MahaKumbh: 580 किमी दूर रहकर भी बिछड़ों को मिला रहीं लेडी आईपीएस, पढ़ें नासा की वैज्ञानिक से IPS तक का सफर

‘सीख ले फूलों से गाफिल मुद्दआ-ए-जिंदगी, खुद महकना ही नहीं गुलशन को महकाना भी है।’ महाकुंभ क्षेत्र से 580 किमी दूर रहकर भी मेले में बिछड़े लोगों को अपनों से मिलाने का काम कर रहीं आईपीएस अनुकृति शर्मा पर यह पंक्तियां सटीक बैठती हैं।

MahaKumbh: 580 किमी दूर रहकर भी बिछड़ों को मिला रहीं लेडी आईपीएस, पढ़ें नासा की वैज्ञानिक से IPS तक का सफर
‘सीख ले फूलों से गाफिल मुद्दआ-ए-जिंदगी, खुद महकना ही नहीं गुलशन को महकाना भी है।’ महाकुंभ क्षेत्र से 580 किमी दूर रहकर भी मेले में बिछड़े लोगों को अपनों से मिलाने का काम कर रहीं आईपीएस अनुकृति शर्मा पर यह पंक्तियां सटीक बैठती हैं।