क्या ईरान का इस्लामिक रिवोल्युशनरी गार्ड कॉर्प्स आतंकी संगठन है? क्यों ब्रिटेन में साथ आए 550 सांसद

ईरान के खिलाफ दुनियाभर में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। ऐसा ही हाल ब्रिटेन में भी देखने को मिला है। वहां के 550 सांसदों और उनके सहयोगियों ने कीर स्टार्मर सरकार पर दवाब बढ़ाना शुरू कर दिया है कि वो ईरान के इस्लामिक रिवोल्युशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) को आतंकी संगठन घोषित करे। ये मांग ब्रिटेन […]

May 18, 2025 - 20:07
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क्या ईरान का इस्लामिक रिवोल्युशनरी गार्ड कॉर्प्स आतंकी संगठन है? क्यों ब्रिटेन में साथ आए 550 सांसद
IRGC terrorist organisation

ईरान के खिलाफ दुनियाभर में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। ऐसा ही हाल ब्रिटेन में भी देखने को मिला है। वहां के 550 सांसदों और उनके सहयोगियों ने कीर स्टार्मर सरकार पर दवाब बढ़ाना शुरू कर दिया है कि वो ईरान के इस्लामिक रिवोल्युशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) को आतंकी संगठन घोषित करे। ये मांग ब्रिटेन के एंटी टेररिस्ट पुलिस के द्वारा तीन ईरानी नागरिकों को एनएसए के तहत आरोपी बनाए जाने के बाद उठी है।

ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के दिनों में ब्रिटेन में तीन अलग-अलग आतंकवाद विरोधी अभियानों में कई ईरानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद से ही ये मांग जोर पकड़ने लगी है। आईआरजीसी को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग करने वाले सांसदों के एक क्रॉस पार्टी समूह ने एक पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। हस्ताक्षर करने वालों में लेबर पार्टी के ही पूर्व नेता नील किन्नॉक, पूर्व कंजर्नवेटिव पार्टी के नेता सर इयान डंकन स्मिथ और पूर्व गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन शामिल हैं।

इस पत्र का समन्वय करने वाले टोरी सांसद बॉब ब्लैकमैन का कहना है कि ईरान का इस्लामी आतंकवाद हमारी धरती तक पहुंच गया है। हाल ही में यूके में कई ईरानियों से जुड़ी साजिशों को नाकाम कर दिया है। उल्लेखनीय है कि जिन तीन ईरानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है, उसमें 39 वर्षीय मुस्तफा सेपहवंद, 44 वर्षीय फरहाद जावदी मानेश और 56 साल के अधेड़ शापूर कलेहाली खानी नूरी को 3 मई को लंदन स्थित उनके घरों से गिरफ्तार किया गया था।

अमेरिका IRGC को मानता है आतंकी संगठन

बॉब ब्लैकमैन का कहना है कि हमारे सहयोगी देश अमेरिका ने कई साल पहले ही इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। हमारे देश का शासन इतना कमजोर कभी नहीं रहा है, राजनीति और कूटनीतिक चालों को अलग रखते हुए हमें सबसे पहले IRGC को आतंकी संगठन के तौर पर घोषित करना चाहिए। इन सांसदों का तर्क है कि IRGC को बिना किसी प्रतिबंध के काम करने की अनुमति देना सत्तावादी सरकारों को गलत संदेश देता है।

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