संस्कार भारती ने 'भरतमुनि सम्मान - 2023' के लिए घोषणा की

मुंबई के चित्रकार विजय दशरथ आचरेकर एवं सिंधुदुर्ग के लोक कलाकार गणपत सखाराम मसगे होंगे संस्कार भारती के 'भरतमुनि सम्मान 2023' से सम्मानित

Jan 25, 2024 - 18:37
Jan 25, 2024 - 18:37
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संस्कार भारती ने 'भरतमुनि सम्मान - 2023' के लिए घोषणा की

संस्कार भारती ने 'भरतमुनि सम्मान - 2023' के लिए घोषणा की

 भारतीय साहित्य और कला संस्था संस्कार भारती ने आज दिल्ली के 'कला संकुल' में आयोजित कार्यक्रम में विशिष्ट योगदान करने वाले कलाकारों के लिए अपने 'प्रथम सम्मान' की घोषणा की है। इस वर्ष के 'भरतमुनि सम्मान 2023' के लिए दृश्यकला और लोककला क्षेत्र में कार्यरत कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा। मुंबई के चित्रकार विजय दशरथ आचरेकर और सिंधुदुर्ग के लोक कलाकार गणपत सखाराम मसगे को 'भरतमुनि सम्मान 2023' से सम्मानित किया जाएगा।

संस्कार भारती के अखिल भारतीय महामंत्री श्री अश्विन दलवी ने बताया कि इस सम्मान का आयोजन 1 से 4 फरवरी को बेंगलुरु में होने वाले अखिल भारतीय कलासाधक संगम में किया जाएगा। यह सम्मान पंचम वेद के नाम से विख्यात नाट्य शास्त्र के रचियता महर्षि भरत मुनि को समर्पित है।

संस्कार भारती के सह कोषाध्यक्ष और 'भरतमुनि सम्मान' समिति के संयोजक श्री सुबोध शर्मा ने बताया कि सम्मान के रूप में स्मृति चिह्न, सम्मान पत्र और 1,51,000 रुपए की राशि भेंट की जाएगी। साथ ही, दोनों कलाकारों के जीवन और कार्यों पर आधारित लघु फिल्में भी प्रदर्शित की जाएंगी।

इस पुरस्कार से जुड़े कार्यक्रम में संस्कार भारती के कार्यकारी अध्यक्ष श्री प्रभात कुमार भी उपस्थित रहे। उन्होंने मीडिया से आए सभी महानुभावों का आभार व्यक्त किया।

अखिल भारतीय कलासाधक संगम-2024 के बारे में:

अखिल भारतीय कलासाधक संगम-2024 का आयोजन 01 से 04 फरवरी, 2024 को श्री श्री रविशंकर आश्रम, बेंगलुरु में होने जा रहा है। इस संगम में देश भर से लगभग 2 हजार प्रतिनिधि और कलासाधक इकट्ठा होंगे। यह संगम भारतीय कला दृष्टि में विश्वास रखने वाले कलासाधकों का एक समागम है, जो प्रति 3 वर्षों में देश के विभिन्न स्थानों पर आयोजित होता है। इसमें विभिन्न कलाविधाओं की मंचीय प्रस्तुतियां और बौद्धिक संवाद-विमर्श शामिल होते हैं।

इस बार के संगम में देश के विभिन्न हिस्सों से आए साहित्यकार और कलाकार समरसता विषय पर संवाद करेंगे। कई सत्रों में सेमिनार, मंचीय प्रस्तुतियां, और प्रदर्शनियां होंगी। पैंटिंग, फोटोग्राफी, कैलीग्राफी, और रंगोली की प्रदर्शनियां भी होंगी। अद्वितीय रूप से, पूर्वोत्तर भारत के कलासाधक एक सामूहिक नृत्य प्रस्तुत करेंगे, जो इस संगम को और भी रंगीन बनाएगा।

आयोजन के उद्घाटन में मैसूर राजवंश के राजा यदुवीर वाडियार, विजयनगर साम्राज्य के वंशज श्री कृष्णदेवराय, और पद्मश्री मंजम्मा जोगती, रविंद्र यावगल, और डॉ. विक्रम संपत जैसे प्रमुख व्यक्तित्व होंगे। भगवान श्री श्री रविशंकर और पूज्य सरसंघचालक मोहन भागवत जी भी कार्यक्रम के 2 दिनों में उपस्थित रहेंगे।

इस कार्यक्रम के अंत में, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर जी के आशीर्वाद और समापन उद्बोधन के साथ, चार दिवसीय संगम पूरा होगा।

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