7 मार्च का इतिहास: प्रमुख घटनाएँ, जन्मे महान व्यक्ति और महत्वपूर्ण अवसर, History 7 March

7 मार्च के दिन इतिहास में क्या हुआ था? जानिए 7 मार्च की प्रमुख घटनाएँ, प्रसिद्ध व्यक्तियों के जन्मदिन, महत्वपूर्ण दिवस और ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में।

Mar 6, 2025 - 18:55
Mar 26, 2025 - 06:29
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7 मार्च का इतिहास: प्रमुख घटनाएँ, जन्मे महान व्यक्ति और महत्वपूर्ण अवसर, History 7 March

7 मार्च की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ 7 मार्च की महत्वपूर्ण घटनाओं, जन्मे प्रमुख व्यक्तियों और अन्य ऐतिहासिक तथ्यों पर विस्तृत लेख

7 मार्च 2001 - फिजी में अंतरिम सरकार का इस्तीफा

7 मार्च 2001 को फिजी की अंतरिम सरकार ने इस्तीफा दे दिया। यह सरकार 2000 के सैन्य तख्तापलट के बाद बनी थी, जब फिजी के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री महेंद्र चौधरी को अपदस्थ कर दिया गया था। तख्तापलट के बाद देश में राजनीतिक अस्थिरता बनी रही, जिसके कारण अस्थायी सरकार का गठन किया गया। लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव और संवैधानिक व्यवस्था बहाल करने के लिए इस सरकार ने इस्तीफा दे दिया, जिससे फिजी में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पुनर्बहाली का मार्ग प्रशस्त हुआ।

7 मार्च 2002 - इस्लामाबाद में दक्षेस सूचना मंत्रियों का सम्मेलन

7 मार्च 2002 को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के सूचना मंत्रियों का सम्मेलन शुरू हुआ। इस सम्मेलन में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने और मीडिया के प्रभावी उपयोग पर चर्चा हुई। हालांकि, इस दौरान पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय मुद्दों को उठाया, जिससे सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य प्रभावित हुआ। भारत ने इस पर आपत्ति जताई, क्योंकि दक्षेस मंच को सदस्यों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए बनाया गया था, न कि द्विपक्षीय विवादों को उठाने के लिए।

7 मार्च 2003 - फिदेल कास्त्रो छठी बार क्यूबा के राष्ट्रपति निर्वाचित

7 मार्च 2003 को क्यूबा की संसद ने फिदेल कास्त्रो को छठे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति निर्वाचित किया। कास्त्रो 1959 की क्यूबा क्रांति के बाद सत्ता में आए थे और दशकों तक देश के सर्वोच्च नेता बने रहे। उनका प्रशासन समाजवाद और अमेरिका विरोधी नीतियों के लिए जाना जाता था। वे दुनिया में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले प्रमुख नेताओं में से एक रहे। उनके नेतृत्व में क्यूबा ने कई सामाजिक सुधार किए, लेकिन उनकी नीतियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय आलोचना भी हुई।

7 मार्च 2006 - ईरान के राष्ट्रपति की परमाणु कार्यक्रम पर संयुक्त राष्ट्र से मांग

7 मार्च 2006 को ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने देश की परमाणु गतिविधियों पर संयुक्त राष्ट्र परमाणु एजेंसी (IAEA) द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के लिए क्षतिपूर्ति की मांग की। ईरान का तर्क था कि उसकी परमाणु गतिविधियाँ शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए हैं, लेकिन पश्चिमी देशों को संदेह था कि वह परमाणु हथियार विकसित कर सकता है। इस विवाद के कारण ईरान पर कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाए गए, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई। यह मुद्दा वर्षों तक वैश्विक राजनीति का केंद्र बना रहा और बाद में 2015 में हुए परमाणु समझौते का आधार बना।

