21 नवंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ,  आज का देश विदेश का इतिहास 

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Nov 20, 2024 - 19:22
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21 नवंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ,  आज का देश विदेश का इतिहास 

21 नवंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ,  आज का देश विदेश का इतिहास 

21 नवंबर  1877 - थॉमस अल्वा एडिसन ने पहला फोनोग्राफ पेश किया
21 नवंबर 1877 को थॉमस अल्वा एडिसन ने पहला फोनोग्राफ प्रस्तुत किया, जो ध्वनि रिकॉर्ड करने और उसे पुनः सुनने का पहला यंत्र था। इस आविष्कार ने संगीत उद्योग को नया आयाम दिया और ध्वनि अभियांत्रिकी के क्षेत्र में एक क्रांति की नींव रखी। एडिसन का यह अविष्कार रिकॉर्डिंग और सुनने के तरीकों में एक मील का पत्थर साबित हुआ।

21 नवंबर 1906 - चीन ने अफीम व्यापार पर रोक लगाई
21 नवंबर 1906 को चीन ने अफीम के व्यापार पर रोक लगाई। यह कदम अफीम के दुरुपयोग और समाज पर इसके नकारात्मक प्रभावों के मद्देनजर उठाया गया था। यह चीन के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक बदलाव था, जो स्वास्थ्य सुधारों और अंतरराष्ट्रीय दबाव के तहत हुआ था।

21 नवंबर 1921 - प्रिंस ऑफ वेल्स का मुंबई आगमन और कांग्रेस की हड़ताल
21 नवंबर 1921 को प्रिंस ऑफ वेल्स (सम्राट एडवर्ड अष्टम) मुंबई पहुंचे। उनके आगमन के विरोध में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया, जो उस समय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा था। यह हड़ताल भारतीयों के ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति विरोध का प्रतीक बनी।

21 नवंबर1947 - आजादी के बाद पहली बार डाक टिकट जारी
21 नवंबर 1947 को भारत ने स्वतंत्रता के बाद पहली बार डाक टिकट जारी किया। इस डाक टिकट पर भारत की स्वतंत्रता की प्रतीकात्मक छवि थी, जो भारतीय राष्ट्रीयता और स्वतंत्रता संग्राम के महत्व को दर्शाती थी। यह घटना भारतीय डाक व्यवस्था के इतिहास में महत्वपूर्ण मील का पत्थर थी।

21 नवंबर 1956 - शिक्षक दिवस का प्रस्ताव
21 नवंबर 1956 को एक प्रस्ताव लाकर भारत में शिक्षक दिवस को स्वीकृति दी गई। यह दिवस भारत में शिक्षकों के योगदान और शिक्षा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण कार्य को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन छात्रों और समाज को शिक्षकों के योगदान को समझने और सराहने के लिए प्रेरित करता है।

21 नवंबर 1962 - भारत-चीन सीमा विवाद और संघर्षविराम
21 नवंबर 1962 को भारत-चीन सीमा विवाद के दौरान चीन ने संघर्षविराम का ऐलान किया। यह ऐलान तब किया गया था जब सीमा पर लड़ा गया युद्ध समाप्त होने के कगार पर था। यह ऐलान भारत-चीन के तनावपूर्ण संबंधों के बीच एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जो दोनों देशों के लिए एक शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में बढ़ने का प्रयास था।

21 नवंबर 1963 - भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरु
21 नवंबर 1963 को केरल के थुंबा क्षेत्र से भारत ने अपना पहला रॉकेट, 'नाइक-अपाचे', छोड़ा। इस घटना से भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू हुआ, जो देश की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति में मील का पत्थर साबित हुआ। यह भारत के अंतरिक्ष अभियानों की शुरुआत थी और भारत ने धीरे-धीरे अंतरिक्ष की दुनिया में अपनी पहचान बनाई।

21 नवंबर 1979 - मक्का में काबा मस्जिद पर उग्रवादियों का अधिकार
21 नवंबर 1979 को मक्का में स्थित काबा मस्जिद पर मुस्लिम उग्रवादियों ने अधिकार कर लिया। इस घटना ने पूरी मुस्लिम दुनिया को हिलाकर रख दिया। मस्जिद में हुए इस कब्जे के दौरान भारी सुरक्षा बलों का सामना करना पड़ा और अंततः सऊदी सरकार ने इसे नियंत्रित किया।

