Uttarakhand UCC: क्या कुछ बदल गया, जानें नियम

Uniform Civil Code, Uttarakhand UCC: क्या कुछ बदल गया, जानें नियम, Uniform Civil Code, UCC in India, Article 44 of the Indian Constitution, UCC implementation, Marriage laws in UCC, Gender equality in UCC, UCC Uttarakhand, Uniform family laws, Inheritance rights UCC, Uniform personal laws, UCC benefits, Challenges of UCC, One nation one law,समान नागरिक संहिता, भारत में समान नागरिक संहिता, अनुच्छेद 44 भारतीय संविधान, समान नागरिक संहिता उत्तराखंड, विवाह कानून समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड UCC, उत्तराखंड विवाह पंजीकरण, यूसीसी के लाभ, यूसीसी की चुनौतियां, एक राष्ट्र एक कानून, समान पारिवारिक कानून, उत्तराधिकार अधिकार यूसीसी,

Uttarakhand UCC: क्या कुछ बदल गया, जानें नियम

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code - UCC) 27 जनवरी 2025 से लागू हो गई है। यह संहिता राज्य के सभी निवासियों पर लागू होती है, सिवाय अनुसूचित जनजातियों के। राज्य से बाहर रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों पर भी यह संहिता लागू होगी।

प्रशासनिक ढांचा:

  • ग्रामीण क्षेत्र: यहां उप-जिलाधिकारी (SDM) रजिस्ट्रार होंगे, जबकि ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सब-रजिस्ट्रार की भूमिका निभाएंगे।

  • नगर पंचायत और नगर पालिका: संबंधित SDM रजिस्ट्रार होंगे, और कार्यकारी अधिकारी सब-रजिस्ट्रार होंगे।

  • नगर निगम: नगर आयुक्त रजिस्ट्रार होंगे, जबकि कर निरीक्षक सब-रजिस्ट्रार होंगे।

  • छावनी क्षेत्र: यहां के CEO रजिस्ट्रार होंगे, और रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर या CEO द्वारा अधिकृत अधिकारी सब-रजिस्ट्रार होंगे।

इन सभी के ऊपर रजिस्ट्रार जनरल होंगे, जो सचिव स्तर के अधिकारी एवं इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन होंगे।

रजिस्ट्रार जनरल के कर्तव्य:

  • यदि रजिस्ट्रार निर्धारित समय में कार्रवाई नहीं करते हैं, तो मामला स्वचालित रूप से रजिस्ट्रार जनरल के पास जाएगा।

  • रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार के आदेश के खिलाफ अपील रजिस्ट्रार जनरल के पास की जा सकेगी, जो 60 दिनों के भीतर निपटारा करेंगे।

रजिस्ट्रार के कर्तव्य:

  • सब-रजिस्ट्रार के आदेश के खिलाफ अपील पर 60 दिनों में निर्णय लेना।

  • लिव-इन संबंधों या विवाह कानूनों के उल्लंघन की सूचना पुलिस को देना।

सब-रजिस्ट्रार के कर्तव्य:

  • सामान्य मामलों में 15 दिनों में और तात्कालिक मामलों में 3 दिनों के भीतर सभी दस्तावेजों और सूचनाओं की जांच करना।

  • समय पर आवेदन न देने या नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाना और पुलिस को सूचना देना।

  • विवाह जानकारी सत्यापित नहीं होने पर माता-पिता या अभिभावकों को सूचित करना।

विवाह पंजीकरण:

  • 26 मार्च 2010 से संहिता लागू होने की तिथि के बीच हुए विवाह का पंजीकरण अगले 6 महीनों में करवाना होगा।

  • संहिता लागू होने के बाद होने वाले विवाह का पंजीकरण विवाह तिथि से 60 दिनों के भीतर कराना होगा।

आवेदकों के अधिकार:

  • यदि सब-रजिस्ट्रार या रजिस्ट्रार समय पर कार्रवाई नहीं करते हैं, तो ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है।

  • सब-रजिस्ट्रार के अस्वीकृति आदेश के खिलाफ 30 दिनों के भीतर रजिस्ट्रार के पास अपील की जा सकती है।

  • रजिस्ट्रार के अस्वीकृति आदेश के खिलाफ 30 दिनों के भीतर रजिस्ट्रार जनरल के पास अपील की जा सकती है।

इस प्रकार, उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के लागू होने से विवाह, लिव-इन संबंध, और अन्य व्यक्तिगत मामलों में एकरूपता और पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है।