एशिया का सबसे अमीर गांव 7000 करोड़ की एफडी, विदेशी निवासियों की भूमिका
32,000 निवासियों ने सामूहिक रूप से 7000 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) कर रखी है। यह राशि गांववासियों की वर्षों की मेहनत और वित्तीय अनुशासन का परिणाम है।
एशिया का सबसे अमीर गांव: 7000 करोड़ की एफडी, विदेशी निवासियों की भूमिका
भारत के गुजरात राज्य में स्थित माधापार गांव ने एशिया के सबसे अमीर गांव के रूप में अपनी पहचान बना ली है। यह छोटा सा गांव, जो कच्छ जिले में स्थित है, अपनी तरक्की में बड़े-बड़े शहरों को भी पीछे छोड़ चुका है।
7000 करोड़ की फिक्स्ड डिपॉजिट
माधापार गांव की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके लगभग 32,000 निवासियों ने सामूहिक रूप से 7000 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) कर रखी है। यह राशि गांववासियों की वर्षों की मेहनत और वित्तीय अनुशासन का परिणाम है।
विदेशों से आता है पैसा
माधापार की समृद्धि का एक बड़ा कारण यहां के लोगों का विदेशों में बसे अपने रिश्तेदारों से पैसा प्राप्त करना है। गांव में रहने वाले अधिकांश लोग पटेल समुदाय के हैं, जो अपने व्यवसाय के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा और न्यूजीलैंड में बसे माधापार के लोग अपने गांव में पैसा भेजते हैं, जिसे गांववाले एफडी में बदल देते हैं।
बैंकिंग सुविधाएं और विकास
गांव में हर प्रमुख बैंक की ब्रांच मौजूद है। एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, और यूनियन बैंक जैसे बड़े नाम यहां की बैंकिंग व्यवस्था का हिस्सा हैं। इस छोटे से गांव ने धीरे-धीरे एक प्रभावशाली वित्तीय पोर्टफोलियो बना लिया है, जो इसे एशिया के सबसे अमीर गांव के रूप में स्थापित करता है।
शहर जैसी सुविधाएं
माधापार में न केवल वित्तीय समृद्धि है, बल्कि यहां की सुविधाएं भी किसी शहर से कम नहीं हैं। गांव में स्कूल, पार्क, सड़कें और पानी की अच्छी व्यवस्था है, जो इसे एक विकसित और समृद्ध गांव बनाती है।
माधापार गांव ने न केवल अपनी वित्तीय अनुशासन से अपनी पहचान बनाई है, बल्कि यहां की समृद्धि और सुविधाएं इसे अन्य गांवों से अलग बनाती हैं। विदेशों में बसे रिश्तेदारों के समर्थन और गांव के लोगों की समझदारी ने माधापार को एशिया का सबसे अमीर गांव बना दिया है।
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