Holika Dahan 2025 Shubh Muhurat: होलिका दहन कल, ये है पूजा का शुभ मुहूर्त; जानें विधि और महत्व

Holika Dahan 2025 Shubh Muhurat: हिंदू परंपरा के अनुसार, फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है और उसके अगले दिन देश भर में पूरी धूमधाम से रंगों पर्व होली मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार शुभ मुहूर्त में होलिका दहन और पूजन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.

Holika Dahan 2025 Shubh Muhurat: होलिका दहन कल, ये है पूजा का शुभ मुहूर्त; जानें विधि और महत्व
Holika Dahan 2025 Shubh Muhurat: होलिका दहन कल, ये है पूजा का शुभ मुहूर्त; जानें विधि और महत्व

Holika Dahan 2025 Puja Vidhi: इस साल होली का पर्व 14 मार्च को मनाया जाएगा. वहीं इसके पहले परंपरा के अनुसार होलिका दहन किया जाएगा. इस छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है. होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर मनाया जाता है. होलिका दहन से पहले महिलाएं घर में सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं. मान्यता के अनुसार, होलिका दहन से घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. वहीं यह कार्य शुभ मूहूर्त और पूरे विधि-विधान से किया जाए तो इसका शुभ फल प्राप्त होता है.

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त| Holika Dahan 2025 Shubh Muhurat

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त गुरुवार 13 मार्च को रात्रि 11 बजकर 26 मिनट से लेकर रात्रि 12 बजकर 30 मिनट पर होगा. ऐसे में होलिका दहन के लिए कुल 1 घंटे 4 मिनट का समय मिलेगा.

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होलिका दहन पूजा सामग्री| Holika Dahan 2025 Puja Samagri

होलिका दहन की पूजा सामग्री में घर की बनी गुजिया, कच्चा सूती धागा, नारियल, गुलाल पाउडर, रोली, अक्षत, धूप, फूल, गाय के गोबर से बनी गुलरी, बताशे, नया अनाज, मूंग की साबुत दाल, हल्दी का टुकड़ा और एक कटोरी पानी लें.

होलिका दहन पूजा विधि|Holika Dahan 2025 Puja Vidhi

  • मान्यता के अनुसार, होलिका दहन से पहले स्नान जरूर करना चाहिए.
  • उसके बाद होलिका पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके आसन ग्रहण करें.
  • फिर पूजा में गाय के गोबर से होलिका और प्रहलाद की मूर्तियां बनाएं.
  • आपको प्रसाद के रूप में फूलों की माला, रोली, धूप, फूल, कच्चा कपास, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, पांच या सात प्रकार के
  • अनाज, नया गेहूं और अन्य फसलों की बालियां लेनी चाहिए.
  • होलिका दहन की पूजा के लिए मीठा भोजन, मिठाई, फल और अन्य बड़े फूल वाले सामान भी होलिका में चढ़ाएं.
  • इसके अलावा भगवान नरसिंह की पूजा करें और सात बार होलिका की अग्नि की परिक्रमा करें.
  • परिक्रमा करते हुए घर के कल्याण की प्रार्थना करें.

होलिका दहन का महत्व| Holika Dahan Significance

होलिका दहन का अच्छाई पर बुराई की जीत का प्रतीक माना जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को यह वरदान प्राप्त था कि वह अग्नि में नहीं जल सकती. उसने भक्त प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठने का प्रयास किया, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जलकर भस्म हो गई. मान्यता है कि इस होलिक दहन के दौरान परिक्रमा करते हुए प्रार्थना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.