उज्जैन में योग शिविर में भाग लेने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दी बड़ी प्रतिक्रिया

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Dec 12, 2024 - 06:07
Dec 12, 2024 - 06:07
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उज्जैन में योग शिविर में भाग लेने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दी बड़ी प्रतिक्रिया

उज्जैन में योग शिविर में भाग लेने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दी बड़ी प्रतिक्रिया

उज्जैन, मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उज्जैन में आयोजित एक विशेष योग शिविर में भाग लिया, जहां उन्होंने योग के महत्व पर चर्चा करते हुए इसे जीवन की दिशा बदलने वाला एक शक्तिशाली साधन बताया। मुख्यमंत्री ने कहा, "आज यहां योग शिविर का आयोजन किया गया है जो कि निशुल्क है। योग हमारे जीवन की दिशा बदलता है। यह न केवल शरीर को स्वस्थ रखने का एक माध्यम है, बल्कि हमारी मानसिक स्थिति और आत्मिक शांति के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। योग का मार्ग हमारे शरीर की 'साधना' के लिए सबसे श्रेष्ठ है।"

योग शिविर में मुख्यमंत्री के अलावा कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। यह शिविर लोगों को योग के प्रति जागरूक करने और उनकी शारीरिक-मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश सरकार स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रही है, और इस तरह के योग शिविरों से राज्यवासियों को योग के फायदे समझाने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री मोहन यादव कौन हैं?

मोहन यादव मध्य प्रदेश के एक प्रमुख नेता हैं, जो भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के सदस्य हैं। वे वर्तमान में राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उनका नेतृत्व और प्रशासनिक अनुभव राज्य में विकास के महत्वपूर्ण पहलुओं को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है। मुख्यमंत्री के तौर पर उनका ध्यान मुख्य रूप से स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के मामलों पर है, और उन्होंने हमेशा समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए कार्य किया है।

उज्जैन का मंदिर इतिहास

उज्जैन मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जो प्रमुख रूप से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के कारण प्रसिद्ध है। महाकालेश्वर मंदिर यहाँ का सबसे प्रमुख स्थल है, जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं।

उज्जैन का धार्मिक महत्व सिर्फ महाकालेश्वर मंदिर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहाँ अन्य महत्वपूर्ण स्थल भी हैं, जैसे कि काल भैरव मंदिर, राम घाट, और विक्रमादित्य का किला। उज्जैन का इतिहास बहुत पुराना है और इसे प्राचीन काल में उज्जयिनी के नाम से जाना जाता था। यह स्थान प्राचीन भारतीय संस्कृति और वेदों के अध्ययन का एक प्रमुख केंद्र था। महाकवि कालिदास की काव्य कृतियाँ भी इसी क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं।

उज्जैन में कुम्भ मेला भी आयोजित होता है, जो इस शहर की धार्मिक महत्ता को और भी बढ़ा देता है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन करने और पुण्य अर्जित करने के लिए आते हैं।

साथ ही, उज्जैन एक महत्वपूर्ण खगोलशास्त्र केंद्र भी रहा है और इसे भारत के प्राचीन गणितज्ञ और खगोलज्ञों का गढ़ माना जाता है। यहाँ पर ऐतिहासिक काल में गणित और खगोलशास्त्र के कई महत्वपूर्ण शोध हुए थे।

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