आज से RSS कार्यकर्ता विकास वर्ग – द्वितीय का शुभारम्भ नागपुर में

नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के “कार्यकर्ता विकास वर्ग – द्वितीय का शुभारम्भ 17 मई को नागपुर स्थित डॉक्टर हेडगेवार स्मृति मंदिर परिसर स्थित महर्षि व्यास सभागार में हुआ.

May 17, 2024 - 11:14
May 17, 2024 - 14:01
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आज से RSS कार्यकर्ता विकास वर्ग – द्वितीय का शुभारम्भ नागपुर में

 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के “कार्यकर्ता विकास वर्ग – द्वितीय” का शुभारम्भ

 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) 17 मई से नागपुर में अपना 25 दिवसीय कार्यकर्ता विकास वर्ग (द्वितीय) आयोजित करेगा । यह संगठन में प्रशिक्षण का अंतिम चरण है। पहले इसे तृतीय वर्ष (तृतीय वर्ष) प्रशिक्षण शिविर कहा जाता था। बदले हुए नामकरण के तहत यह पहला बैच भी है। आरएसएस इस वर्ष से प्रशिक्षण के लिए एक परिवर्तित नामकरण और एक संशोधित पैटर्न के साथ आया है।

नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के “कार्यकर्ता विकास वर्ग – द्वितीय” का शुभारम्भ 17 मई को नागपुर स्थित डॉक्टर हेडगेवार स्मृति मंदिर परिसर स्थित महर्षि व्यास सभागार में हुआ. वर्ग के प्रारम्भ में वर्ग के सर्वाधिकारी इकबाल सिंह जी, सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपालजी एवं अखिल भारतीय सेवा प्रमुख तथा वर्ग के पालक अधिकारी पराग अभ्यंकर जी ने भारतमाता की प्रतिमा पर पुष्पार्पण किया.

 

इस अवसर पर सह सरकार्यवाह द्वय मुकुंदजी तथा रामदत्त चक्रधर जी उपस्थित थे. वर्ग में देशभर से 936 शिक्षार्थियों की सहभागिता है.

 

स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए परागजी अभ्यंकर ने कहा कि नागपुर जाकर संघ कार्य को जानना और उसकी साधना करने का सौभाग्य प्राप्त हो, ऐसी भावना स्वयंसेवकों में होती है. संघ कार्य यही जीवन कार्य हो, यह भाव भी स्वयंसेवकों के मन में रहता है. यह भूमि डॉ. हेडगेवार तथा श्री गुरुजी की तपोस्थली है.

 

संघ कार्य में प्रशिक्षण वर्ग का अत्यंत महत्त्व है. इस कारण कार्य बढ़ने पर प्रशिक्षण वर्ग प्रान्त स्थानों पर भी होने लगे. स्वतंत्रता के पहले बहुत सारी चुनौतियां थीं. संघ ने देश की स्वतंत्रता के लिए भी कार्य किया. स्वयं डॉक्टर जी जंगल सत्याग्रह में सक्रियता से सहभागी हुए थे. प्रतिबंध काल तथा कोरोना काल को छोड़कर संघ शिक्षा वर्ग कभी अवरुद्ध नहीं हुआ.

कालानुरूप प्रशिक्षण वर्ग के कालावधि एवं अभ्यासक्रम में परिवर्तन भी हुए. कार्यकर्ता की सोच क्या होनी चाहिए, उसके सामने चुनौतियां कौन-सी है, यह ध्यान में रखकर व्यवस्थाओं में भी बदलाव किए गए. पहले के वर्ग में शारीरिक कार्यक्रमों के अंतर्गत धैर्य और साहस बढ़ाने पर जोर दिया जाता था. अभी चुनौतियां बदली है, उसका विमर्श समझना होगा. चुनौतियों का प्रत्युत्तर देना है तो उस तरह के विषयों का भी इस वर्ग में समावेश किया गया है.

 

संगठित हिन्दू समाज की वैश्विक दृष्टि बनाना, ऐसी इस वर्ग की रचना रहेगी. समाज की सज्जन-शक्ति को जोड़कर अपनी शक्ति कैसे बढ़े, इसका व्यावहारिक प्रशिक्षण भी इस वर्ग में शिक्षार्थियों को मिलेगा.

 

संपूर्ण भारत से शिक्षार्थी स्वयंसेवक यहां प्रशिक्षण के लिए आते हैं, उससे राष्ट्रीय एकात्मता का भाव बढ़ता है. हिन्दुत्व की एकता की अनुभूति भी यहां होती है. इस वर्ग का प्रगट समापन समारोह 10 जून को होगा.

 

  • कार्यकर्ता विकास वर्ग – द्वितीय संचालन टोली
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  • सर्वाधिकारी : इकबाल सिंह जी, प्रांत संघचालक, पंजाब प्रांत
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  • वर्ग कार्यवाह : अशोक अग्रवाल जी, मध्य क्षेत्र कार्यवाह
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  • वर्ग पालक : पराग अभ्यंकर जी, अ.भा. सेवा प्रमुख
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  • मुख्य शिक्षक : निलेश भंडारी जी, प्रान्त शारीरिक प्रमुख, पश्चिम महाराष्ट्र
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  • सह मुख्य शिक्षक : कुणाल जी, प्रान्त शारीरिक प्रमुख, मेरठ
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  • बौद्धिक प्रमुख : उदय शेवडे, संगठन मंत्री, संस्कार भारती कोंकण-गोवा प्रान्त
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  • सह बौद्धिक प्रमुख : कृष्ण प्रसाद जी, प्रान्त बौद्धिक प्रमुख, कर्नाटक दक्षिण
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  • सह बौद्धिक प्रमुख : अणम जी, प्रान्त बौद्धिक प्रमुख, जम्मू-कश्मीर
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  • सेवा प्रमुख : धनीराम जी, क्षेत्र सेवा प्रमुख, पश्चिम उत्तर प्रदेश
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  • व्यवस्था प्रमुख : सुनील भुलगावकर, धर्म जागरण संयोजक, नागपुर महानगर
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  • सह व्यवस्था प्रमुख : नितीन एदलाबादकर, अयोध्या भाग सह कार्यवाह, नागपुर महानगर

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