ट्रंप के टैरिफ से पहले अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी गूगल को भारी राहत! घट गया जुर्माना, क्या है मामला

अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी गूगल को भारी राहत मिली है। NCLAT ने गूगल पर लगाए गए जुर्माने को काफी हद तक घटा दिया है। कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने गूगल पर प्ले स्टोर पॉलिसी के जरिए अपनी दबदबे वाली स्थिति का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।

Mar 29, 2025 - 05:33
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ट्रंप के टैरिफ से पहले अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी गूगल को भारी राहत! घट गया जुर्माना, क्या है मामला
नई दिल्ली: अपीलीय न्यायाधिकरण NCLAT ने अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी गूगल पर लगाए गए जुर्माने को घटा दिया। कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने गूगल पर प्ले स्टोर पॉलिसी के जरिए अपनी दबदबे वाली स्थिति का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। NCLAT ने CCI के फैसले को सही तो माना, लेकिन जुर्माने की रकम 936.44 करोड़ रुपये से घटाकर 216 करोड़ रुपये कर दी। एनसीएलएटी ने शुक्रवार को प्रतिस्पर्धा आयोग सीसीआई के इस निष्कर्ष को बरकरार रखा कि कंपनी की ऐप स्टोर नीति डेवलपरों के लिहाज से अनुचित और प्रतिबंधात्मक है। हालांकि एनसीएलएटी ने सीसीआई की तरफ से गूगल पर लगाए गए 936.44 करोड़ रुपये के जुर्माने में भारी कटौती कर 216 करोड़ रुपये कर दिया। एनसीएलएटी ने 104 पन्नों के अपने आदेश में कहा कि गूगल ने बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग किया है और कानून की धारा का उल्लंघन किया है।हालांकि इसने यह भी कहा कि विभिन्न मापदंडों के आधार पर मोबाइल ऐप्स से 15 से 30 प्रतिशत सेवा शुल्क वसूलने में गूगल ने कोई उल्लंघन नहीं किया था। ट्रिब्यूनल के प्रमुख न्यायमूर्ति अशोक भूषण और तकनीकी सदस्य बरुण मित्रा की दो-सदस्यीय पीठ ने कहा कि कुछ धाराओं में गूगल का उल्लंघन साबित नहीं हुआ, लेकिन उल्लंघन के सबूत पर जुर्माना लगाया जा सकता है। एनसीएलएटी के मुताबिक इस आदेश के पैरा 105 में निहित गणना के अनुरूप गूगल पर लगाया गया जुर्माना संशोधित किया गया है। इस तरह पिछले तीन वर्षों के कारोबार के लिए गूगल पर लगाए गए 936.44 करोड़ रुपये के जुर्माने को संशोधित कर 216.69 करोड़ रुपये किया गया है।

जुर्माना घटाया

एनसीएलएटी ने कहा कि चूंकि गूगल ने पहले ही वर्तमान अपील में जुर्माने का 10 प्रतिशत जमा कर दिया है, लिहाजा उसे जुर्माने की शेष राशि आज से 30 दिनों के भीतर जमा करनी होगी। इससे पहले 25 अक्टूबर, 2022 को प्रतिस्पर्धा आयोग ने गूगल पर अपने प्ले स्टोर से जुड़ी नीतियों के संबंध में अपनी प्रमुख बाजार स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इस फैसले को अल्फाबेट इंक और गूगल ने एनसीएलएटी के समक्ष चुनौती दी थी।एनसीएलएटी ने अपने फैसले में सीसीआई के उस निर्देश को बरकरार रखा है कि गूगल ऐप डेवलपरों को ऐप से खरीदारी या ऐप को खरीदने के लिए किसी भी तीसरे पक्ष की बिलिंग/ भुगतान प्रसंस्करण सेवाओं का उपयोग करने की अनुमति देगा। इसके अलावा गूगल ऐप डेवलपरों पर कोई एंटी-स्टीयरिंग प्रावधान नहीं लगाएगा और उन्हें अपने ऐप एवं पेशकशों को बढ़ावा देने के लिए उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद करने से नहीं रोकेगा।

दूसरे ऐप से भेदभाव

अपीलीय न्यायाधिकरण ने यह भी कहा है कि गूगल भारत में यूपीआई के जरिये भुगतान की सुविधा देने वाले दूसरे ऐप के साथ कोई भेदभाव नहीं करेगा। हालांकि इसने सीसीआई के उस निर्देश को दरकिनार कर दिया जिसमें गूगल को अपने प्लेटफॉर्म पर एकत्र किए जाने वाले डेटा, ऐसे डेटा के उपयोग और डेटा को साझा किए जाने पर एक स्पष्ट और पारदर्शी नीति निर्धारित करने को कहा गया था।(भाषा से इनपुट के साथ)

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