भारतीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने बरहामपुर विश्वविद्यालय के 25वें दीक्षांत समारोह में शिक्षा और विकास के महत्व पर चर्चा की
बरहामपुर, ओडिशा, 1 मार्च 2024:
भारतीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने भांजा बिहार, गंजम, ओडिशा में स्थित बरहामपुर विश्वविद्यालय के 25वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने यहाँ के ऐतिहासिक महत्व को बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र शिक्षा, साहित्य, कला, और हस्तशिल्प में समृद्ध है। उन्होंने ब्रह्मपुर विश्वविद्यालय की भूमिका की सराहना की और इसे ओडिशा के दक्षिणी भाग का सबसे पुराना विश्वविद्यालय माना।
राष्ट्रपति ने ओडिशा के इतिहास में महत्वपूर्ण व्यक्तियों की उपस्थिति को भी उजागर किया और बताया कि इस क्षेत्र से निकले कबी सम्राट उपेंद्र भांजा और कबीसूर्या बलदेव रथ ने अपने लेखन से उड़िया साहित्य को समृद्ध किया। उन्होंने इस इलाके को स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों, और लोक सेवकों की जन्मस्थली और कर्मभूमि के रूप में भी याद किया।
राष्ट्रपति ने बरहामपुर विश्वविद्यालय के शिक्षा के क्षेत्र में किए गए योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यहाँ के स्नातकोत्तर और संबद्ध महाविद्यालयों में लगभग 45000 छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, और इसमें लड़कियों का 55% शामिल है। इससे उन्हें खुशी हुई कि स्वर्ण पदक जीतने वाली 60% लड़कियां हैं और डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने वाले शोधकर्ताओं में 50% लड़कियां हैं, जिससे लैजिंग समानता का एक उत्कृष्ट उदाहरण बनता है।
श्रीमती मुर्मु ने आगे कहा कि महिलाएं आज विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पुलिस, और सेना जैसे क्षेत्रों में भी दिखाई दे रही हैं और अब महिलाओं के नेतृत्व में विकास हो रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों से डिग्री प्राप्त करने के बाद भी जीवन भर सीखने का जुनून रखने का सुझाव दिया और उन्हें राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के लिए प्रेरित किया।