क्या EVM हैक की जा सकती है ? ई.वी.एम कैसे काम करती है

ईवीएम में कुछ बटन और लाइटें होती हैं जिनकी मदद से मतदाता अपना वोट डालते हैं।

Apr 17, 2024 - 19:54
Apr 18, 2024 - 16:41
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क्या EVM हैक की जा सकती है ?  ई.वी.एम कैसे काम करती है

EVM kaise kaam karti hai hindi me

ई.वी.एम कैसे काम करती है

क्या EVM हैक की जा सकती है

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो वोट काउंटिंग और रिकॉर्डिंग के लिए तैयार है। ये किसी भी प्रकार के फिजिकल बैलेट पेपर की जरूरत नहीं पड़ती है। ईवीएम में कुछ बटन और लाइटें होती हैं जिनकी मदद से मतदाता अपना वोट डालते हैं। ये किस प्रकार का काम करता है, उसका एक सरल स्पष्टीकरण दिया गया है:

बटन दबाना (दबाव देना): मतदाता अपना वोट डालने के लिए ईवीएम के बटन पर दबाव देता है। हर पार्टी या उम्मीदवार के सामने एक बटन होता है।

रिकॉर्डिंग (दर्ज करना): जब वोटर किसी उम्मीदवार को सेलेक्ट करता है और उसके बटन को दबाता है, तो ईवीएम उसकी पसंद को रिकॉर्ड कर लेता है।

गिनती (गिनती): चुनाव के अंत में, ईवीएम में रिकॉर्ड किए गए वोटों की गिनती की जाती है। हर उम्मीदवार के लिए कितने वोट मिले हैं, ये ईवीएम डिस्प्ले पर दिखाया जाता है।

परिणाम घोषणा (परिणाम का एलान): जब गिनती पूरी होती है, तो ईवीएम परिणाम घोषित करता है। जो उम्मीदवार सबसे ज्यादा वोट जीतता है, वही चुनाव जीत जाता है।

ईवीएम में सुरक्षा उपाय भी होते हैं ताकि किसी भी प्रकार की वोटिंग से छेड़छाड़ न हो सके। इसमे डेटा एन्क्रिप्शन और कई स्तरों की प्रमाणीकरण जैसी तकनीकें समान होती हैं। कुल मिलाकर, ईवीएम एक कुशल और विश्वसनीय तरीका है चुनाव के लिए।

आज के दिन के बारे में

EVM ka full form hai

 "Electronic Voting Machine" (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन)।

EVM किस काम में आती है

EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) चुनाव में इस्तेमाल की जाती है। इसका मुख्य काम चुनाव के समय वोटर्स को उनकी पसंदीदा पार्टी या उम्मीदवार को चुनने और उनके वोट को सही तरीके से गिनते हुए चुनाव का अंजाम तय करना होता है। इससे परंपरागत कागजी मतदान को कम किया जाता है और मतदान प्रक्रिया को संचालित और कुशल बनाया जाता है।

क्या evm हैक हो सकता है ?

ईवीएम हैकिंग एक संवेदनशील मुद्दा है और बहुत सारे विवादों के बीच में आता है। कुछ लोग मानते हैं कि ईवीएम हैकिंग हो सकती है, जबकी दूसरे इस बात को बदनाम करते हैं। ये एक जटिल विषय है और चुनाव अधिकारी और सुरक्षा विशेषज्ञ नियमित रूप से काम करते हैं।

कुछ लोग ईवीएम हैकिंग के कुछ कारण और तारीखें बताते हैं:

फिजिकल एक्सेस: अगर किसी को ईवीएम को फिजिकल एक्सेस मिल जाता है, जैसे कि स्टोरेज या ट्रांसपोर्टेशन के दौरन, तो उसमें कुछ बदलाव करके हैकिंग की जा सकती है।

मैलवेयर इंजेक्शन: कुछ हैकर्स ईवीएम में मैलवेयर या दुर्भावनापूर्ण कोड इंजेक्ट करके उसमें बदलाव कर सकते हैं।

रिमोट एक्सेस: अगर ईवीएम को इंटरनेट या किसी रिमोट नेटवर्क से कनेक्ट किया गया है, तो उनमें कमजोरियां होती हैं जिनसे हैकिंग हो सकती है।

लेकिन, ईवीएम को सुरक्षित बनाने के लिए बहुत सारे उपाय किए गए हैं। चुनाव अधिकारी नियमित रूप से ईवीएम की सुरक्षा की निगरानी करते हैं और कोशिश करते हैं कि उनमें किसी भी प्रकार की हैकिंग या हेरफेर न हो सके।

किन देशों में evm से चुनाव होते हैं

कई देशों में चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल किया जाता है. कुछ देश ईवीएम जैसे शुद्ध इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम का उपयोग करते हैं, जबकि कुछ देश हाइब्रिड सिस्टम का उपयोग करते हैं जो पारंपरिक पेपर मतपत्र और ईवीएम दोनों का उपयोग करते हैं।

कुछ देशों में ईवीएम का उपयोग:

भारत (भारत): भारत में चुनावों में ईवीएम का उपयोग प्रचलित है। यहां लोकसभा, विधानसभा और नगर निगम चुनाव जैसे हर स्तर पर ईवीएम का इस्तेमाल होता है.

भूटान: भूटान भी अपने चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल करता है।

नेपाल: नेपाल में भी चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल होता है।

ब्राजील: ब्राजील में भी चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल होता है।

फिलीपींस: फिलीपींस में भी चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल किया जाता है, हालांकि पारंपरिक कागजी मतपत्रों का भी इस्तेमाल किया जाता है।

ये वो कुछ देश हैं जहां चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल किया जाता है। प्रत्येक देश अपनी चुनाव प्रक्रिया को अपनी आवश्यकताओं और सुरक्षा चिंताओं के अनुसार डिजाइन करता है।

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