21 नवंबर 1986 - मध्य अफ्रीकी गणराज्य ने संविधान अंगीकार किया
21 नवंबर 1986 को मध्य अफ्रीकी गणराज्य ने अपना नया संविधान अंगीकार किया। इस संविधान के माध्यम से देश में राजनीतिक और प्रशासनिक सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाया गया। संविधान के अंगीकरण ने देश में लोकतंत्र की स्थापना की प्रक्रिया को मजबूत किया।

21 नवंबर 1999 - चीन का प्रथम मानव रहित अंतरिक्ष यान 'शेनझू' का प्रक्षेपण
21 नवंबर 1999 को चीन ने अपना पहला मानव रहित अंतरिक्ष यान 'शेनझू' प्रक्षिप्त किया। यह चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था और चीन की अंतरिक्ष यात्रा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।

21 नवंबर 2001 - अफ़ग़ानिस्तान में अंतरिम प्रशासन का गठन
21 नवंबर 2001 को संयुक्त राष्ट्र ने अफ़ग़ानिस्तान में एक अंतरिम प्रशासन के गठन का प्रस्ताव रखा। इस कदम का उद्देश्य अफ़ग़ानिस्तान में शांति और सुरक्षा स्थापित करना था, जो तालिबान शासन के पतन के बाद महत्वपूर्ण था।

21 नवंबर 2002 - पाकिस्तान में जफ़रउल्ला ख़ान जमाली प्रधानमंत्री निर्वाचित
21 नवंबर 2002 को पाकिस्तान मुस्लिम लीग (कायदे आजम) के नेता जफ़रउल्ला ख़ान जमाली को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री निर्वाचित किया गया। उनका चुनाव पाकिस्तान की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना थी और उन्होंने देश के प्रशासन को मजबूत बनाने के प्रयास किए।

21 नवंबर 2002 - बुल्गारिया और अन्य देशों को नाटो का सदस्य बनने का निमंत्रण
21 नवंबर 2002 को नाटो (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन) ने बुल्गारिया, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, रोमानिया, स्लोवाकिया और स्लोवेनिया को संगठन का सदस्य बनने का निमंत्रण दिया। यह पश्चिमी सुरक्षा गठबंधन में इन देशों के समावेशन का पहला कदम था।

21 नवंबर 2005 - श्रीलंका में प्रधानमंत्री की नियुक्ति
21 नवंबर 2005 को श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने रत्नसिरी विक्रमनायके को श्रीलंका का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। यह नियुक्ति श्रीलंका के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव थी।

21 नवंबर 2006 - भारत और चीन के बीच नागरिक परमाणु ऊर्जा सहयोग
21 नवंबर 2006 को भारत और चीन ने नागरिक परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में साझा सहयोग बढ़ाने का फैसला किया। इस समझौते ने दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा से संबंधित सहयोग को बढ़ावा दिया और क्षेत्रीय सुरक्षा पर सकारात्मक प्रभाव डाला।

21 नवंबर 2007 - इंदिरा नूई को अमेरिकी इंडियन बिजनेस काउंसिल के निदेशक मंडल में शामिल किया गया
21 नवंबर 2007 को पैप्सिको की चेयरमैन इंदिरा नूई को अमेरिकी इंडियन बिजनेस काउंसिल के निदेशक मंडल में शामिल किया गया। उनका यह योगदान भारतीय-अमेरिकी व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने में मददगार साबित हुआ।

21 नवंबर 2008 - वैश्विक मंदी के बावजूद भारत की आर्थिक विकास दर
21 नवंबर 2008 को प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने वैश्विक मंदी के बावजूद भारत की आर्थिक विकास दर 8% रहने की संभावना व्यक्त की। यह भारत के आर्थिक सुधारों और उसकी मजबूती को दर्शाता है, हालांकि वैश्विक संकट के बावजूद विकास की दर सकारात्मक रही।

21 नवंबर विश्व दूरदर्शन दिवस (World Television Day):
विश्व दूरदर्शन दिवस 21 नवंबर को मनाया जाता है, जो 1996 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मनाने की घोषणा की गई थी। इस दिन को मनाने का उद्देश्य टेलीविजन के माध्यम से सूचना, शिक्षा और मनोरंजन की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देना है। टेलीविजन एक प्रभावी संचार माध्यम है, जिसने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसका उद्देश्य न केवल मनोरंजन करना है, बल्कि यह लोगों को जागरूक भी करता है और समाज में बदलाव लाने में मदद करता है।

