Sharda University: दादा थे स्वतंत्रता सेनानी, पोते ने बनाई ऐसी यूनिवर्सिटी, आगरा से उज्बेकिस्तान तक फैला है कैंपस, कौन हैं प्रदीप कुमार गुप्ता?

Sharda University Founder Pradeep Kumar Gupta: शारदा यूनिवर्सिटी के मालिक का नाम प्रदीप कुमार गुप्ता है. वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले हैं. उन्होंने कॉलेज खोलने की शुरुआत आगरा से ही की थी और आज वह यूनिवर्सिटी के मालिक हैं. शारदा यूनिवर्सिटी में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि 80 से भी अधिक देशों के छात्र पढ़ाई करने आते हैं.

Mar 21, 2025 - 13:18
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Sharda University: दादा थे स्वतंत्रता सेनानी, पोते ने बनाई ऐसी यूनिवर्सिटी, आगरा से उज्बेकिस्तान तक फैला है कैंपस, कौन हैं प्रदीप कुमार गुप्ता?
Sharda University: दादा थे स्वतंत्रता सेनानी, पोते ने बनाई ऐसी यूनिवर्सिटी, आगरा से उज्बेकिस्तान तक फैला है कैंपस, कौन हैं प्रदीप कुमार गुप्ता?

शारदा यूनिवर्सिटी देश की एक जानी-मानी यूनिवर्सिटी है, जिसे शारदा ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशंस के नाम से भी जाना जाता है. यह आज के समय में उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एजुकेशनल ग्रुप है, जिसमें 2-4 हजार नहीं बल्कि 17 हजार से भी अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैं और शिक्षकों की संख्या भी 1 हजार से अधिक है. इस यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर निकले हजारों छात्र आज बड़ी-बड़ी कंपनियों में बड़े पदों पर काम कर रहे हैं, पर क्या आप जानते हैं कि शारदा यूनिवर्सिटी के मालिक कौन हैं, कहां के रहने वाले हैं और कितने पढ़े लिखे हैं? आइए जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी के बारे में.

शारदा ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशंस की स्थापना साल 1996 में हुई थी. 180 एकड़ में फैला यह विश्वविद्यालय सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसका कैंपस विदेश में भी है. शारदा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की शाखाएं ग्रेटर नोएडा से लेकर आगरा और उज्बेकिस्तान तक में फैली हुई हैं. इस यूनिवर्सिटी में भारत के अलावा 85 से भी अधिक ऐसे देश हैं, जहां के छात्र यहां पढ़ाई करते हैं. यह विश्वविद्यालय यूजीसी-मान्यता प्राप्त ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी भी करवाता है. यहां इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, मेडिकल, आर्किटेक्ट, डिजाइन, कानून (लॉ), कंप्यूटर एप्लिकेशन, पत्रकारिता, फिल्म एंड टीवी प्रोडक्शन, मानविकी, मूल विज्ञान, बायोटेक्नोलॉजी, फार्मेसी और नर्सिंग आदि की पढ़ाई होती है.

कौन हैं शारदा यूनिवर्सिटी के मालिक?

शारदा ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशंस के संस्थापक प्रदीप कुमार गुप्ता हैं. मूल रूप से आगरा के रहने वाले पीके गुप्ता का जन्म 9 दिसंबर 1959 को हुआ था. उनके दादा मोहन लाल आर्य एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जबकि उनके पिता का दवाइयों का बिजनेस था, लेकिन वो भी अपने पिता की तरह सामाजिक कामों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे. जिस तरह बच्चों को किताबों से ज्यादा खेल में रुचि रहती है, उसी तरह प्रदीप गुप्ता का भी ध्यान खेल पर ज्यादा था. हालांकि बाद में उन्होंने पढ़ाई पर फोकस करना शुरू कर दिया था. उन्हें उद्योग रत्न पुरस्कार और उत्तर प्रदेश रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.

कितने पढ़े लिखे हैं?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदीप कुमार गुप्ता ने विक्टोरिया इंजीनियरिंग कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली थी और उसके बाद साल 1979 में एक ठेकेदार के रूप में काम करना शुरू किया. पढ़ाई पूरी करने के बाद से ही उनका लक्ष्य बिजनेसमैन बनना था. ऐसे में उन्होंने बाद में इंजीनियरिंग डिवाइस के निर्माण का बिजनेस शुरू कर दिया और इस बिजनेस को उत्तर भारत से दक्षिण भारत तक फैला दिया. इस दौरान जब अपने बिजनेस टूर पर होते थे, तो उन्होंने ध्यान दिया कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए छात्रों को बहुत संघर्ष करना पड़ता है. बस यहीं से उनके अंदर कॉलेज खोलने की ललक जगी.

आगरा में खोला पहला कॉलेज

उन्होंने कॉलेज खोलने से पहले कई जगहों का दौरा किया, इंजीनियरिंग कॉलेजों के बुनियादी ढांचे को समझा और आखिरकार आगरा में कॉलेज खोलने का फैसला किया. साल 1996 में उन्होंने हिंदुस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी नाम से इंजीनियरिंग कॉलेज खोला. इसके अगले ही साल उन्होंने एक और कॉलेज खोल लिया, जहां मैनेजमेंट की पढ़ाई होती थी.

कॉलेज खोलने का उनका ये सिलसिला यहीं नहीं थमा बल्कि साल 1998 में उन्होंने आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज और साल 1999 में बाबू मोहनलाल आर्य स्मारक इंजीनियरिंग कॉलेज नाम से दो और कॉलेज खोले. इसके बाद भी उन्होंने कई कॉलेजों की स्थापना की. इसी दौरान उनके मन में एक यूनिवर्सिटी खोलने का विचार आया. बस फिर क्या था, साल 2009 में प्रदीप कुमार गुप्ता ने ग्रेटर नोएडा में शारदा यूनिवर्सिटी की स्थापना कर दी.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,