दुनिया के 5 देशों में बिहार से राजस्थान तक की ग्लोबल ब्रांडिंग कैसे हुई?

PM Modi five-nation visit: पीएम मोदी ने 2 से 9 जुलाई तक पांच देशों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने त्रिनिदाद एंड टोबैगो की प्रधानमंत्री को विशेष तोहफे देकर उनकी जड़ों को याद दिलाया और प्रभु श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या की ब्रांडिंग की. वहीं अर्जेंटीना के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को खास तोहफे देकर राजस्थान और बिहार की विशेषताओं से रू-ब-रू कराया. जानिए, उन्होंने राष्ट्रध्यक्षों को क्या-क्या तोहफे दिए.

दुनिया के 5 देशों में बिहार से राजस्थान तक की ग्लोबल ब्रांडिंग कैसे हुई?
दुनिया के 5 देशों में बिहार से राजस्थान तक की ग्लोबल ब्रांडिंग कैसे हुई?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच देशों का दौरा किया. सबसे पहले वह त्रिनिदाद एंड टोबैगो गए. वहां से घाना और फिर अर्जेंटीना पहुंचे. इसके बाद ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और फिर द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लिया. वहां से प्रधानमंत्री नामीबिया पहुंचे. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने साथ ले जाए गए अलग-अलग तोहफे संबंधित देशों के राष्ट्राध्यक्षों को प्रदान किए. इनके जरिए अपने देश के अलग-अलग राज्यों की ब्रांडिंग भी की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो की प्रधानमंत्री को विशेष तोहफे देकर उनकी जड़ों को याद दिलाया और प्रभु श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या की ब्रांडिंग की. वहीं अर्जेंटीना के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को खास तोहफे देकर राजस्थान और बिहार की विशेषताओं से रू-ब-रू कराया.

आइए जान लेते हैं कि अपने दौरे में प्रधानमंत्री ने कैसे अयोध्या, बिहार, राजस्थान और महाराष्ट्र और वहां के उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग की?

त्रिनिदाद एंड टोबैगो की PM को दी राम मंदिर की प्रतिकृति

प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय मूल की त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर को अयोध्या में बने श्रीराम मंदिर की चांदी से बनाई गई प्रतिकृति तोहफे में दी है. लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में बना श्रीराम मंदिर अब धार्मिक पर्यटन का बड़ा केंद्र बन चुका है और देश के सबसे पवित्र आध्यात्मिक स्थलों में से एक है.

प्रधानमंत्री अपने साथ ले गए इसकी चांदी की प्रतिकृति को उत्तर प्रदेश के कारीगरों ने हाथों से तैयार किया है. इसके जरिए राम मंदिर की भव्यता के साथ ही जटिल वास्तुकला को भी दर्शाने का प्रयास किया गया है. शुद्ध चांदी से बनाए गए इस छोटे से राम मंदिर के जरिए उत्तर प्रदेश की धातु कला और मंदिर कला की समृद्ध विरासत को दर्शाया गया है.

सरयू का जल कलश भी भेंट किया

इसके अलावा अयोध्या के आध्यात्मिक महत्व को दर्शाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कमला प्रसाद बिसेसर को अयोध्या में बहने वाली सरयू नदी के पवित्र जल से भरा एक कलश भी भेंट किया. इसके जरिए पवित्रता, आशीर्वाद और आध्यात्मिक गौरव से उनका नाता जोड़ा. दरअसल, भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में बहने वाली सरयू का हिन्दू परंपरा में विशेष महत्व है. मान्यता है कि यह सभी पापों का नाश करती है. साथ ही जीवन में शांति, सुख और समृद्धि लाती है. इसके अलावा जिस धातु के कलश में जल ले जाया गया है, वह भी पवित्रता और प्रचुरता का प्रतीक है.

Pm Modi Five Nation Visit

तोहफे जो पीएम मोदी ने राष्ट्रध्यक्षों को दिए.

राजस्थान में बना चांदी का शेर अर्जेंटीना के राष्ट्रपति को भेंट किया

अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने साथ ले जाया गया फ्यूचसाइट स्टोन बेस पर हाथ से उकेरा गया चांदी का शेर उपहार में दिया है. इसके जरिए राजस्थान की प्रसिद्ध धातु और रत्न कला को दुनिया के सामने दर्शाया. यह राजस्थान के धातुकर्म का एक शानदार उदाहरण है.

चांदी का यह शेर साहस और नेतृत्व का प्रतीक माना गया है. वहीं, फ्यूचसाइट स्टोन बेस के जरिए प्राकृतिक सुंदरता और अर्थ से जोड़ा जाता है. राजस्थान के कुशल कारीगरों ने भारत में स्थित खनिज समृद्ध क्षेत्रों से मिली शुद्ध चांदी और फ्यूचसाइट स्टोन बेस का उपयोग करके इस शेर को तैयार किया है. इसके जरिए अर्जेंटीना होते हुए पूरी दुनिया में राजस्थान की इस कला की ब्रांडिंग प्रधानमंत्री ने की है.

अर्जेंटीना में की बिहार की मधुबनी पेंटिंग की ब्रांडिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवल अर्जेंटीना के राष्ट्रपति को ही उपहार नहीं दिया, बल्कि वहां की उपराष्ट्रपति विक्टोरिया विलारुएल को भी अपने साथ ले जाया गया तोहफा भेंट किया. उनके लिए प्रधानमंत्री मोदी अपने साथ मधुबनी पेंटिंग ले गए थे, जिसे उनको भेंट किया. उपराष्ट्रपति को भेंट की गई मधुबनी पेंटिंग में सूर्य को उकेरा गया है.

वास्तव में मधुबनी पेंटिंग भारत की सबसे पुरानी लोक कला परंपराओं में से एक मानी जाती है. यह बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र की कला है, जो पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करती रही है. मधुबनी पेंटिंग को बोल्ड लाइनों, जटिल पैटर्न और प्राकृतिक रंगों के लिए जाना जाता है. असल में मधुबनी पेंटिंग पारंपरिक रूप से त्योहारों के दौरान दीवारों पर सजाई जाती है, जिसके जरिए समृद्धि आने और नकारात्मकता दूर करने की कामना की जाती है. इसके अलावा अब तो मधुबनी पेंटिंग ट्रेन के डिब्बों से लेकर साड़ियों तक पर उकेरी जाती है.

महाराष्ट्र की वारली पेंटिंग

अपनी यात्रा के चौथे चरण में प्रधानमंत्री ने ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया. इसके बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के निमंत्रण पर वह ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया पहुंचे, जहां दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय बैठक की. इस दौरे के दौरान ब्राजील ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस से भी प्रधानमंत्री मोदी को नवाजा. यहां पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा को महाराष्ट्र की पारंपरिक वारली पेंटिंग भेंट की. यह एक जनजातीय कला जो जीवन, प्रकृति और मानव भावनाओं का प्रतीक है. वहां से प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के अंतिम चरण में नामीबिया पहुंचे.

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