बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या ने सोशल मीडिया पर छेड़ी बहस, #MenToo आंदोलन को मिली रफ्तार

Suicide of Bengaluru engineer Atul Subhash sparks debate on social media, बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या ने सोशल मीडिया पर छेड़ी बहस, #MenToo आंदोलन को मिली रफ्तार,सुभाष ने अपनी पत्नी पर झूठे मामलों के जरिए मानसिक, शारीरिक, और आर्थिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि उनकी पत्नी ने 3 करोड़ रुपये की समझौता राशि मांगी थी और जज पर पक्षपात और रिश्वतखोरी के आरोप लगाए।

Dec 11, 2024 - 10:09
Dec 11, 2024 - 10:16
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बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या ने सोशल मीडिया पर छेड़ी बहस, #MenToo आंदोलन को मिली रफ्तार
बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या ने सोशल मीडिया पर छेड़ी बहस, #MenToo आंदोलन को मिली रफ्तार

बेंगलुरु इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या: #MenToo आंदोलन को मिली गति

34 वर्षीय इंजीनियर अतुल सुभाष ने बेंगलुरु के मराठाहल्ली में अपने घर पर आत्महत्या कर ली। उन्होंने 24 पन्नों के सुसाइड नोट और एक वीडियो में अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और जौनपुर की जज रीता कौशिक पर गंभीर आरोप लगाए।

सुभाष ने अपनी पत्नी पर झूठे मामलों के जरिए मानसिक, शारीरिक, और आर्थिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि उनकी पत्नी ने 3 करोड़ रुपये की समझौता राशि मांगी थी और जज पर पक्षपात और रिश्वतखोरी के आरोप लगाए।

इस घटना के बाद #MenToo और #JusticeForAtulSubhash सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं। लोग न्याय प्रणाली में पुरुषों के साथ होने वाले पक्षपात और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर जागरूकता की मांग कर रहे हैं।

पुलिस ने अतुल के भाई की शिकायत पर उनकी पत्नी और ससुराल वालों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। इस घटना ने पुरुषों के अधिकारों और न्याय प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर बहस को तेज कर दिया है।

घटना की 
सोमवार को बेंगलुरु के मराठाहल्ली स्थित मुन्नेकोलालु में 34 वर्षीय इंजीनियर अतुल सुभाष ने अपने घर में आत्महत्या कर ली। उत्तर प्रदेश के मूल निवासी सुभाष ने आत्महत्या से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट और एक वीडियो छोड़ा, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और जौनपुर की महिला न्यायाधीश रीता कौशिक पर गंभीर आरोप लगाए।

आरोपों की सूची
सुभाष ने अपनी पत्नी पर उत्पीड़न और झूठे मामलों के माध्यम से मानसिक, शारीरिक और आर्थिक शोषण का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ नौ झूठे मामले दर्ज कराए, जिनमें दहेज उत्पीड़न और अप्राकृतिक अपराध शामिल हैं। उन्होंने न्यायिक पक्षपात का भी दावा किया, जिसमें जज पर रिश्वत लेने और उनकी पत्नी का पक्ष लेने का आरोप लगाया गया।

सुभाष के मुताबिक, उनकी पत्नी ने 3 करोड़ रुपये की समझौता राशि की मांग की थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जज ने मामले को निपटाने के लिए ₹5 लाख की रिश्वत मांगी और टिप्पणी की, “तो क्या हुआ? वह आपकी पत्नी है।”

अतुल  को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया लोग दे रहे 
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर #MenToo और #JusticeForAtulSubhash ट्रेंड कर रहे हैं। कई यूजर्स ने न्याय प्रणाली की खामियों और पुरुषों के अधिकारों की अनदेखी पर सवाल उठाए हैं।

  • एक यूजर ने लिखा, “भारत में पुरुष होना अपराध है।”
  • एक अन्य ने कहा, “न्याय प्रणाली में सुधार की सख्त जरूरत है।”
  • कार्यकर्ता चंदन मिश्रा ने लिखा, “पुरुष अक्सर अपने संघर्षों के साथ चुपचाप जीते हैं, लेकिन उनके दर्द को कोई नहीं समझता।”

परिवार की शिकायत और पुलिस जांच
अतुल के भाई विकास कुमार की शिकायत पर मराठाहल्ली पुलिस ने उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया, भाई अनुराग सिंघानिया और चाचा सुशील सिंघानिया के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।

विकास ने बताया कि अतुल अदालत की कार्यवाही और ससुराल पक्ष की बदसलूकी से परेशान थे। हर सुनवाई के बाद, ससुराल वाले उनका मजाक उड़ाते थे और कहते थे, “अगर पैसे नहीं दे सकते तो मर जाओ।”

सुभाष के अंतिम अनुरोध
सुभाष ने अपने सुसाइड नोट में सिस्टम को "पुरुषों का कानूनी नरसंहार" करार दिया। उन्होंने अपने मामलों की लाइव सुनवाई और अपने बच्चे की कस्टडी अपने माता-पिता को देने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पत्नी और उनके परिवार को उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने से रोका जाए।

#MenToo आंदोलन की मांग
यह घटना पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य और वैवाहिक विवादों में निष्पक्षता की मांग को उजागर करती है। कार्यकर्ता और सामाजिक संगठन #MenToo आंदोलन के तहत कानूनी सुधार और पुरुषों के अधिकारों के लिए जागरूकता बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

आगे की कार्रवाई
मराठाहल्ली पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। यह घटना न्याय प्रणाली में सुधार की आवश्यकता और पुरुषों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार