हिन्दी पत्रकारिता का उद्भव (1826-1867)

Origin of Hindi journalism, हिन्दी पत्रकारिता का उद्भव (1826-1867)

Dec 2, 2024 - 21:38
 0  25

हिन्दी पत्रकारिता का उद्भव (1826-1867)

हिन्दी पत्रकारिता का आरंभ 30 मई, 1826 ई. को हुआ, जब पं. युगल किशोर शुक्ल ने कोलकाता से हिन्दी के पहले साप्ताहिक समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड का प्रकाशन किया। यह पत्र हिन्दी भाषा में प्रकाशित होने वाला पहला अखबार था, जो विशेष रूप से हिन्दुस्तानी लोगों के हित में था। पं. शुक्ल का उद्देश्य था कि हिन्दी भाषी लोग भी समाचारों से जुड़े रहें और पराई भाषाओं के समाचारों का आश्रय न लें।

उदंत मार्तण्ड का मूल्य प्रति अंक आठ आने और मासिक दो रुपये था। इसके प्रकाशन में पं. शुक्ल को सरकारी सहयोग का अभाव था, और वे आर्थिक संकटों का सामना कर रहे थे। अंग्रेजी, पारसी और बंगला में समाचार पत्रों का प्रकाशन हो रहा था, लेकिन हिन्दी में समाचार पत्रों की संख्या बहुत कम थी। इसका कारण उस समय हिन्दी भाषा में लेखन के जानकारों की कमी थी। पं. शुक्ल ने इस कठिनाई को पार करते हुए हिन्दी पत्रकारिता के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। हालांकि यह पत्र केवल 18 महीनों तक ही चल सका, लेकिन इसका योगदान हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण था।

उदंत मार्तण्ड के बाद, हिन्दी पत्रकारिता में कई और पत्रों का जन्म हुआ। कवि वचन सुधा और हरिश्चन्द्र चन्द्रिका जैसे पत्रों का प्रकाशन भारतेन्दु हरिश्चन्द्र द्वारा हुआ। इस समय हिन्दी के पत्र साहित्यिक, सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण को प्रसारित करने के उद्देश्य से प्रकाशित किए गए थे। 19वीं शताबदी के मध्य में, हिन्दी में प्रकाशित होने वाले प्रमुख पत्रों में भारतमित्र, ब्राह्मण, हिन्दी प्रदीप, सैनिक और प्रताप जैसे नाम शामिल थे। इन पत्रों में भारतीय समाज की समस्याओं, सामाजिक जागरूकता और देश की स्वतंत्रता की ओर बढ़ते हुए आन्दोलन को प्रमुखता दी गई थी।

इस समय तक पत्रकारिता में आ रही कठिनाइयों और सरकार के प्रतिबंधों के बावजूद, कई पत्रों ने पाठकों को न केवल शिक्षा दी, बल्कि उन्हें जागरूक भी किया। जैसे कि प्रताप और वीर अर्जुन जैसे समाचार पत्रों ने स्वाधीनता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई।

महत्वपूर्ण पत्रों और पत्रकारों का योगदान:

  1. उदंत मार्तण्ड (1826): यह पत्र हिन्दी पत्रकारिता का आरंभ था, जिसका उद्देश्य हिन्दुस्तानी लोगों को अपने समाचारों से जोड़ना था। पं. युगल किशोर शुक्ल ने इस पत्र के माध्यम से हिन्दी में पत्रकारिता की नींव डाली।

  2. कवि वचन सुधा और हरिश्चन्द्र चन्द्रिका (1850-1860): इन पत्रों का प्रकाशन भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने किया, जो हिन्दी साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हुए।

  3. प्रताप (1909): कानपुर से प्रकाशित इस पत्र का सम्पादन गणेश शंकर विद्यार्थी ने किया। यह पत्र हिन्दी पत्रकारिता में एक नए बदलाव की ओर इशारा करता है, जिसमें पत्रकारिता को सामाजिक और राजनीतिक रूप से जिम्मेदार माना जाता था।

  4. वीर अर्जुन (1910): यह पत्र स्वामी श्रद्धानंद द्वारा शुरू किया गया था और बाद में उनके पुत्र पं. इन्द्र विद्यावाचस्पति द्वारा सम्पादित किया गया। यह पत्र अपने उद्देश्यों और विचारों के लिए प्रसिद्ध था।

इस समय तक हिन्दी पत्रकारिता में एक सशक्त मंच तैयार हो चुका था, जिसमें न केवल सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों को उभारा गया, बल्कि देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष भी प्रमुख था।

पत्रकारिता के विकास में योगदान देने वाले प्रमुख तथ्य:

  • आर्थिक संकट: प्रारंभिक हिन्दी पत्रों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। सरकारी सहयोग की कमी और ग्राहकों की उपेक्षा के कारण कई पत्रों को बंद भी करना पड़ा।

  • भाषाई कठिनाइयाँ: उस समय हिन्दी में समाचार पत्रों के लिए लेखन के योग्य लोग नहीं मिलते थे, जिससे इस क्षेत्र में चुनौतियाँ थीं।

  • सामाजिक जागरूकता: इन पत्रों के माध्यम से समाज में जागरूकता बढ़ी और लोगों को अपनी भाषा और संस्कृति की अहमियत समझ में आई।

  • स्वाधीनता संग्राम: कई पत्रों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरित करने का काम किया, जैसे प्रताप और वीर अर्जुन

इस प्रकार, 1826 से 1867 तक की अवधि में हिन्दी पत्रकारिता का अभ्युदय हुआ, जिसने न केवल समाचारों का प्रसार किया, बल्कि समाज और राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाई। हिन्दी पत्रकारिता के इन पहले कदमों ने भारतीय समाज को जागरूक किया और स्वतंत्रता संग्राम की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,