1 करोड़ की फंडिंग, फिर भी नहीं बनी बिल्डिंग, पिलर पर छत बनाकर छोड़ा; गाजीपुर में फर्जीवाड़े की कहानी

गाजीपुर के दिलदारनगर में एक करोड़ रुपये की आवास योजना में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. साल 2014 में शुरू हुई योजना के तहत सफाई कर्मचारियों के लिए बनाए जा रहे आवास अधूरे पड़े हैं. ठेकेदार ने केवल पिलर और छत बनाकर कांटेक्ट का पूरा पैसा ले लिया है.

Mar 23, 2025 - 14:19
 0  16
1 करोड़ की फंडिंग, फिर भी नहीं बनी बिल्डिंग, पिलर पर छत बनाकर छोड़ा; गाजीपुर में फर्जीवाड़े की कहानी
1 करोड़ की फंडिंग, फिर भी नहीं बनी बिल्डिंग, पिलर पर छत बनाकर छोड़ा; गाजीपुर में फर्जीवाड़े की कहानी

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से भ्रष्टाचार का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. साल 2014 में नगर विकास योजना के अंतर्गत कर्मचारियों के रहने के लिए करीब एक करोड़ की लागत से आवास बनाए जाने की योजना आई थी. इस योजना के तहत कर्मचारियों के आवास बनाने का काम शुरू हुआ था. शुरुआती किस्त के तौर पर आवास बनाने के लिए 37 लाख रुपए आए थे. कंपनी ने आवास बनाना शुरू कर दिया था और इस दौरान उसने मकान में पिलर बनाकर ही छत डाली दी थी. साल 2016 में उक्त ठेकेदार ने अपना काम पूरा दिखाकर बाकी का भुगतान करा लिया था.

गाजीपुर में अजूबों की कोई कमी नहीं है और ऐसा ही अजूबा नगर पंचायत दिलदारनगर में देखने को मिल रहा है. यहां पर स्लैब डाली हुई छत के नीचे कच्चा मकान बनाकर सफाई कर्मचारी पिछले 10 सालों से रहने को मजबूर है. साल 2014 में नगर विकास योजना के अंतर्गत कर्मचारियों के रहने के लिए करीब एक करोड़ की लागत से आवास बनाए जाने की योजना आई थी और इस योजना के तहत तत्कालीन अधिशासी अधिकारी और नगर पंचायत अध्यक्ष ने नगर पंचायत को प्राप्त प्रथम किस्त के तहत करीब 37 लाख रुपए का टेंडर कर कार्य प्रारंभ कराया गया था.

पिलर पर डाली दी छत

इस टेंडर के तहत ठेकेदार ने मात्र पिलर बनाकर ही छत डाल दी. इसके बाद नगर पंचायत दिलदारनगर ने बिना किसी जांच के साल 2016 में उक्त ठेकेदार को पूरा भुगतान भी कर दिया था. नगर पंचायत की तरफ से सफाई कर्मचारियों के लिए छत की ढलाई कर देने के बाद सफाई कर्मियों को उम्मीद थी कि अब उन्हें अपना पक्का मकान मिलेगा, लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी उन्हें आवास नहीं मिला है.

स्लैब के नीचे कच्चा मकान

कर्मियों स्लैब के नीचे कच्चा मकान बनाकर रहने को मजबूर है. उनके आवास योजना के तहत बनने वाले आवास का सपना सपना ही रह गया. बता दे की नगर पंचायत दिलदारनगर में मौजूदा समय में 12 रेगुलर सफाई कर्मचारी हैं, जबकि 17 संविदा के और 22 आउटसोर्सिंग कर्मचारी नगर पंचायत इलाके की सफाई की व्यवस्था देखते हैं. इसमें से अधिकतर इसी स्लैब के नीचे अपना कच्चा मकान बनाकर रहने को मजबूर हैं.

DM-SDM से की थी शिकायत

दिलदारनगर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 10 में भी एक आवास को बनाने के लिए फंड आया था. हालांकि, इस आवास के काम को भी पिलर पर छत डालकर छोड़ दिया था. इस आवास का कर्मचारी पिछले कई सालों से अघूरे पड़े काम के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. उसने इसकी शिकायत भी कई बार जिलाधिकारी और एसडीएम से की और इस मामले में जांच भी हुई, लेकिन उसमें आज तक क्या हुआ किसी को पता नहीं चल पाया.

नया सवेरा योजना के तहत बनने थे आवास

मामला साल 2014 का था और उस वक्त अली शेर राईनी उर्फ भोलू नगर पंचायत अध्यक्ष थे. उनसे इस योजना के बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि नया सवेरा योजना के तहत नगर पंचायत की जो जमीन थी. उस पर सफाई कर्मचारियों के आवास बनाने के लिए प्रथम किस्त में जो बजट आया उसका टेंडर कर दिया गया था. ठेकेदार ने प्रथम किस्त के अनुसार अपना काम भी कर दिया. वहीं दूसरी किस्त के बजट के लिए शासन को लिखा गया था और उसके बाद हमारा कार्यकाल खत्म हो गया.

स्लैब के नीचे रह रहे सफाई कर्मचारी

उसके बाद बनने वाले अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारियों ने इस योजना को पूर्ण करने के लिए कोई दिलचस्पी नहीं ली. जिसके कारण आज तक नगर पंचायत दिलदारनगर के सफाई कर्मचारी पक्के स्लैब के नीचे कच्चे मकान में रहने को मजबूर हैं. वहीं, इस मामले पर नगर पंचायत दिलदारनगर के अधिशासी अधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि उन्हें इस तरह के किसी भी योजना या फिर आवास के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इसके बारे में जानकारी लेने के बाद ही कुछ बता पाएंगे.

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,