शायरी

श्री राम की विनती

तुम्हारा दर्शन हूँ, तुम्हाराआदर्श  हूँ , दुखों का संबल हूँ और प्रेम स्पर्श हूँ।

भगवान श्री राम जी श्री चरणों में श्रद्धामय नमन

क्या ये सब सेवा के बदले मिला राम के मन को  आदर्शों पर चल कर ही तो पाया इस पीड़ा को।

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