प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: चालू वर्ष में नामांकन में वृद्धि और सुधार के परिचर्चा
100 रुपये के प्रीमियम के लिए किसानों ने लगभग 500 रुपये का भुगतान किया है। पिछले 8 वर्षों में योजना ने 23.22 करोड़ से अधिक किसानों के दावे मंजूर किए हैं
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) ने चालू वर्ष में किसानों के बीमाकृत दावों में 27% की वृद्धि दर्ज की है।
इसके तहत, प्रति 100 रुपये के प्रीमियम के लिए किसानों ने लगभग 500 रुपये का भुगतान किया है। पिछले 8 वर्षों में योजना ने 23.22 करोड़ से अधिक किसानों के दावे मंजूर किए हैं, जिसमें किसानों ने लगभग 31,139 करोड़ रुपये का प्रीमियम चुकाया है।
PMFBY वैश्विक स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी बीमा योजना है और इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को अप्रत्याशित घटनाओं से होने वाली फसल हानि या क्षति से सुरक्षा प्रदान करना है। योजना ने प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में किसानों की आय को स्थिर करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है।
योजना एक मांग आधारित योजना है और किसानों के लिए स्वैच्छिक है। वर्ष 2021-22 और 2022-23 में किसान आवेदनों में 33.4% और 41% की वृद्धि हुई है, जबकि वर्ष 2023-24 में योजना के तहत नामांकित किसानों में 27% की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही, वित्त वर्ष 2023-24 में योजना के तहत बीमित किसानों में 42% गैर-ऋणी किसान हैं।
इसमें वैश्विक स्तर पर प्रीमियम के मामले में योजना तीसरी सबसे बड़ी है, जिससे किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए सुरक्षित महसूस हो रहा है। सरकार ने योजना को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि बीमा कंपनियों के साथ दीर्घकालिक अनुबंध, तकनीकी उपयोग, और सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) गतिविधियों के लिए 0.5% का अनिवार्य प्रीमियम उपयोग।
PMFBY के कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए सरकार ने हितधारकों के साथ परामर्श करते हुए योजना की नियमित समीक्षा की है। योजना में कुछ महत्वपूर्ण सुधार शामिल हैं, जैसे कि सभी किसानों के लिए स्वैच्छिकता, प्रौद्योगिकी का गहन उपयोग, और राज्यों को अपनी आवश्यकताओं के आधार पर जोखिम कवर चुनने की स्वतंत्रता।
PMFBY के सुधारों में शामिल हैं:
- योजना को सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक बनाना
- सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) गतिविधियों के लिए बीमा कंपनियों द्वारा एकत्रित सकल प्रीमियम का कम से कम 0.5% का अनिवार्य उपयोग
- प्रौद्योगिकी का गहन उपयोग
- NER में केंद्र और राज्य सरकार के बीच वित्तीय साझाकरण पद्धति को 50:50 से 90:10 में बदलना
- बीमा कंपनियों के साथ दीर्घकालिक यानी 3 साल का अनुबंध
- राज्यों को जरूरतों के अनुसार जोखिम कवर चुनने की स्वतंत्रता
- प्रौद्योगिकी का उपयोग
कृषि और परिवार कल्याण विभाग ने PMFBY के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए सुविधाएं प्रदान की हैं, जैसे कि हितधारकों के साप्ताहिक वीडियो कॉन्फ्रेंस और बीमा कंपनियों/राज्यों के साथ पारस्परिक बैठकें। हितधारकों के बीच जानकारी/डेटा प्रवाह की समयबद्धता बढ़ाने के लिए नई तकनीकों का भी उपयोग किया जा रहा है।
सारांश में, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने किसानों को अप्रत्याशित घटनाओं से होने वाली फसल हानि से सुरक्षा प्रदान करने में सफलता प्राप्त की है और उसे सुधारने के लिए सरकार ने नियमित रूप से प्रोग्राम को समीक्षा और सुधारने का प्रयास किया है।
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