कुल्लू कोर्ट ने चार लोगों को ठहराया दोषी:फर्जी दस्तावेजों से आंगनबाड़ी में नौकरी पाने का मामला, सभी को तीन साल की सजा

कुल्लू जिले की कोर्ट ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आंगनबाड़ी में नौकरी हासिल करने के मामले में चार लोगों को सजा सुनाई है। मामला बंजार क्षेत्र के शल्याउड़ी गांव का है। महिला ने परिवार की वार्षिक आय कम दिखाकर अपनी बहू की नौकरी लगवाई। कोर्ट ने मूर्त देवी, उनके पति नीरत राम और बहू निर्मला देवी को धारा 420 के तहत तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही हर एक पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में शामिल तत्कालीन पंचायत सचिव देवेंद्र कुमार को भी धारा 420 और पीसी एक्ट 1988 के तहत तीन-तीन साल की सजा और 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। तलाक के फर्जी दस्तावेज बनवाए बता दें कि यह मामला 2014 का है। शिकायतकर्ता बिमला देवी ने आरोप लगाया था कि मूर्त देवी ने अपने पति नीरत राम से मिलकर परिवार की वार्षिक आय कम दिखाई। उन्होंने अपनी बहू निर्मला देवी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी दिलाने के लिए झूठा एफिडेविट तैयार किया। साथ ही तलाक के फर्जी दस्तावेज भी बनवाए। दूसरी पंचायत को भेजा नाम तत्कालीन पंचायत सचिव देवेंद्र कुमार ने इन लोगों से मिलीभगत कर मूर्त देवी का नाम परिवार रजिस्टर से काटकर दूसरी पंचायत चकुरठा को भेज दिया। इसके बाद मूर्त देवी का नाम पंचायत चकुरठा के परिवार रजिस्टर में अकेला दर्ज हुआ। इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निर्मला देवी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी हासिल की थी। कोर्ट ने अभियोग के 25 गवाहों व रिकार्ड के अनुसार सुनवाई को पूरा किया।

Mar 22, 2025 - 05:29
Mar 22, 2025 - 06:11
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कुल्लू कोर्ट ने चार लोगों को ठहराया दोषी:फर्जी दस्तावेजों से आंगनबाड़ी में नौकरी पाने का मामला, सभी को तीन साल की सजा

कुल्लू जिले की कोर्ट ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आंगनबाड़ी में नौकरी हासिल करने के मामले में चार लोगों को सजा सुनाई है। मामला बंजार क्षेत्र के शल्याउड़ी गांव का है। महिला ने परिवार की वार्षिक आय कम दिखाकर अपनी बहू की नौकरी लगवाई। कोर्ट ने मूर्त देवी,

उनके पति नीरत राम और बहू निर्मला देवी को धारा 420 के तहत तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही हर एक पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में शामिल तत्कालीन पंचायत सचिव देवेंद्र कुमार को भी धारा 420 और पीसी एक्ट 1988 के तहत तीन-तीन साल की सजा और 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। 

तलाक के फर्जी दस्तावेज बनवाए बता दें कि यह मामला 2014 का है। शिकायतकर्ता बिमला देवी ने आरोप लगाया था कि मूर्त देवी ने अपने पति नीरत राम से मिलकर परिवार की वार्षिक आय कम दिखाई। उन्होंने अपनी बहू निर्मला देवी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी दिलाने के लिए झूठा एफिडेविट तैयार किया। साथ ही तलाक के फर्जी दस्तावेज भी बनवाए। दूसरी पंचायत को भेजा नाम तत्कालीन पंचायत सचिव देवेंद्र कुमार ने इन लोगों से मिलीभगत कर मूर्त देवी का नाम परिवार रजिस्टर से काटकर दूसरी पंचायत चकुरठा को भेज दिया।

इसके बाद मूर्त देवी का नाम पंचायत चकुरठा के परिवार रजिस्टर में अकेला दर्ज हुआ। इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निर्मला देवी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी हासिल की थी। कोर्ट ने अभियोग के 25 गवाहों व रिकार्ड के अनुसार सुनवाई को पूरा किया।

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