20 अक्टूबर का इतिहास

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Oct 14, 2024 - 18:39
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20 अक्टूबर का इतिहास

1568 - अकबर ने चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण किया

मुगल सम्राट अकबर ने 20 अक्टूबर 1568 को चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण किया। यह आक्रमण रानी पन्ना धाय की साहसिकता और युद्ध कौशल के लिए प्रसिद्ध है। चित्तौड़गढ़ की रानी कर्णावती ने आत्मरक्षा के लिए इस किले की सुरक्षा का आदेश दिया। इस युद्ध में मुगलों ने किला जीत लिया, जिससे मेवाड़ पर मुगलों का वर्चस्व बढ़ा। यह घटना भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती है, क्योंकि इसने राजपूतों के प्रतिरोध को चुनौती दी और मुगलों की शक्ति को और मजबूत किया।

1740 - मारिया थेरेसा आस्ट्रिया, हंगरी और बोहमिया की शासक बनी

20 अक्टूबर 1740 को मारिया थेरेसा ने आस्ट्रिया, हंगरी और बोहमिया की शासक के रूप में अपनी स्थिति ग्रहण की। वे पहली महिला थीं जिन्होंने हब्सबर्ग साम्राज्य का शासन किया। उनकी शासकीय नीति में सुधार और सशक्तिकरण की दिशा में कई प्रयास शामिल थे। उन्होंने शिक्षा और अर्थव्यवस्था को सुधारने पर जोर दिया और एक मजबूत सैन्य शक्ति का निर्माण किया। मारिया थेरेसा की सरकार ने उनके समय के दौरान कई महत्वपूर्ण युद्धों में भाग लिया, जिसमें ऑस्ट्रियाई उत्तराधिकार युद्ध प्रमुख था।

1774 - कोलकाता भारत की राजधानी बनी

1774 में, कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) को भारत की पहली राजधानी के रूप में चुना गया। यह निर्णय ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों द्वारा लिया गया था, जो भारतीय उपमहाद्वीप पर अपनी शक्ति और प्रभाव को बढ़ाना चाहते थे। कोलकाता ने अपने बंदरगाह और व्यापारिक गतिविधियों के कारण प्रमुखता प्राप्त की। इस समय के दौरान, शहर ने विभिन्न सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और शैक्षिक गतिविधियों का केंद्र बनने की दिशा में विकास किया। यह शहर बाद में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया।

1822 - लंदन संडे टाइम्स का पहला अंक प्रकाशित

20 अक्टूबर 1822 को लंदन संडे टाइम्स का पहला अंक प्रकाशित हुआ। यह अख़बार ब्रिटेन के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में से एक है। इसकी स्थापना जॉन स्टॉर द्वारा की गई थी। संडे टाइम्स ने अपने तेजतर्रार पत्रकारिता और सामयिक विषयों पर गहरी रिपोर्टिंग के लिए पहचान बनाई। इस अख़बार ने समय के साथ कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया और जनमत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज, यह एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समाचार स्रोत के रूप में जाना जाता है।

1880 - एम्सटर्डम मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना

एम्सटर्डम मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना 20 अक्टूबर 1880 को हुई। यह विश्वविद्यालय नीदरलैंड्स में एक प्रमुख शैक्षिक संस्थान है, जो अपनी स्वतंत्र और अनौपचारिक शिक्षा के लिए जाना जाता है। इसे शैक्षिक स्वतंत्रता और विचारों की विविधता के सिद्धांतों पर स्थापित किया गया था। विश्वविद्यालय ने समय के साथ अनुसंधान, सामाजिक विज्ञान, कला और मानविकी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज, यह विश्वविद्यालय उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और अनुसंधान के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें विश्वभर के छात्रों का ध्यान आकर्षित होता है।

