क्या कलावा पहनने की भी होती है सीमा? जानिए ज्यादा समय तक पहनने के नुकसान और क्यों समय पर उतारना होता है जरूरी

जानें कलावा (रक्षा सूत्र) का हिन्दू धर्म में महत्व, इसे कितने समय तक पहनना चाहिए और ज्यादा समय तक पहनने से होने वाले नुकसान के बारे में। जानिए कलावा को सही समय पर उतारने का महत्व, पुराने कलावे का क्या करें, और इसका आपकी ऊर्जा और जीवन पर क्या असर पड़ता है। विशेषज्ञ की सलाह के साथ कलावा पहनने का सही तरीका जानें क्या कलावा पहनने की भी होती है सीमा, जानिए ज्यादा समय तक पहनने के नुकसान और क्यों समय पर उतारना होता है जरूरी,

May 10, 2025 - 06:38
May 10, 2025 - 06:38
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क्या कलावा पहनने की भी होती है सीमा? जानिए ज्यादा समय तक पहनने के नुकसान और क्यों समय पर उतारना होता है जरूरी
जानिए ज्यादा समय तक पहनने के नुकसान और क्यों समय पर उतारना होता है जरूरी

क्या कलावा पहनने की भी होती है सीमा? जानिए ज्यादा समय तक पहनने के नुकसान और क्यों समय पर उतारना होता है जरूरी

रक्षा सूत्र, जिसे हम आमतौर पर कलावा कहते हैं, हमारी संस्कृति में एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह केवल एक धागा नहीं, बल्कि सुरक्षा, आस्था और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। जब पंडित हमें पूजा के दौरान यह धागा बांधते हैं, तो हम इसे विशेष महत्व देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस धागे को कब तक पहनना चाहिए और क्या लंबे समय तक इसे पहने रखने के नुकसान हो सकते हैं?

कलावा का महत्व

कलावा का हिन्दू धर्म में विशेष स्थान है। इसे भगवान विष्णु, शिव, ब्रह्मा और देवी लक्ष्मी, सरस्वती, पार्वती से जोड़ा जाता है। जब इसे हाथ में बांधते हैं, तो यह व्यक्ति को बुरी नजर, नकारात्मक ऊर्जा, और बीमारी से बचाने का कार्य करता है। इसे पहनने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और यह व्यक्ति को मानसिक शांति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति में सहायक होता है।

कलावा को कितने दिन तक पहनना चाहिए?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कलावा को 21 दिन से ज्यादा नहीं पहनना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि 21 दिन के बाद कलावा कमजोर होने लगता है, उसका रंग फीका पड़ने लगता है, और उसका प्रभाव भी कम होने लगता है। इसे पहनने का उद्देश्य नकारात्मकता से बचाव और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो तब तक प्रभावी रहता है जब तक वह धागा मजबूत और रंगीन रहता है। जैसे ही कलावा कमजोर होने लगता है, उसका प्रभाव समाप्त हो जाता है। इसलिये, इसे समय पर उतारना जरूरी होता है।

पुराना कलावा क्या करें?

अगर आप 21 दिन के बाद कलावा उतार रहे हैं, तो इसे कहीं भी फेंकना या लटकाना शुभ नहीं माना जाता। शास्त्रों के अनुसार, पुराना कलावा नकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है। इसे मंदिर में या किसी पेड़ पर लटकाने से नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। सबसे अच्छा तरीका है कि पुराना कलावा मिट्टी में दबा दें। इससे जुड़ी नकारात्मक ऊर्जा धरती में समा जाती है और आपका घर और मन शांत रहता है।

कलावा उतारने से क्या हो सकता है?

अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक एक ही कलावा पहनता है, तो इसका उल्टा असर भी हो सकता है। शास्त्रों में कहा गया है कि ऐसा करने से ग्रहों का संतुलन बिगड़ सकता है और जीवन में रुकावटें आने लगती हैं। कई बार बिना वजह तनाव, बीमारी और घर में अशांति का कारण भी यही हो सकता है। इसलिए, यह आवश्यक है कि इसे समय पर उतारा जाए और नया कलावा पहनने से पहले पुराने कलावे को सही तरीके से निपटारा किया जाए।

कलावा पहनना एक धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक है, लेकिन इसका सही तरीके से इस्तेमाल करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यह सुरक्षा का प्रतीक होने के बावजूद, जब तक यह अपने असर में रहता है, तब तक ही इसका महत्व है। 21 दिन के बाद इसे सही तरीके से निपटाना चाहिए, ताकि नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सके। इसलिए, अगले बार जब आप कलावा पहनें, तो उसे समय पर उतारने का ध्यान रखें और उसके सही निपटारे की प्रक्रिया को समझें।

आखिरकार, कलावा सिर्फ एक धागा नहीं है, बल्कि यह हमारी आस्था और विश्वास से जुड़ी ऊर्जा का स्रोत है, जिसका सही तरीके से पालन किया जाना चाहिए।

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AGUSTYA ARORA युवा पत्रकार BJMC Tilak School of Journalism and Mass Communication C.C.S. University MEERUT