रामलला के दर्शन: प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्तों का हुजूम, तड़के तीन बजे से लगी कतार

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह श्री राम लला की पूजा करने और दर्शन करने के लिए श्री राम मंदिर के मुख्य द्वार पर भक्त सुबह तीन बजे से ही बड़ी संख्या में जुटने शुरू हो गए।

Jan 23, 2024 - 07:37
Mar 18, 2024 - 10:01
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रामलला के दर्शन: प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्तों का हुजूम, तड़के तीन बजे से लगी कतार

 रामलला के दर्शन की प्रक्रिया में कई बदलाव किए गए हैं और भक्तों के लिए आसानी होगी।

अस्थायी मंदिर में विराजमान रामलला के दर्शन 20 जनवरी की सुबह से बंद कर दिए गए थे। प्राण

प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों को फाइनल टच देने के उदेश्य से ट्रस्ट ने यह निर्णय किया था। दर्शन

 की शुरुआत सुबह सात बजे से होगी। पहली पाली में पूर्वाह्न 11:30 बजे तक दर्शन हो सकेंगे।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह श्री राम लला की पूजा करने और दर्शन करने के लिए श्री राम मंदिर के मुख्य द्वार पर भक्त सुबह तीन बजे से ही बड़ी संख्या में जुटने शुरू हो गए। आज से रामलला आम श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। सभी भक्तों के लिए नव्य राम मंदिर के द्वार खुल जाएंगे। गर्भगृह में विराजमान आराध्य के साथ नवीन विग्रह को भी श्रद्धालु निहार सकेंगे। भीड़ बढ़ने पर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट दर्शन की अवधि को विस्तार देगा।

  1. दर्शन का समय: दर्शन का समय सुबह 7 बजे से शुरू हो रहा है और पहली पाली में पूर्वाह्न 11:30 बजे तक दर्शन हो सकते हैं। इसके बाद दूसरी पाली में दोपहर 2 बजे से शाम 6:30 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है।

  1. रंगीन वस्त्र: रामलला विशेष दिनों में विभिन्न रंगों के वस्त्र पहनेंगे। इसके साथ हर दिन भोग के लिए अलग-अलग प्रकार के आहार की व्यवस्था है।

  1. आरतियां: रामलला को अब 24 घंटे के आठों पहर में अष्टयाम सेवा होगी और छह बार आरतियां होंगी, जिनमें मंगला, शृंगार, भोग, उत्थापन, संध्या और शयन आरतियां शामिल हैं।

  1. दूपहर में भोग: रामलला को दोपहर में विभिन्न भोगों का आनंद लिया जाएगा, जिसमें पूड़ी-सब्जी, रबड़ी-खीर के अलावा हर घंटे दूध, फल और पेड़े शामिल हैं।

  1. समारोह की तैयारियां: अस्थायी मंदिर में रामलला के दर्शन 20 जनवरी से बंद हो गए थे, ताकि प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां की जा सकें।

सभी बदलाव भक्तों को आसानी से दर्शन करने का अवसर देने के लिए किए गए हैं और आम श्रद्धालुओं को भी इस प्रमाणिक स्थान पर अब दर्शन करने का सुअवसर है।