1904 - चिली और बोलविया ने शांति और मित्रता की संधि पर हस्ताक्षर किया

1904 में, चिली और बोलविया के बीच शांति और मित्रता की संधि पर हस्ताक्षर किए गए। यह संधि चिली-बोलिवियाई युद्ध के बाद की थी, जिसने चिली को बोलिविया के तटीय क्षेत्रों पर नियंत्रण प्रदान किया। इस संधि के माध्यम से दोनों देशों के बीच राजनैतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने का प्रयास किया गया। यह समझौता बोलिविया के लिए एक गंभीर झटका था, क्योंकि इसके पास समुद्र तट तक पहुंच नहीं थी। यह संधि दोनों देशों के बीच लंबे समय तक तनाव का कारण बनी रही।

1905 - रूस में 11 दिन तक चले ऐतिहासिक हड़ताल की शुरुआत

20 अक्टूबर 1905 को रूस में ऐतिहासिक हड़ताल की शुरुआत हुई, जो लगभग 11 दिनों तक चली। यह हड़ताल रूस में राजनीतिक और सामाजिक असंतोष का परिणाम थी, जिसमें मजदूरों और किसानों ने अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई। हड़ताल का मुख्य कारण साम्राज्य की कमजोर अर्थव्यवस्था और विद्रोही आंदोलनों का बढ़ता प्रभाव था। यह हड़ताल रूस में पहले लोकतांत्रिक सुधारों की मांग का एक महत्वपूर्ण चरण बनी और अंततः ज़ार निकोलस II द्वारा ओक्टोबर माणिफेस्टो की घोषणा का कारण बनी, जिसने कुछ संवैधानिक सुधारों का मार्ग प्रशस्त किया।

1946 - वियतनाम की डेमोक्रेटिक रिपब्लिकन सरकार ने 20 अक्टूबर को वियतनाम महिला दिवस के रूप में घोषित किया

1946 में, वियतनाम की डेमोक्रेटिक रिपब्लिकन सरकार ने 20 अक्टूबर को वियतनाम महिला दिवस के रूप में घोषित किया। यह दिवस महिलाओं के अधिकारों और उनके समाज में योगदान को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है। वियतनाम में, यह दिवस महिलाओं के लिए जागरूकता फैलाने और लैंगिक समानता के लिए संघर्ष के प्रतीक के रूप में महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम और समारोह आयोजित किए जाते हैं, जो महिलाओं की उपलब्धियों को उजागर करते हैं और उन्हें प्रेरित करते हैं।

1947 - अमेरिका और पाकिस्तान ने पहली बार राजनयिक संबंध स्थापित किए

20 अक्टूबर 1947 को अमेरिका और पाकिस्तान के बीच पहली बार राजनयिक संबंध स्थापित किए गए। यह संबंध पाकिस्तान के स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद के दौर में महत्वपूर्ण थे, जब अमेरिका ने पाकिस्तान को एक रणनीतिक साझेदार के रूप में मान्यता दी। इन संबंधों ने दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य सहयोग को बढ़ावा दिया। समय के साथ, यह संबंध जटिलताओं का सामना करता रहा, लेकिन यह दो देशों के बीच महत्वपूर्ण कूटनीतिक संवाद का आधार बना रहा।

1962 - चीन ने भारत पर हमला किया

1962 में, 20 अक्टूबर को, चीन ने भारत पर हमला किया, जो भारत-चीन युद्ध की शुरुआत थी। यह संघर्ष अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में हुआ, जहाँ चीन ने अचानक आक्रमण किया। यह युद्ध भारतीय सेना के लिए एक बड़ा परीक्षण था और इसके परिणामस्वरूप भारत को भौगोलिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से गंभीर नुकसान हुआ। यह युद्ध दोनों देशों के बीच संबंधों में दरार डालने वाला एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ और भारत की सुरक्षा नीति में महत्वपूर्ण बदलावों का कारण बना।

