Kanpur: बेटा रिटायर्ड विंग कमांडर, पोता इंजीनियर… 80 साल की दादी को जर्मन शेफर्ड ने नोच डाला

कानपुर में पालतू जर्मन शेफर्ड डॉग के हमले से मालकिन मोहिनी त्रिवेदी की मौत हो गई. हमले के वक्त मोहनी त्रिवेदी का पोता घर में था, जो मैकेनिकल इंजीनियर है. वहीं मोहनी का एक बेटा वायुसेना से विंग कमांडर के पद से रिटायर है, जबकि एक बेटा कानपुर विकास भवन में नौकरी करता था, जिसकी मौत हो चुकी है.

Mar 20, 2025 - 19:20
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Kanpur: बेटा रिटायर्ड विंग कमांडर, पोता इंजीनियर… 80 साल की दादी को जर्मन शेफर्ड ने नोच डाला
Kanpur: बेटा रिटायर्ड विंग कमांडर, पोता इंजीनियर… 80 साल की दादी को जर्मन शेफर्ड ने नोच डाला

कानपुर के विकास नगर में होली वाले दिन एक दर्दनाक घटना हुई थी. एक पालतू जर्मन शेफर्ड ने अपनी 90 वर्षीय मालकिन पर हमला कर उनकी जान ले ली. होली वाले दिन 80 वर्षीय मोहनी देवी घर के आंगन में थीं. उनके यहां जर्मन शेपर्ड ब्रीड का कुत्ता रॉबर्ट पला हुआ था. किसी बात पर उन्होंने अपने कुत्ते को सिर पर छड़ी से मार दिया, जिसके बाद कुत्ते ने उनके ऊपर हमला कर दिया. कुत्ते ने बेदर्दी से बुजुर्ग महिला को इतना काटा कि उनकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना के समय महिला की बहू और पोता धीर त्रिवेदी घर पर थे, लेकिन दोनों के पैर में फ्रैक्चर की वजह से प्लास्टर बंधा था. इसलिए वो उठकर बचा नहीं पाए. बाद में जानकारी होने पर नगर निगम की टीम कुत्ते को अपने साथ ले गई.

कानपुर के विकास नगर क्षेत्र में रहने वाली मोहिनी त्रिवेदी अपनी बहू किरण और पोते धीर प्रशांत त्रिवेदी के साथ रहती थीं. मोहिनी के पति सिंचाई विभाग में अफसर थे और रिटायर होने के बाद तकरीबन 20 साल पहले उनकी मौत हो गई थी. मोहिनी के बेटे दिलीप त्रिवेदी भी विकास भवन में नौकरी करते थे, लेकिन पिछले वर्ष दिसंबर में उनका देहांत हो गया था. मोहिनी के दूसरे बेटे रिटायर्ड विंग कमांडर संजय त्रिवेदी पीरोड क्षेत्र में रहते हैं. बुजुर्ग महिला के पोते धीर बेंगलूरु की एक कंपनी में मैकेनिकल इंजीनियर हैं. एक हफ्ते पहले ही मोहिनी के पोते धीर और बहू किरण का पैर फ्रैक्चर हो गया, जिसकी वजह से दोनों के प्लास्टर चढ़ा था. इसीलिए हादसे के वक्त दोनों उठ कर मोहिनी को नहीं बचा सके. धीर मैकेनिकल इंजीनियर हैं और बैंगलोर में नौकरी करते थे. पिता के देहांत के बाद से वो कानपुर में रह रहे थे.

रॉबर्ट की मॉनिटरिंग की जा रही

मोहिनी पर हमला करने वाला जर्मन शेपर्ड ब्रीड का कुत्ता रॉबर्ट है. इस समय नगर निगम अधिकारियों की देख-रेख में रॉबर्ट की मॉनिटरिंग की जा रही है. सीवीओ आर के निरंजन के अनुसार, अभी तक कुत्ते में हिंसक प्रवृति दिखाई नहीं पड़ी है. वो बिल्कुल शांत है. नगर निगम के कर्मचारियों के साथ भी रॉबर्ट अच्छे से पेश आ रहा है. जब उसको खाना दिया जाता है, तब भी वो बिल्कुल शांत रहता है. रॉबर्ट किसी पर भी भौंक नहीं रहा है.

धीर ने नगर निगम में अपना कुत्ता वापस मांगने के लिए एफीडेविट लगाया है. इसलिए रॉबर्ट का व्यवहार जांचने के बाद ही अधिकारी यह निर्णय लेंगे कि रॉबर्ट को वापस उसके मालिक धीर को देना है या नहीं. हालांकि कानून के तहत अगर कोई शिकायत नहीं है तो किसी के पालतू जानवर को नहीं रखा जा सकता. वैसे भी जर्मन शेपर्ड प्रतिबंधित ब्रीड नहीं है और रॉबर्ट का नगर निगम में पंजीकरण भी पहले से किया हुआ है. इस समय रॉबर्ट की उम्र तकरीबन डेढ़ वर्ष है.

कानपुर में 2,750 कुत्तों का रजिस्ट्रेशन

अगर एक्ट की बात करें तो कुछ ब्रीड ऐसी होती हैं, जो प्रतिबंधित हैं. उनको कोई भी व्यक्ति अपने यहां नहीं पाल सकता है. ऐसी प्रतिबंधित ब्रीड का पंजीकरण भी नहीं किया जाता है. हालांकि जर्मन शेपर्ड प्रतिबंधित ब्रीड में नहीं आता है. इसके अलावा जो कुत्ते घर में पाले जाते हैं, उनके पंजीकरण और वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी उनके मालिक की होती है, जबकि आवारा कुत्तों की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होती है. कानपुर में मात्र 2,750 कुत्तों का पंजीकरण कराया गया है, जबकि हजारों की संख्या में लोगों ने कुत्ते पाले हुए हैं, जिनका पंजीकरण नहीं हुआ है.

कानपुर में इससे पहले भी कुत्तों द्वारा कुछ हादसे हुए हैं. हालांकि इसमें से ज्यादातर मामले ऐसे थे, जिसमें कुत्तों ने घर के बाहर किसी को काटा हो या फिर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया हो. पिछले वर्ष आवारा कुत्ते ने हमला करके एक बच्ची को मार डाला था. इसके अलावा एक मामले में विदेशी नस्ल के कुत्ते ने दो लोगों को घायल कर दिया था. ग्वालटोली में एक कुत्ते ने स्कूल में एक बच्चे और टीचर को काट लिया था. इसके अलावा भी कई मामलों में कुत्तों ने लोगों को काटा था. हालांकि अपने ही मालिक पर हमला करने और उसमें घर के सदस्य की मौत होने का यह संभवतः पहला मामला था.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,