निवासियों में से 70% गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं। पाकिस्तान के बनने के बाद से ही वहां की सरकारों ने बलूचिस्तान के लोगों पर दमन किया। उनके साथ दोयम दर्जे का बर्ताव किया। यही वजह है कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी बलूचिस्तान की आजादी की मांग कर रही है।

पाकिस्तान पर फिट बैठता है जैसी करनी, वैसी भरनी वाला मुहावरा

इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने ट्रेन अपहरण कांड के बाग भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। पाकिस्तान, जिसने दशकों से आतंकवादियों को पाला पोसा है, दर्जनों आतंकी संगठन बनाए हैं, लोगों में जिहाज का जहर भरा है, वो अब भारत के खिलाफ बेहूदे आरोप लगा रहा है। पाकिस्तान की आतंक को पालने के चलते उसे जैसी करनी, वैसी भरनी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। शहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने आरोप लगाया कि 'ट्रेन अपहरण कांड के पीछे भारत के हाथ हैं।' उन्होंने डॉन से बात करते हुए कहा है कि अफगानिस्तान के अंदर से भारत इन्हें ऑपरेट कर रहा है। राणा सनाउल्लाह से डॉन के एंकर ने पूछा था कि क्या अफगानिस्तान के अंदर तहरीक-ए-तालिबान (TTP) से बलूचों को मदद मिलती है, क्या इनके आपस में संबंध हैं?', इस सवाल का जवाब देते हुए राणा सनाउल्लाह ने कहा कि ये इंडिया कर रहा है। इसमें कोई शक नहीं है। और उसके बाद उन्हें सेफ हेवन अफगानिस्तान में मिला है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,