सवाई जयसिंह राजस्थान के अम्बेर और जयपुर के महाराजा थे राजा स्वायत्रंत्र्य और विज्ञान में अपना महत्वपूर्ण संकेत दिया
सवाई जयसिंह का निधन 21 सितंबर 1743 को हुआ था, लेकिन उनका योगदान भारतीय इतिहास में अद्भुत रूप से महत्वपूर्ण है और उन्हें एक महान कूटनीतिज्ञ और राजा के रूप में याद किया जाता है।
सवाई जयसिंह (Sawai Jai Singh) एक प्रमुख कूटनीतिज्ञ और राजा थे, जो 21 सितंबर 1743 को निधन हुए थे। वह राजस्थान के अम्बेर और जयपुर के महाराजा थे और उन्होंने अपने समय में राजा स्वायत्रंत्र्य और विज्ञान में अपना महत्वपूर्ण संकेत दिया। यहां कुछ महत्वपूर्ण जानकारी है:
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सवाई जयसिंह का नाम भारतीय इतिहास में अंग्रेजी साम्राज्य के साथ उनके मित्रता और कूटनीतिक दक्षता के लिए प्रसिद्ध है।
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उन्होंने अपने शासकीय कार्यकाल के दौरान शौर्ययात्राओं और कला प्रास्थानों का समर्थन किया और कला और संस्कृति को प्रोत्साहित किया।
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सवाई जयसिंह ने राजस्थान के अम्बेर (आजकल के जयपुर) को अपनी राजधानी बनाया और उसे अपने नाम पर जयपुर रखा। इससे पहले वह अम्बेर के महाराजा थे।
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वह नहरों की निर्माण में अपनी कूटनीतिक कौशल का प्रयोग करके पानी की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए प्रसिद्ध थे।
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सवाई जयसिंह ने प्राचीन भारतीय गणित और ज्योतिष शास्त्रों के अध्ययन का समर्थन किया और यावकाग्राम (जयपुर का एक ज्योतिषीय विद्यालय) की स्थापना की। उन्होंने अस्ट्रोलाब, जयाप्रकाश, राम यान्त्र, नादी यान्त्र आदि गणना और ज्योतिष उपकरणों की विकसन में भी योगदान किया।
का निधन 21 सितंबर 1743 को हुआ था, लेकिन उनका योगदान भारतीय इतिहास में अद्भुत रूप से महत्वपूर्ण है और उन्हें एक महान कूटनीतिज्ञ और राजा के रूप में याद किया जाता है।
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