Vikat Sankashti Chaturthi kab hai: 16 या 17 अप्रैल कब है विकट संकष्टी चतुर्थी, यहां दूर करें कन्फ्यूजन!

Vikat Sankashti Chaturthi April 2025 date: हर साल वैशाख महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है. कहते हैं इस दिन बप्पा की पूजा करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के दुख और तनाव से मुक्ति मिलती है.

Apr 13, 2025 - 04:39
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Vikat Sankashti Chaturthi kab hai: 16 या 17 अप्रैल कब है विकट संकष्टी चतुर्थी, यहां दूर करें कन्फ्यूजन!
Vikat Sankashti Chaturthi kab hai: 16 या 17 अप्रैल कब है विकट संकष्टी चतुर्थी, यहां दूर करें कन्फ्यूजन!

Vikat Sankashti Chaturthi 2025: विकट चतुर्थी का व्रत प्रथम पूजनीय देवता भगवान गणेश को समर्पित हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, यह व्रत हर साल वैशाख महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखने और रात को चंद्रोदय के समय गणेश जी की पूजा करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में शांति आती है. वहीं इस बार विकट चतुर्थी व्रत की तिथि को लेकर कुछ कन्फ्यूजन बना हुआ है, तो आइए जान लेते हैं कि इस बार यह व्रत कब किया जाएगा.

विकट संकष्ट चतुर्थी कब है?|Vikat Sankashti Chaturthi 2025 date

पंचांग के अनुसार, वैशाख माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 16 मिनट पर होगी. वहीं तिथि का समापन 17 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 23 मिनट पर होगा. इस दिन चंद्रोदय के समय पूजा का विधान है. ऐसे में 16 अप्रैल को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी.

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विकटसंकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय का समय|Moonrise time on Vikat Sankashti Chaturthi

विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय रात्रि 10 बजे होगा. इस समय व्रती चंद्रमा दर्शन और अर्घ्य देकर पूजा संपन्न कर सकते हैं.

विकट संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि |Vikat Sankashti Chaturthi Puja Vidhi

विकट संकष्ट चतुर्थी के दिन शुभ मुहूर्त में गणेश जी की मूर्ति को पंचामृत से स्न्नान करा कर सिंदूर, दूर्वा, गंध, अक्षत, अबीर, गुलाल, सुंगधित फूल, जनेऊ, सुपारी, पान, मौसमी फल अर्पित करें. पूजा के समय गणेश जी की मूर्ति न होने पर एक साबुत सुपारी को ही गणेश जी मानकर पूजन किया जा सकता है. फिर दूर्वा अर्पित करके मोदक का प्रसाद लगाएं एवं दीप-धूप से उनकी आरती कर लें.

इन मंत्रों का जाप | Vikat Sankashti Chaturthi Puja Mantra

ॐ गं गणपतये नमः

  • वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
    निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
  • गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
    नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।
  • धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
    गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।
  • विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लंबोदराय सकलाय जगद्धितायं।
    नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते।।
  • एकदंताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नमः।
    प्रपन्न जनपालाय प्रणतार्ति विनाशिने।।

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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