तुर्किए में कुर्द चरमपंथियों के संघर्षविराम के मायने क्या? यह ‘खलीफा’ एर्दोगन की जीत या सियासी चाल

तुर्किए के एक मीडिया समूह ने कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के ​हथियार डालने की खबर प्रसारित करके सबको हैरान कर दिया। उसने खबर में भी यही कहा कि कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के नेता ओचालन की बात मानकर उसके साथियों ने पार्टी भंग कर दी है, अब हथियारबंद आंदोलन समाप्त हो जाएगा। आखिरकार तुर्किए से अपनी ‘आजादी’ […]

Mar 3, 2025 - 18:55
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तुर्किए में कुर्द चरमपंथियों के संघर्षविराम के मायने क्या? यह ‘खलीफा’ एर्दोगन की जीत या सियासी चाल

तुर्किए के एक मीडिया समूह ने कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के ​हथियार डालने की खबर प्रसारित करके सबको हैरान कर दिया। उसने खबर में भी यही कहा कि कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के नेता ओचालन की बात मानकर उसके साथियों ने पार्टी भंग कर दी है, अब हथियारबंद आंदोलन समाप्त हो जाएगा।


आखिरकार तुर्किए से अपनी ‘आजादी’ की जंग लड़ते आ रहे कुर्द चरमपंथी संगठन ने खुद को इस्लामी जगत का ‘खलीफा’ मानने वाले राष्ट्रपति एर्दोगन के सामने घुटने टेक दिए हैं। हालांकि इस संगठन का नेता इस वक्त कैद में है, लेकिन उसने इच्छा जताई थी कि संगठन को हथियार डालकर खुद को विघटित करना होगा और अपने नेता की बात मानकर कार्यकर्ताओं ने ​संगठन की चार दशक पुरानी लड़ाई रोक दी।

कुर्दों का यह चरमपंथी संगठन है कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी। यह संगठन तुर्किए की सत्ता के सामने 1984 से ही आजादी की मांग पर हथियार उठाए हुए था। कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी तुर्किए सरकार की आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल रहा है। कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी का अगुआ अब्दुल्ला ओचालान को जेल की सजा काटते हुए 26 साल हो चले हैं। जेल में ही ओचालान ने अपने साथियों के सामने अपनी इच्छा व्यक्त की। उससे मिलने के बाद, सहयोगियों ने बयान जारी करके कहा कि जितने भी चरमपंथी गुट हैं उन्हें हथियार डालकर बेशर्त अपना आंदोलन खत्म कर देना चाहिए। इसके साथ ही बयान के अनुसार, कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी को भी अपने को खत्म कर लेना होगा।

कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के ताजा बयान के बाद युद्धविराम की संभावनाएं बढ़ गई हैं। कुछ विशेषज्ञ इसे राष्ट्रपति एर्दोगन की एक बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं

तुर्किए के एक मीडिया समूह ने कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के ​हथियार डालने की खबर प्रसारित करके सबको हैरान कर दिया। उसने खबर में भी यही कहा कि कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के नेता ओचालन की बात मानकर उसके साथियों ने पार्टी भंग कर दी है, अब हथियारबंद आंदोलन समाप्त हो जाएगा।

अब हथियारबंद आंदोलन समाप्त हो जाएगा

यहां यह जानना दिलचस्प होगा कि अक्तूबर 2024 में तुर्किए में अंकारा शहर में एक घटना हुई थी, जिसे ‘आतंकवादी’ घटना बताया गया था। उसके विरुद्ध तुर्किए की फौज ने कार्रवाई की थी। फौज ने सीरिया और इराक़ के उत्तरी इलाकों में भी धावा बोला था जिन्हें कुर्दों का गढ़ ताना जाता है। उन स्थानों पर तुर्किए की फौज ने कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के कई ठिकाने ध्वस्त किए थे।

अब कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के ताजा बयान के बाद युद्धविराम की संभावनाएं बढ़ गई हैं। कुछ विशेषज्ञ इसे राष्ट्रपति एर्दोगन की एक बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं। वे क​ह रहे हैं कि तुर्किए की नाक में दम किए रहने वाला कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी संगठन खत्म होने से किंचित शांति आने की संभावना है।

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