21 नवंबर नवजात शिशु दिवस (Newborn Baby Week):
नवजात शिशु दिवस नवजात बच्चों के स्वास्थ्य और उनके जीवन को सुरक्षित रखने के लिए जागरूकता फैलाने का अवसर है। यह सप्ताह हर साल 21 नवंबर से शुरू होता है और इसके दौरान विभिन्न संगठन और स्वास्थ्य संस्थान नवजात शिशुओं के उचित देखभाल, पोषण और शिशु मृत्यु दर को कम करने के उपायों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इस दिन का मुख्य उद्देश्य शिशु के जन्म के बाद के पहले कुछ दिनों के दौरान उनकी देखभाल के महत्व को समझाना है, ताकि बच्चों के जीवन को बचाया जा सके और उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके।

21 नवंबर राष्ट्रीय औषधि दिवस (National Medicine Week):
राष्ट्रीय औषधि दिवस का आयोजन प्रत्येक वर्ष 21 नवंबर को होता है, जो औषधि और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में योगदान देने वाले चिकित्सकों और शोधकर्ताओं को सम्मानित करने का दिन है। इस दिन का उद्देश्य औषधि और चिकित्सा के क्षेत्र में शिक्षा, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, यह दिवस चिकित्सा विज्ञान में आ रहे नए बदलावों और नवीनतम उपचार विधियों के बारे में जागरूकता फैलाने में भी मदद करता है। यह दिवस विशेष रूप से चिकित्सकों के योगदान को मान्यता देने का अवसर प्रदान करता है।

21 नवंबर राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Week):
राष्ट्रीय एकता दिवस 21 नवंबर से शुरू होकर पूरे सप्ताह मनाया जाता है, और इसका मुख्य उद्देश्य भारत में एकता और अखंडता को बढ़ावा देना है। यह सप्ताह भारतीय समाज की विविधता में एकता के महत्व को याद दिलाने के लिए मनाया जाता है। इसमें विभिन्न समुदायों, धर्मों और संस्कृतियों के बीच सौहार्द और भाईचारे को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाता है। इस दौरान विभिन्न संगठनों और संस्थाओं द्वारा एकता, सहयोग और राष्ट्रीय एकता के संदेशों के साथ कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि समाज में किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त किया जा सके। 

21 नवंबर नवीन मलिक (2002)
नवीन मलिक भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान हैं, जिन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते हैं। उनका योगदान भारतीय कुश्ती को एक नई पहचान दिलाने में रहा है। उन्होंने 2018 एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन किया और भारतीय कुश्ती को गौरवान्वित किया। नवीन का नाम भारतीय पहलवानी में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और उन्होंने युवा पहलवानों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हैं।

21 नवंबर वी. संमुगनाथन (1949)
वी. संमुगनाथन भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे और बाद में मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर के राज्यपाल बने। वे एक प्रतिष्ठित प्रशासक और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न राज्य सरकारों में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। उनकी नीतियाँ और प्रशासनिक कुशलता इन राज्यों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

ज्ञानरंजन (1931) 21 नवंबर 
ज्ञानरंजन हिन्दी के प्रमुख और यशस्वी कथाकार थे। उनकी कृतियाँ भारतीय समाज और संस्कृति की गहरी समझ प्रस्तुत करती हैं। उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से समाज की विसंगतियों और मानवीय संवेदनाओं को बेहतरीन ढंग से चित्रित किया। उनके लेखों में मानवीय संघर्ष, सामाजिक मुद्दों और जीवन की जटिलताओं को प्रस्तुत किया गया है।

उज्ज्वला मजूमदार (1914) 21 नवंबर
उज्ज्वला मजूमदार भारत की प्रसिद्ध महिला क्रांतिकारी थीं। उनका योगदान स्वतंत्रता संग्राम में अतुलनीय था। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ मिलकर ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया। उन्होंने अपनी ज़िंदगी देश की आज़ादी के लिए समर्पित की और महिलाओं के अधिकारों के लिए भी संघर्ष किया। उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है।

हरे कृष्ण मेहताब (1899) 21 नवंबर
हरे कृष्ण मेहताब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता और आधुनिक उड़ीसा के निर्माताओं में से एक थे। उनका जीवन और कार्य उड़ीसा के सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के प्रतीक थे। उन्होंने राज्य में कृषि, शिक्षा और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की। उनकी नीति और नेतृत्व आज भी उड़ीसा की राजनीति में प्रभावी मानी जाती है।

नायक यदुनाथ सिंह (1916) 21 नवंबर
नायक यदुनाथ सिंह भारतीय सैनिक थे जिन्हें उनके अद्वितीय साहस और वीरता के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। वे भारतीय सेना में एक उच्च पदाधिकारी के रूप में कार्यरत थे और द्वितीय विश्व युद्ध में उन्होंने अद्वितीय योगदान दिया। उनका बलिदान और साहस आज भी भारतीय सेना के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

