क्या भारत-ब्रिटेन FTA से महंगी हो जाएंगी लग्ज़री कारें? Mercedes-Benz और BMW ने क्या कहा

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क्या भारत-ब्रिटेन FTA से महंगी हो जाएंगी लग्ज़री कारें? Mercedes-Benz और BMW ने क्या कहा
क्या भारत-ब्रिटेन FTA से महंगी हो जाएंगी लग्ज़री कारें? Mercedes-Benz और BMW ने क्या कहा

क्या भारत-ब्रिटेन FTA से महंगी हो जाएंगी लग्ज़री कारें? Mercedes-Benz और BMW ने क्या कहा

हाल ही में भारत और ब्रिटेन ने एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement - FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार के नए रास्ते खोलने के साथ-साथ, वस्तुओं, सेवाओं और मानव गतिशीलता को भी बढ़ावा देगा। इसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 60 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुना करना है।

इस समझौते में भारत ने अपने कुछ संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए कई महत्वपूर्ण रियायतें दी हैं, जिनमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र भी शामिल है। लेकिन सवाल यह है कि क्या इससे भारत में बिकने वाली लक्ज़री कारों की कीमतें कम होंगी या और महंगी हो जाएंगी?

क्या सस्ती होंगी Mercedes और BMW?

लक्ज़री कार निर्माता कंपनियों जैसे Mercedes-Benz और BMW ने इस समझौते पर अपनी-अपनी राय दी है। Mercedes-Benz India के एमडी और सीईओ संतोष अय्यर ने इस समझौते को मुक्त व्यापार की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम बताया, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि इसका तत्काल असर कारों की कीमतों पर नहीं पड़ेगा।

उनके अनुसार, "हम भारत में जितनी कारें बेचते हैं, उनमें से लगभग 95 प्रतिशत CKD (Completely Knocked Down) यूनिट होती हैं, यानी भारत में असेंबल की जाती हैं। ऐसे में इन पर पहले से ही केवल 15-16 प्रतिशत ही शुल्क लगता है। इसलिए FTA के बावजूद भारी कीमतों में गिरावट की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।"

सीमित कोटा और लंबी समयसीमा

FTA के तहत ब्रिटेन से आने वाले पेट्रोल और डीज़ल इंजन वाहनों पर शुल्क रियायतें पूर्व-निर्धारित कोटा तक सीमित हैं और ऑटोमोबाइल सेगमेंट में आयात शुल्क 10-15 वर्षों में धीरे-धीरे कम किया जाएगा। यानी अचानक से कोई बड़ा बदलाव नहीं देखने को मिलेगा।

BMW का रुख

BMW Group India के अध्यक्ष और सीईओ विक्रम पावाह ने भी इस समझौते को विकसित भारत के दृष्टिकोण में योगदान देने वाला” बताया। उन्होंने कहा कि यह समझौता जब पूरी तरह से लागू होगा और उसके बारीक पहलू सामने आएंगे, तब ही यह तय हो पाएगा कि भारतीय लक्ज़री सेगमेंट पर इसका असली असर क्या पड़ेगा।

पावाह ने आगे कहा कि BMW भारत में स्थानीय उत्पादन और स्थानीयकरण पर पहले से ही काफी फोकस कर रही है, और आगे भी करेगी। यानी BMW भी पूरी तरह से आयात पर निर्भर नहीं है, जिससे कीमतों पर सीमित असर पड़ेगा।

उपभोक्ताओं को कितना फायदा?

FTA से उपभोक्ताओं को लंबी अवधि में जरूर कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन तत्काल रूप से लक्ज़री कारों की कीमतों में कोई बड़ा बदलाव देखने की उम्मीद नहीं है। Mercedes-Benz और BMW जैसी कंपनियां खुद यह मानती हैं कि कीमतों में गिरावट को लेकर उम्मीदें अतिशयोक्तिपूर्ण हो सकती हैं।

इसके अलावा, यह समझौता ब्रिटेन के लिए भारत में व्हिस्की, कारों और अन्य उत्पादों के निर्यात को आसान बनाएगा। लेकिन भारत ने इसमें अपने संवेदनशील उद्योगों की रक्षा के लिए पर्याप्त उपाय किए हैं, जिससे घरेलू उद्योग पर प्रतिकूल असर हो।

भारत-ब्रिटेन एफटीए एक ऐतिहासिक और रणनीतिक कदम है जो भविष्य में व्यापार और निवेश को बढ़ाएगा। हालांकि लक्ज़री कारों के मामले में इसका असर धीरे-धीरे और सीमित रूप में देखने को मिलेगा। Mercedes-Benz और BMW जैसी कंपनियां जहां इस समझौते का स्वागत कर रही हैं, वहीं उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि कीमतों में गिरावट की संभावना फिलहाल बहुत ज्यादा नहीं है।

अगर आप लक्ज़री कार खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि एफटीए का असर अभी नहीं, बल्कि आने वाले वर्षों में नजर आएगा — और वह भी एक सीमित दायरे में।


लेखक: दीक्षा अरोड़ा
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