7 मार्च की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ

7 मार्च 2007 - भारत और पाकिस्तान आतंकवाद पर जांच में मदद के लिए तैयार

7 मार्च 2007 को भारत और पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता किया। दोनों देशों ने आतंकवादी गतिविधियों की जांच में एक-दूसरे की मदद करने पर सहमति जताई। यह समझौता खासकर समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट जैसी घटनाओं के बाद हुआ, जिससे भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव बढ़ा था। इस पहल का उद्देश्य आपसी विश्वास बहाल करना और सीमापार आतंकवाद को रोकने के लिए एक संयुक्त रणनीति तैयार करना था। हालांकि, व्यावहारिक स्तर पर इस सहयोग की प्रभावशीलता को लेकर संदेह बना रहा।

7 मार्च 2008 - त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में लेफ्ट फ्रंट की लगातार चौथी जीत

7 मार्च 2008 को त्रिपुरा विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ लेफ्ट फ्रंट ने लगातार चौथी बार जीत दर्ज की। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेतृत्व में लेफ्ट फ्रंट ने राज्य में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी। इस जीत से साबित हुआ कि त्रिपुरा की जनता का झुकाव वामपंथी नीतियों की ओर बना हुआ था। लेफ्ट फ्रंट सरकार ने विकास कार्यों और जनहित की योजनाओं पर जोर दिया, जिससे उन्हें यह लगातार जीत हासिल हुई। हालांकि, आने वाले वर्षों में त्रिपुरा की राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिले।

7 मार्च 2008 - अंतरिक्ष यात्रियों ने मंगल ग्रह पर झील की खोज की

7 मार्च 2008 को वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर एक प्राचीन झील की खोज की, जिससे यह संकेत मिला कि वहां कभी पानी मौजूद था। यह खोज मंगल पर जीवन की संभावनाओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण मानी गई। नासा के अंतरिक्ष यान और रोवर्स द्वारा भेजी गई तस्वीरों और डेटा से यह पता चला कि मंगल के कुछ हिस्सों में लंबे समय तक पानी बहा था। यह खोज भविष्य में मंगल पर मानव मिशन की संभावनाओं को बल देने वाली थी और इससे यह सिद्ध हुआ कि ग्रह का अतीत पृथ्वी के समान अधिक अनुकूल हो सकता था।

7 मार्च 2009 - स्टरलाइट इंडस्ट्रीज ने अमेरिकी कॉपर कंपनी एसार्को का अधिग्रहण किया

7 मार्च 2009 को भारत की प्रमुख धातु कंपनी स्टरलाइट इंडस्ट्रीज ने अमेरिका की तीसरी सबसे बड़ी कॉपर उत्पादक कंपनी एसार्को (Asarco) के अधिग्रहण की घोषणा की। यह सौदा भारतीय कंपनियों द्वारा वैश्विक स्तर पर विस्तार करने की रणनीति का हिस्सा था। एसार्को का अधिग्रहण करने से स्टरलाइट को वैश्विक तांबा बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर मिला। हालांकि, इस सौदे को लेकर कानूनी और वित्तीय विवाद भी उभरे, लेकिन यह भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति का प्रतीक बना।

7 मार्च को जन्मे प्रमुख व्यक्ति

7 मार्च 1955 - अनुपम खेर (भारतीय अभिनेता)

अनुपम खेर भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता हैं, जिनका जन्म 7 मार्च 1955 को हुआ था। वे अपने उत्कृष्ट अभिनय कौशल और बहुमुखी भूमिकाओं के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ‘सारांश’, ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘खोसला का घोंसला’ और ‘ए वेडनेसडे’ जैसी फिल्मों में यादगार अभिनय किया। हिंदी सिनेमा के अलावा, उन्होंने हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है। अनुपम खेर को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं, और वे थिएटर तथा सामाजिक कार्यों से भी जुड़े हुए हैं।

7 मार्च 1949 - ग़ुलाम नबी आज़ाद (भारतीय राजनीतिज्ञ)

ग़ुलाम नबी आज़ाद भारतीय राजनीति के वरिष्ठ नेता हैं, जिनका जन्म 7 मार्च 1949 को हुआ था। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक रहे हैं और केंद्रीय मंत्री, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री तथा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष जैसे पदों पर कार्य कर चुके हैं। उन्होंने स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण नीतिगत सुधार किए हैं। 2022 में, उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर ‘डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी’ का गठन किया।

7 मार्च 1939 - सैयद सिब्ते रज़ी (भारतीय राजनीतिज्ञ)

सैयद सिब्ते रज़ी का जन्म 7 मार्च 1939 को हुआ था। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और झारखंड तथा असम के राज्यपाल के रूप में कार्य कर चुके थे। उनकी राजनीति में गहरी पकड़ थी और वे कांग्रेस पार्टी के प्रमुख संगठनों में सक्रिय रहे। उनका कार्यकाल राजनीतिक संतुलन और प्रशासनिक सुधारों के लिए जाना जाता है।

7 मार्च 1934 - नरी कॉन्ट्रैक्टर (भारतीय क्रिकेटर)

नरी कॉन्ट्रैक्टर भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में से एक थे, जिनका जन्म 7 मार्च 1934 को हुआ था। वे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके थे और 1960 के दशक में भारतीय क्रिकेट को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1962 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एक मैच के दौरान सिर में गंभीर चोट लगने के कारण उनका करियर बाधित हुआ, लेकिन उन्होंने क्रिकेट में साहस और धैर्य की मिसाल पेश की। उनका योगदान भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अविस्मरणीय है।

7 मार्च को जन्मे प्रमुख व्यक्ति

7 मार्च 1925 - रवीन्द्र केलकर (कोंकणी साहित्यकार)

रवीन्द्र केलकर का जन्म 7 मार्च 1925 को हुआ था। वे कोंकणी साहित्य के सबसे मजबूत स्तंभों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने कोंकणी भाषा में महत्वपूर्ण साहित्य सृजन किया और इस भाषा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी रचनाएँ सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक विषयों पर आधारित थीं। साहित्य में उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले।

7 मार्च 1922 - रामप्रसाद शर्मा 'महर्षि' (प्रसिद्ध कवि)

रामप्रसाद शर्मा 'महर्षि' का जन्म 7 मार्च 1922 को हुआ था। वे भारतीय साहित्य में एक प्रतिष्ठित कवि थे, जिनकी रचनाएँ राष्ट्रीय चेतना और समाज सुधार पर केंद्रित थीं। उनके काव्य में ओजस्विता और प्रेरणादायक भावनाएँ झलकती थीं, जिससे वे अपने समय के प्रमुख कवियों में स्थान बनाने में सफल रहे।

7 मार्च 1911 - अज्ञेय (सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन) (सुप्रसिद्ध साहित्यकार)

अज्ञेय, जिनका मूल नाम सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन था, का जन्म 7 मार्च 1911 को हुआ था। वे हिंदी साहित्य के प्रमुख आधुनिक कवि, कथाकार और निबंधकार थे। उन्होंने प्रयोगवाद और नई कविता आंदोलन को बढ़ावा दिया। उनकी प्रमुख कृतियों में ‘शेखर: एक जीवनी’, ‘अपने अपने अजनबी’, और ‘नदी के द्वीप’ शामिल हैं। उन्होंने साहित्य के साथ-साथ पत्रकारिता और संपादन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका साहित्यिक दृष्टिकोण गहन विचारशीलता और नवीन प्रयोगों पर आधारित था, जिससे वे हिंदी साहित्य में एक अलग पहचान बना सके।

7 मार्च को हुए निधन

7 मार्च 2012 - रवि (संगीतकार)

रवि, जिनका पूरा नाम रवि शंकर शर्मा था, का निधन 7 मार्च 2012 को हुआ। वे हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार थे और 1950-60 के दशक में उनके गाने बेहद लोकप्रिय हुए। उन्होंने ‘गुमराह’, ‘हमराज’, ‘नील कमल’ जैसी फिल्मों में यादगार संगीत दिया। उनके द्वारा रचित गीतों में कर्णप्रिय धुनों और भावनात्मक गहराई का मिश्रण देखने को मिलता था। उन्होंने भारतीय सिनेमा को कई सदाबहार गाने दिए, जो आज भी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।

  7 मार्च 1988 - प्रकाश मेहरोत्रा (भारतीय राजनीतिज्ञ)

प्रकाश मेहरोत्रा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे। वे भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे और अपने समय में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर कार्यरत रहे। उनकी पहचान एक कुशल रणनीतिकार और दूरदर्शी नेता के रूप में थी। 7 मार्च 1988 को उनका निधन हुआ, जिससे कांग्रेस पार्टी ने एक अनुभवी नेता को खो दिया।

7 मार्च 1961 - गोविंद बल्लभ पंत (स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री)

गोविंद बल्लभ पंत स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता और उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री थे। उनका निधन 7 मार्च 1961 को हुआ। वे भारतीय संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वालों में से एक थे। बतौर मुख्यमंत्री, उन्होंने उत्तर प्रदेश में सामाजिक और आर्थिक सुधारों की नींव रखी। बाद में वे केंद्र सरकार में गृह मंत्री भी बने और हिंदी को राजभाषा बनाने में उनका विशेष योगदान रहा। उनके सम्मान में भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया था।

7 मार्च 1952 - परमहंस योगानन्द (भारतीय गुरु एवं आध्यात्मिक संत)

परमहंस योगानंद का निधन 7 मार्च 1952 को हुआ। वे भारत के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु थे, जिन्होंने पश्चिमी देशों में योग और ध्यान को लोकप्रिय बनाया। उनकी पुस्तक ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ अ योगी’ (एक योगी की आत्मकथा) दुनियाभर में प्रसिद्ध है और आज भी कई आध्यात्मिक साधकों के लिए प्रेरणादायक मानी जाती है। उन्होंने क्रिया योग का प्रचार किया और आत्मज्ञान की दिशा में लाखों लोगों को मार्गदर्शन दिया।

7 मार्च 1939 - दयाराम साहनी (प्रसिद्ध पुरातत्त्ववेत्ता)

दयाराम साहनी भारत के जाने-माने पुरातत्त्ववेत्ता थे, जिनका निधन 7 मार्च 1939 को हुआ। वे भारत में सिंधु घाटी सभ्यता की खुदाई से जुड़े प्रमुख वैज्ञानिकों में से एक थे। 1921 में उन्होंने हड़प्पा सभ्यता की खोज की, जिससे भारत के प्राचीन इतिहास की समझ में क्रांतिकारी बदलाव आया। उनकी खोजों ने यह सिद्ध किया कि भारत की सभ्यता हजारों वर्ष पुरानी है और अत्यधिक विकसित थी। उनके योगदान को भारतीय पुरातत्त्व के क्षेत्र में अमूल्य माना जाता है।

7 मार्च के महत्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव

1. जनरल इंश्योरेंस दिवस (General Insurance Day)

हर साल 7 मार्च को जनरल इंश्योरेंस दिवस मनाया जाता है। यह दिन बीमा क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने और जनरल इंश्योरेंस (मोटर, हेल्थ, होम, ट्रैवल आदि) के महत्व को समझाने के लिए मनाया जाता है। बीमा कंपनियां इस अवसर पर विभिन्न योजनाएं और ऑफ़र प्रस्तुत करती हैं ताकि अधिक से अधिक लोग बीमा से जुड़ सकें।

2. सिविल सेवाओं में महिलाओं के लिए जागरूकता दिवस

इस दिन को महिलाओं को सिविल सेवा और प्रशासनिक पदों पर आगे बढ़ाने के लिए विशेष रूप से मनाया जाता है। भारत सहित कई देशों में महिलाओं को सरकारी सेवाओं में प्रोत्साहित करने के लिए इस दिन को विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के रूप में मनाया जाता है।

3. अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन दिवस

7 मार्च को दुनिया भर में टेलीफोन के आविष्कार और उसके विकास को याद करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। इसी दिन 1876 में अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने अपने टेलीफोन का पेटेंट कराया था, जिससे संचार की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव आया।

4. महाराष्ट्र के कई हिस्सों में शिवरात्रि उत्सव

हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास में आने वाली महाशिवरात्रि के आसपास महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में शिवरात्रि उत्सव 7 मार्च को भी मनाया जाता है। इस अवसर पर शिव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है।

5. कुछ देशों में शिक्षक सम्मान दिवस

7 मार्च को कुछ देशों में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, जिसमें शिक्षकों के योगदान को सम्मानित किया जाता है। विभिन्न विद्यालयों और संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

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