GST का फुल फॉर्म है Goods and Services Tax से सम्बन्धित सभी जानकारी देखें

"GST यानी वस्तु और सेवा कर भारत की एक एकीकृत कर प्रणाली है, जिसे 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया। यह लेख GST का फुल फॉर्म, इसके प्रकार (CGST, SGST, IGST) और इसके लाभों की सरल भाषा में जानकारी देता है। GST का फुल फॉर्म है Goods and Services Tax

May 5, 2025 - 19:40
May 5, 2025 - 19:46
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GST का फुल फॉर्म है Goods and Services Tax से सम्बन्धित सभी जानकारी देखें
GST का फुल फॉर्म है Goods and Services Tax

GST का फुल फॉर्म है Goods and Services Tax।
हिंदी में इसे कहा जाता है – वस्तु और सेवा कर

क्या आप GST से जुड़ी कोई और जानकारी भी चाहते हैं, जैसे कि इसके प्रकार या भारत में लागू होने की तिथि 

GST का फुल फॉर्म और जानकारी 

GST का फुल फॉर्म है Goods and Services Tax, जिसे हिंदी में वस्तु और सेवा कर कहा जाता है। यह एक अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) है, जो भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। इससे पहले भारत में वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग प्रकार के कर लगाए जाते थे जैसे कि वैट (VAT), सेवा कर (Service Tax), उत्पाद शुल्क (Excise Duty) आदि। GST इन सभी करों को मिलाकर एक एकीकृत प्रणाली के रूप में लाया गया ताकि पूरे देश में एक जैसा कर ढांचा हो सके।

GST को लागू करने का उद्देश्य कर व्यवस्था को सरल बनाना, व्यापार में पारदर्शिता लाना और टैक्स चोरी को रोकना था। यह "एक राष्ट्र, एक कर" (One Nation, One Tax) की अवधारणा पर आधारित है। GST मुख्यतः तीन प्रकार का होता है –

  1. CGST (Central GST) – केंद्र सरकार द्वारा वसूला जाता है।

  2. SGST (State GST) – राज्य सरकार द्वारा वसूला जाता है।

  3. IGST (Integrated GST) – दो राज्यों के बीच होने वाले व्यापार पर लगाया जाता है।

GST ने भारत की कर व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव लाया है और देश को एक संयुक्त बाजार के रूप में स्थापित किया है।

क्या आप GST के फायदे और नुकसान पर भी जानकारी चाहते हैं?

GST (वस्तु और सेवा कर) भारत में 1 जुलाई 2017 को आधिकारिक रूप से लागू किया गया था। यह आज़ाद भारत की कर व्यवस्था का एक ऐतिहासिक और बड़ा सुधार था।

किसने लागू किया?

GST को लागू करने की प्रक्रिया केंद्र सरकार ने शुरू की थी, और इसका नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया।
अरुण जेटली, जो उस समय भारत के वित्त मंत्री थे, उन्होंने GST कानून को तैयार करने, राज्यों से बातचीत करने और संसद में पास कराने में अहम भूमिका निभाई। यह संविधान (101वां संशोधन) अधिनियम, 2016 के अंतर्गत लागू हुआ।

किसने विरोध किया?

GST के लागू होने से पहले और बाद में कई विपक्षी दलों और व्यापारिक संगठनों ने इसका विरोध किया। प्रमुख विरोध इस प्रकार थे:

  • कांग्रेस पार्टी ने संसद में जीएसटी परिषद की शक्तियों और टैक्स स्लैब पर सवाल उठाए।

  • व्यापारियों और छोटे उद्योगों ने इसे जटिल और अनुपालन भारी (compliance heavy) कर बताया, खासकर शुरुआत में।

  • कुछ राज्य सरकारों, विशेषकर पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, और केरल ने भी इसे केंद्र की कर प्रणाली के रूप में देखकर विरोध जताया और अपनी स्वतंत्र कर नीति में दखल मानकर असहमति जताई थी।

हालांकि समय के साथ इसमें कई सुधार हुए और राज्यों को राजस्व घाटे की भरपाई के लिए मुआवजा भी दिया गया।

क्या आप GST से जुड़े लाभ या चुनौतियों पर भी जानकारी चाहते हैं?

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GST (वस्तु और सेवा कर) को लागू करने का मुख्य कारण था भारत की कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और एकरूप बनाना। इससे पहले भारत में केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग प्रकार के कर लगाती थीं, जिससे व्यापार में जटिलता और भ्रम उत्पन्न होता था।

GST लाने के प्रमुख कारण:

  1. एक राष्ट्र, एक कर (One Nation, One Tax):
    अलग-अलग राज्यों में अलग टैक्स दरें थीं, जिससे व्यापारियों को हर राज्य में अलग नियमों का पालन करना पड़ता था। GST ने पूरे देश के लिए एक समान कर प्रणाली बनाई।

  2. टैक्स की जटिलता को खत्म करना:
    पहले वैट, सेवा कर, उत्पाद शुल्क, एंट्री टैक्स, मनोरंजन कर आदि कई प्रकार के टैक्स लगते थे। GST ने इन सभी को मिलाकर एक ही कर में बदल दिया।

  3. व्यापार को आसान बनाना:
    एक समान कर प्रणाली से माल की आवाजाही में बाधाएं कम हुईं और कारोबारियों को राज्यों में अलग-अलग कर भरने की जरूरत नहीं रही।

  4. टैक्स चोरी पर रोक:
    GST पूरी तरह से तकनीक आधारित है, जिससे हर लेन-देन का रिकॉर्ड डिजिटल होता है और टैक्स चोरी की संभावना घटती है।

  5. राजस्व बढ़ाना:
    टैक्स बेस बढ़ने से सरकार को अधिक राजस्व मिलने की उम्मीद थी, जिससे विकास योजनाएं आगे बढ़ सकें।

  6. उपभोक्ताओं को लाभ:
    पहले एक ही वस्तु पर कई बार टैक्स लगता था (टैक्स पर टैक्स)। GST में सिर्फ अंतिम उपभोक्ता को टैक्स देना होता है, जिससे कीमतें नियंत्रित होती हैं।

अगर आप चाहें, तो मैं GST के फायदे और नुकसान को भी सरल भाषा में समझा सकता हूं।

KRISHAN PAL KASHYAP thought writer हम भारतीय न्यूज़ के साथ स्टोरी लिखते हैं ताकि हर नई और सटीक जानकारी समय पर लोगों तक पहुँचे। हमारा उद्देश्य है कि पाठकों को सरल भाषा में ताज़ा, विश्वसनीय और महत्वपूर्ण समाचार मिलें, जिससे वे जागरूक रहें और समाज में हो रहे बदलावों को समझ सकें।