1963 - दक्षिण अफ्रिका में नेल्सन मंडेला और आठ अन्य के खिलाफ मामला शुरू

20 अक्टूबर 1963 को, दक्षिण अफ्रीका में नेल्सन मंडेला और आठ अन्य के खिलाफ मामला शुरू हुआ, जिसमें उन्हें आतंकवाद और राजनीतिक अपराधों के आरोपों का सामना करना पड़ा। यह मामला "रिवोनिया ट्रायल" के नाम से जाना जाता है, जो दक्षिण अफ्रीका के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण था। मंडेला और अन्य अभियुक्तों ने नस्लीय भेदभाव और अपार्थेड नीतियों के खिलाफ लड़ाई जारी रखने के अपने इरादे को स्पष्ट किया। इस मामले का परिणाम मंडेला के लंबे कारावास और बाद में दक्षिण अफ्रीका की स्वतंत्रता संग्राम के लिए एक प्रेरणा के रूप में कार्य किया।

1970 - सैयद बर्रे ने सोमालिया को समाजवादी राज्य घोषित किया

20 अक्टूबर 1970 को, सैयद बर्रे ने सोमालिया को एक समाजवादी राज्य घोषित किया। यह घोषणा बर्रे के शासन के तहत हुई, जिसने देश में एकीकृत और केंद्रीकृत शासन स्थापित करने का प्रयास किया। बर्रे ने भूमि सुधार, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने की कोशिश की। हालांकि, उनके शासन के दौरान राजनीतिक असंतोष और आर्थिक कठिनाइयाँ भी बढ़ीं। यह घोषणा सोमालिया के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई, जो आगे चलकर कई संघर्षों और संकटों का कारण बनी।

1991 - उत्तरकाशी में भूकंप से 1000 से ज्यादा लोगों की मौत

20 अक्टूबर 1991 को उत्तरकाशी, भारत में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने व्यापक तबाही मचाई। इस भूकंप में 1000 से अधिक लोगों की जान गई और हजारों लोग घायल हुए। भूकंप के कारण कई भवन ध्वस्त हो गए और प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों की आवश्यकता बढ़ गई। सरकार और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों ने आपातकालीन सहायता प्रदान की। यह भूकंप उत्तर भारत में प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता को उजागर करता है और भविष्य के लिए बेहतर तैयारी की आवश्यकता को इंगित करता है।

1995 - संयुक्त राष्ट्र महासभा का विशेष स्वर्ण जयंती अधिवेशन आरम्भ

20 अक्टूबर 1995 को संयुक्त राष्ट्र महासभा का विशेष स्वर्ण जयंती अधिवेशन आरंभ हुआ। यह अधिवेशन विश्व भर में संयुक्त राष्ट्र के योगदान और उसके द्वारा किए गए विकास कार्यों का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित किया गया था। इस अवसर पर विभिन्न देशों के नेताओं ने विश्व शांति, विकास और मानवाधिकारों के मुद्दों पर चर्चा की। यह अधिवेशन संयुक्त राष्ट्र के 50 वर्षों के कार्यों की उपलब्धियों को मनाने और भविष्य के लिए रणनीतियों को विकसित करने का एक महत्वपूर्ण मंच था।

1995 - श्रीलंका क्रिकेट टीम ने शारजाह कप फाइनल ट्रॉफी अपने नाम की

20 अक्टूबर 1995 को श्रीलंका क्रिकेट टीम ने शारजाह कप फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर ट्रॉफी अपने नाम की। यह जीत श्रीलंकाई क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई। इस मैच में श्रीलंका की टीम ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और वेस्टइंडीज को हराने में सफलता पाई। इस जीत ने श्रीलंकाई क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और टीम को भविष्य के टूर्नामेंट्स में और अधिक सफलताओं की दिशा में प्रेरित किया। यह जीत श्रीलंकाई क्रिकेट के प्रशंसकों के लिए गर्व का क्षण थी।

1998 - मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल गयूम पांचवी बार पुन: राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित

20 अक्टूबर 1998 को, मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल गयूम को पांचवीं बार राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित किया गया। गयूम ने अपने शासन के दौरान कई राजनीतिक और आर्थिक सुधारों का प्रयास किया। उनका नेतृत्व मालदीव के विकास में महत्वपूर्ण था, लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान राजनीतिक असंतोष और विरोध भी बढ़ा। उनके पुन: निर्वाचित होने के बाद, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान केंद्रित करने का वादा किया। गयूम की लम्बी राजनीतिक यात्रा मालदीव की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।

2003 - मदर टेरेसा को रोमन कैथोलिक चर्च का आशीर्वाद प्राप्त हुआ

20 अक्टूबर 2003 को, मदर टेरेसा, जो जीवन भर दबे-कुचले वर्ग के लिए संघर्ष करती रहीं, को रोम में पोप जॉन पॉल II का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। यह घटना उनके कार्यों और समाज में उनके योगदान की मान्यता के रूप में महत्वपूर्ण थी। मदर टेरेसा ने अपने जीवन में कई लोगों की सेवा की और गरीबों और बीमारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए विश्वभर में सम्मानित हुईं। उनका कार्य आज भी प्रेरणा का स्रोत है, और उन्हें कैथोलिक चर्च द्वारा संत घोषित करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना गया।

2004 - बांग्लादेश में 3 पूर्व सेनाधिकारियों को मौत की सज़ा मिली

20 अक्टूबर 2004 को, बांग्लादेश में तीन पूर्व सेनाधिकारियों को युद्ध अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई गई। ये सेनाधिकारी 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई अपराधों में शामिल थे। यह निर्णय बांग्लादेश में न्याय की स्थापना के प्रयासों का हिस्सा था, जहाँ युद्ध अपराधों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतें स्थापित की गई थीं। इस फैसले ने बांग्लादेश में युद्ध के दौरान हुई अत्याचारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया और न्याय के प्रतीक के रूप में कार्य किया।

2007 - ईरान के विदेश उपमंत्री सईद जलाली नये प्रमुख परमाणु वार्ताकार बने

20 अक्टूबर 2007 को, अली लारीजानी के इस्तीफे के बाद ईरान के विदेश उपमंत्री सईद जलाली को नए प्रमुख परमाणु वार्ताकार के रूप में नियुक्त किया गया। यह नियुक्ति ईरान के परमाणु कार्यक्रम के संबंध में अंतरराष्ट्रीय वार्ताओं के संदर्भ में महत्वपूर्ण थी। जलाली की नियुक्ति के दौरान, ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए, जिससे वैश्विक चिंताएं बढ़ीं। यह घटनाक्रम ईरान के साथ पश्चिमी देशों के बीच तनाव और वार्ताओं के नए दौर का संकेत था।

2008 - आरबीआई ने रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती की

20 अक्टूबर 2008 को, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती की। यह निर्णय वैश्विक वित्तीय संकट के मद्देनजर लिया गया, जिसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था को स्थिर करना और तरलता बढ़ाना था। इस कटौती से बैंकों के लिए उधारी की लागत कम हो गई, जिससे वे ग्राहकों को अधिक कर्ज देने में सक्षम हुए। यह निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने और उपभोक्ता खर्च को बढ़ाने में मदद करता है।

2011 - लीबिया में तानाशाह मोहम्‍मद गद्दाफी की हत्या

20 अक्टूबर 2011 को, लीबिया में 40 वर्षों तक शासन करने वाले तानाशाह मोहम्‍मद गद्दाफी को गृहयुद्ध के दौरान मारा गया। गद्दाफी की हत्या ने लीबिया में एक नए युग की शुरुआत की, जहाँ लोगों ने लोकतंत्र की उम्मीदों के साथ परिवर्तन का सामना किया। उनकी हत्या के बाद, लीबिया में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई, और देश में कई संघर्ष और उथल-पुथल हुई। गद्दाफी के शासन के अंत ने मध्य पूर्व में विद्रोह की लहर को भी प्रेरित किया और कई देशों में लोकतांत्रिक आंदोलनों को प्रोत्साहित किया।

जन्मे व्यक्ति

  1. कृष्णप्पा गौतम (1988): कृष्णप्पा गौतम एक प्रमुख भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई है और विशेषकर स्पिन गेंदबाजी में उनकी कुशलता के लिए जाने जाते हैं। गौतम ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मैच खेले हैं और उनकी खेल शैली ने उन्हें प्रशंसा दिलाई है।

  2. लीला सेठ (1930): लीला सेठ भारत की पहली महिला उच्च न्यायालय न्यायाधीश थीं। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और न्यायपालिका में उनकी उपलब्धियों ने उनके समर्पण को प्रदर्शित किया। वे एक प्रख्यात वकील थीं और उनकी विद्यमानता ने भारत में महिलाओं के लिए नई संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त किया।

  3. सुदर्शन भगत (1969): सुदर्शन भगत नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में कृषि और किसान कल्याण के राज्य मंत्री हैं। वे एक प्रमुख राजनेता हैं और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। उनके प्रयासों से कृषि क्षेत्र में कई सुधार किए गए हैं, जिससे किसानों के जीवन में सुधार हुआ है।

  4. वीरेन्द्र सहवाग (1978): वीरेन्द्र सहवाग एक आक्रामक बल्लेबाज हैं और भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने अपने करियर में कई रिकॉर्ड बनाए हैं और उनकी बल्लेबाजी की शैली ने उन्हें विश्वभर में प्रशंसा दिलाई है। सहवाग ने टेस्ट और वनडे दोनों प्रारूपों में शानदार प्रदर्शन किया है।

  5. कुमार सानु (1957): कुमार सानु भारतीय सिनेमा के सबसे प्रसिद्ध पार्श्व गायकों में से एक हैं। उन्होंने 90 के दशक में कई हिट गाने गाए और उनकी आवाज़ ने उन्हें एक आइकॉन बना दिया। उनके गाने आज भी लोगों के दिलों में बसते हैं।

  6. मैनुअल फ्रेडरिक (1947): मैनुअल फ्रेडरिक एक प्रसिद्ध भारतीय हॉकी खिलाड़ी हैं। उन्होंने भारत की राष्ट्रीय टीम के लिए कई महत्वपूर्ण मैच खेले हैं और उनकी प्रतिभा ने भारतीय हॉकी को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है।

  7. वी. एस. अच्युतानन्दन (1923): वी. एस. अच्युतानन्दन एक अनुभवी भारतीय कम्युनिस्ट नेता हैं और वे केरल के ग्यारहवें मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनके नेतृत्व में राज्य ने कई सामाजिक और आर्थिक सुधार देखे हैं।

  8. सिद्धार्थ शंकर राय (1920): सिद्धार्थ शंकर राय पश्चिम बंगाल के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे। उनके कार्यकाल में राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे।

  9. गोवर्धनराम माधवराम त्रिपाठी (1855): वे आधुनिक गुजराती साहित्य के एक महत्वपूर्ण लेखक और इतिहासकार थे। उनके कार्यों ने गुजराती साहित्य को समृद्ध किया और उन्होंने कई निबंध और काव्य रचनाएं कीं।

  10. विस्काउंट पामर्स्टन (1784): विस्काउंट पामर्स्टन एक प्रमुख ब्रिटिश राजनेता थे, जिन्होंने 19वीं शताब्दी के मध्य में दो बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उनके नीतिगत निर्णयों ने ब्रिटिश राजनीति को प्रभावित किया।

  11. दादू चौगुले दत्तात्रेय (2019): दादू चौगुले दत्तात्रेय भारत के प्रसिद्ध पहलवानों में से एक थे। उनकी उपलब्धियों ने उन्हें भारतीय कुश्ती का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया।

  12. निरंजन नाथ वांचू (1982): निरंजन नाथ वांचू एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी थे और केरल तथा मध्य प्रदेश के भूतपूर्व राज्यपाल रहे। उनकी सेवा ने उन्हें कई क्षेत्रों में पहचान दिलाई।

  13. एच. सी. दासप्पा (1964): एच. सी. दासप्पा एक प्रमुख भारतीय क्रांतिकारी थे। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

महत्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव

विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस: हर साल 20 अक्टूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोर स्थिति) के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इसकी रोकथाम के उपायों को साझा करना है। यह दिन लोगों को हड्डियों के स्वास्थ्य के महत्व और सही खान-पान, व्यायाम, और जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता को समझाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। ऑस्टियोपोरोसिस को गंभीरता से लेने और इससे संबंधित जानकारी को साझा करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।

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