आनंदीबेन पटेल (1941) 21 नवंबर
आनंदीबेन पटेल गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं। उन्होंने राजनीति में अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से एक अलग पहचान बनाई। मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में गुजरात में कई विकास परियोजनाएँ शुरू की गईं, खासकर शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में। उनके कार्यों ने राज्य के विकास को नई दिशा दी।

लोकनाथ मिश्रा (1922) 21 नवंबर
लोकनाथ मिश्रा भारतीय राजनीतिज्ञ थे और अरुणाचल प्रदेश और असम के राज्यपाल रहे। उन्होंने अपने कार्यकाल में राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए कई योजनाएं बनाई। उनका प्रशासनिक दृष्टिकोण और मार्गदर्शन इन राज्यों में स्थिरता और प्रगति लाने में सहायक था। उन्होंने अपनी ज़िंदगी देश की सेवा में समर्पित कर दी।

नरेशचंद्र सिंह (1908) 21 नवंबर
नरेशचंद्र सिंह मध्य प्रदेश के छठे मुख्यमंत्री थे। उनका कार्यकाल मध्य प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। उनके नेतृत्व में राज्य ने कई विकास कार्यों को अंजाम दिया, खासकर कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में। उनका योगदान राज्य की राजनीति में अमूल्य रहेगा।

केसरी सिंह बारहट (1872) 21 नवंबर
केसरी सिंह बारहट एक प्रसिद्ध राजस्थानी कवि और स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका साहित्यिक कार्य और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान अविस्मरणीय है। वे राजस्थानी भाषा और साहित्य के प्रति अपनी निष्ठा और प्रेम के लिए प्रसिद्ध थे। उनका जीवन संघर्ष और साहित्य के प्रति उनके प्रेम का प्रतीक है।


गुरमीत बावा (2021) 21 नवंबर
गुरमीत बावा भारतीय पंजाबी गायिका थीं, जिन्होंने पंजाबी संगीत में अपनी आवाज से अलग पहचान बनाई। वे अपनी soulful गायकी के लिए जानी जाती थीं और उनके गीत आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। उनका निधन पंजाबी संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति थी।

कल्याण मल लोढ़ा (2009) 21 नवंबर
कल्याण मल लोढ़ा प्रसिद्ध शिक्षाविद, हिंदी लेखक, साहित्यिक आलोचक और समाज सुधारक थे। उन्होंने शिक्षा, साहित्य और समाज में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उनका योगदान आज भी भारतीय समाज में महत्वपूर्ण माना जाता है।

चंद्रशेखर वेंकट रामन (1970) 21 नवंबर
चंद्रशेखर वेंकट रामन भारतीय वैज्ञानिक थे, जिन्हें रमन प्रभाव के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। उनका योगदान भौतिकी में अविस्मरणीय था। वे भारतीय विज्ञान के एक महान हस्ताक्षर माने जाते हैं और उनके काम ने पूरी दुनिया में भारतीय विज्ञान को गौरवान्वित किया।

अविनाशलिंगम चेट्टियार (1921) 21 नवंबर
अविनाशलिंगम चेट्टियार भारतीय अधिवक्ता, गांधीवादी नेता, और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया और सामाजिक सुधारों के लिए भी काम किया। उनके योगदान ने भारतीय राजनीति और समाज में स्थायी प्रभाव छोड़ा।

सत्येंद्रनाथ बोस (1908) 21 नवंबर
सत्येंद्रनाथ बोस भारतीय क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने साहसिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध रहे। उनका योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अमूल्य है।

सिकन्दर शाह लोदी (1517) 21 नवंबर
सिकन्दर शाह लोदी दिल्ली का सुलतान था और बहलोल लोदी का पुत्र था। उसका शासनकाल लोदी वंश के पतन का समय था। उसकी नीति और प्रशासनिक कार्यों ने दिल्ली सलतनत की राजनीति पर गहरा असर डाला। उसका शासनकाल भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण माना जाता है।


महत्वपूर्ण अवसर और उत्सव 
21 नवंबर को विभिन्न ऐतिहासिक घटनाएँ और उत्सव होते हैं। यह दिन कई महान व्यक्तित्वों की जयंती और पुण्यतिथि के रूप में महत्वपूर्ण है। भारत और दुनिया भर में इस दिन को खास अवसरों के रूप में मनाया जाता है, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े आंदोलन और व्यक्तित्वों की याद की जाती है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार