2 मार्च का इतिहास: सरोजिनी नायडू और भारत-अमेरिका एटम बम समझौता
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2 मार्च का इतिहास: सरोजिनी नायडू और भारत-अमेरिका एटम बम समझौता
2 मार्च को, भारतीय इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटीं हैं। इस दिन, हम स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष सरोजिनी नायडू की पुण्यतिथि को याद करते हैं, और भी एक महत्वपूर्ण दिन है जब भारत और अमेरिका के बीच एटम बम के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ था।
सरोजिनी नायडू की पुण्यतिथि:
2 मार्च को, भारतीय राजनीतिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू की पुण्यतिथि के रूप में मनाई जाती है। सरोजिनी नायडू, जिन्हें "नाइटिंगेल ऑफ इंडिया" कहा जाता है, ने अपने योगदान से भारतीय समाज में महिलाओं के प्रति समर्पण का परिचय कराया। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष के रूप में अपनी दक्षता दिखाई और उनकी शक्तिशाली वाणी ने उन्हें एक अद्वितीय स्थान पर ले आया।
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फ़रवरी 1879 में हुआ था और उन्होंने भारतीय समाज को उत्कृष्टता की ऊँचाइयों तक पहुंचाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी शिक्षा पूरी की और विभिन्न समाज सेवा कार्यों में भाग लिया। सरोजिनी नायडू ने अपने दैहिक और मानसिक बल के साथ, स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ अपनी भूमिका के लिए भी महत्वपूर्ण पहचान बनाई।
सरोजिनी नायडू की नेतृत्व क्षमता और उनका साहस उन्हें नहीं केवल भारतीय समाज के बीच बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचानी गई। उनका योगदान आज भी हमें समाज में समानता और न्याय के प्रति समर्पित करने की मिसाल प्रदान करता है।
भारत-अमेरिका एटम बम समझौता:
इसी दिन, भारत और अमेरिका ने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक समझौता किया था, जिसमें वे न्यूक्लियर समझौते पर सम्झौता करते हैं। यह समझौता भारत को अमेरिकी परमाणु ऊर्जा साझा करने का अधिकार देने का लक्ष्य रखता है और साथ ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एक-दूसरे के साथ सहयोग को बढ़ावा देने का कारण बनता है।
यह समझौता एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारत को न्यूक्लियर संगर्भ में एक महत्वपूर्ण ख्याति देता है और दुनिया के भू-अणु अर्थशास्त्र में उसकी मुख्य भूमिका को मजबूत करता है। इस समझौते के परिणामस्वरूप, भारत ने न्यूक्लियर ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी नई पहचान बनाई और विश्व स्तर पर उसकी महत्वपूर्ण भूमिका में सुधार किया।
इस समझौते का सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक पहलुओं से भी महत्वपूर्ण असर है, क्योंकि यह एक नए युग की शुरुआत को दर्शाता है, जिसमें विभिन्न राष्ट्र सहयोग, समर्थन, और समझौते के माध्यम से साथ मिलकर विकास और समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
इन दो घटनाओं का संयोजन हमें दिखाता है कि इतिहास में आज का दिन एक अत्यंत महत्वपूर्ण और साकारात्मक मोड़ लेकर आया है, जिसने देश और विश्व को एक नए दृष्टिकोण से देखने का अवसर दिया है। इसे मनाने का सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक प्रभाव आज भी महत्वपूर्ण है और हमें यह याद दिलाता है कि सहयोग, आपसी समझ, और शांति के माध्यम से ही एक उत्तम भविष्य की ओर कदम बढ़ाना संभव है।
2 मार्च की महत्त्वपूर्ण घटनाएं
2 मार्च 1995 – इक्वाडोर एवं पेरू के मध्य चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए दोनों देशों के मध्य डील हुई।
1995 में इक्वाडोर और पेरू के बीच हुए सेनेपा युद्ध को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच एक डील हुई थी. यह संघर्ष पेरू के क्षेत्र पर कैनेपा घाटी के नियंत्रण को लेकर लड़ा गया था.
2 मार्च 1997 – चीन द्वारा अपने रक्षा बजट में 12 प्रतिशत का इजाफा किया गया।
चीन ने इस साल भी अपने सैन्य बजट में इजाफा किया है. युद्ध की तैयारियों को बढ़ावा देने और सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ड्रैगन
2 मार्च 1999 – सी.टी.बी.टी. पर हस्ताक्षर करने के लिए भारत के साथ गुप्त समझौते का अमेरिका द्वारा खंडन।
2 मार्च 2000 – चिली के पूर्व सैनिक तानाशाह जनरल आगस्टो पिनोशे ब्रिटेन द्वारा आजाद करने के बाद स्वदेश रवाना।
2000 – चिली के पूर्व सैनिक तानाशाह जनरल आगस्टो पिनोशे ब्रिटेन द्वारा आजाद करने के बाद स्वदेश रवाना। 2002 – कूलम (आस्ट्रेलिया) में राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन शुरू, फ़लिस्तीन ने इस्रायल से सभी सम्बन्ध तोड़े। 2006 – अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज W बुश और भारत के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने परमाणु समझौते पर साइन किये।
2 मार्च 2002 – कूलम (आस्ट्रेलिया) में राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन शुरू, फ़लिस्तीन ने इस्रायल से सभी सम्बन्ध तोड़े।
2 मार्च 2006 – अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज W बुश और भारत के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने परमाणु समझौते पर साइन किये।
2 मार्च 2008 – आइगेट कॉर्पोरेशन ने फनी मूर्ति को अपना मुख्य परिचालन अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया।
2 मार्च 2009 – चुनाव आयोग ने 15वीं लोकसभा के चुनाव 16 अप्रैल से 13 मई के बीच 5 चरणों में सम्पन्न करने की घोषणा की।
2 मार्च को जन्मे व्यक्ति
1986 – जयन्त तालुकदार, भारतीय तीरंदाज़ खिलाड़ी।
1953 – मनोरंजन साहू- बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय के पूर्व प्रमुख।
1932 – बसंत सिंह खालसा, मशहूर राजनीतिज्ञ
1926 – पी. के. वासुदेवन नायर – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राजनेता।
1924 – गुलशन राय – हिन्दी फिल्म निर्माता व वितरक थे।
2 मार्च को हुए निधन
2 मार्च 2021 – बी. एस. नारंग – प्रसिद्ध शास्त्रीय वादक तथा संगीतकार थे।
2 मार्च 2014 – पवन दीवान – छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण आंदोलन के प्रखर नेता, संत और कवि थे।
2 मार्च 2010 – सैयद अली – भारत के पूर्व हॉकी खिलाड़ी थे।
2 मार्च 1949 – सरोजिनी नायडू, भारत की पहली महिला राज्यपाल, नाइटिंगेल ऑफ इंडिया एवं सुप्रसिद्ध कवयित्री।
2 मार्च 1869 – हरकोर्ट बटलर, उत्तर प्रदेश के प्रथम राज्यपाल। पहले
2 मार्च लगकर लिखना है
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