19 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, जन्मे व्यक्ति, निधन अवसर एवं उत्सव

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Dec 17, 2024 - 20:30
Dec 17, 2024 - 20:45
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19 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, जन्मे व्यक्ति, निधन अवसर एवं उत्सव

19 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, जन्मे व्यक्ति, निधन अवसर एवं उत्सव

पार्क ग्युन हे का राष्ट्रपति चुनाव (2012):
19 दिसंबर 2012 को दक्षिण कोरिया की पहली महिला राष्ट्रपति पार्क ग्युन हे को चुना गया। यह एक ऐतिहासिक घटना थी, क्योंकि इससे पहले देश में किसी महिला को इस पद पर नहीं चुना गया था। पार्क ग्युन हे ने अपने राष्ट्रपति पद की शपथ ली और दक्षिण कोरिया की राजनीति में एक नई दिशा दी। हालांकि, उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप 2017 में उन्हें पद से हटा दिया गया। बाद में, अगस्त 2018 में उन्हें भ्रष्टाचार के मामलों में 25 साल की सजा सुनाई गई, जो दक्षिण कोरिया के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।

केनरा बैंक, एचडीएफसी और बैंक ऑफ राजस्थान द्वारा आवास ऋण सस्ता करना (2008):
19 दिसंबर 2008 को केनरा बैंक, एचडीएफसी और बैंक ऑफ राजस्थान ने आवास ऋण की ब्याज दरों को सस्ता करने की घोषणा की। यह कदम वैश्विक वित्तीय संकट के बीच भारतीय बैंकों द्वारा उठाया गया था, जिसका उद्देश्य घरेलू बाजार को स्थिर रखना और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करना था। इन बैंकों ने आवास ऋण पर ब्याज दरों में कटौती की, जिससे घर खरीदारों को सस्ते ऋण मिल सके। यह निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के प्रयास के रूप में महत्वपूर्ण था।

टाइम पत्रिका द्वारा ब्लादिमीर पुतिन को 'पर्सन आफ़ द ईयर' का खिताब (2007):
19 दिसंबर 2007 को टाइम पत्रिका ने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को 'पर्सन आफ़ द ईयर' के खिताब से नवाजा। पुतिन को यह सम्मान रूस की राजनीति और वैश्विक मंच पर रूस की बढ़ती ताकत के कारण मिला। उनके नेतृत्व में रूस ने राजनीतिक और आर्थिक सुधारों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति मजबूत की। हालांकि, पुतिन के शासन को लेकर आलोचनाएं भी रही हैं, जिनमें लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप और मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप शामिल थे।

शैलजा आचार्य का नेपाल के भारत में नया राजदूत नियुक्त होना (2006):
19 दिसंबर 2006 को नेपाल ने शैलजा आचार्य को भारत में अपना नया राजदूत नियुक्त किया। शैलजा आचार्य की नियुक्ति नेपाल और भारत के बीच कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई थी। उनका कार्यकाल नेपाल-भारत संबंधों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ। शैलजा आचार्य ने दोनों देशों के बीच बेहतर संवाद और सहयोग की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए और नेपाल के हितों का भारतीय सरकार के सामने सही तरीके से प्रतिनिधित्व किया।

अफ़ग़ानिस्तान में पहली लोकतांत्रिक संसद की बैठक (2005):
19 दिसंबर 2005 को अफ़ग़ानिस्तान में तीन दशकों बाद लोकतांत्रिक पद्धति से चुनी गई संसद की पहली बैठक आयोजित की गई। यह अफ़ग़ानिस्तान के इतिहास में एक ऐतिहासिक पल था, क्योंकि यह देश की पुनर्निर्माण प्रक्रिया और लोकतांत्रिक प्रणाली की ओर एक महत्वपूर्ण कदम था। इस बैठक के माध्यम से अफ़ग़ानिस्तान ने अपनी राजनीति में एक नई दिशा पाई और लोकतंत्र की स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की।

संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा पाकिस्तान की कश्मीर समस्या पर संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के तहत समाधान की मांग छोड़ने का स्वागत (2003):
19 दिसंबर 2003 को संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान की कश्मीर समस्या को संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के तहत हल करने की मांग छोड़ने का स्वागत किया। इस कदम से दोनों देशों के बीच तनाव में कमी आने की उम्मीद जगी, और यह एक सकारात्मक कूटनीतिक कदम था। पाकिस्तान के इस निर्णय के बाद, दोनों देशों के बीच कश्मीर मुद्दे पर बातचीत को लेकर एक नई शुरुआत की संभावना बनी, जिससे क्षेत्रीय शांति की दिशा में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद थी।

लीबिया द्वारा रसायनिक हथियारों को समाप्त करने की घोषणा (2003):
19 दिसंबर 2003 को लीबिया ने घोषणा की कि वह अपने सभी रसायनिक हथियारों को नष्ट कर देगा। यह घोषणा लीबिया के नेता मुअम्मर गद्दाफी द्वारा की गई, और यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक बड़ा कदम था। लीबिया के इस फैसले ने देश की अंतरराष्ट्रीय छवि को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। रसायनिक हथियारों को नष्ट करने के साथ लीबिया ने वैश्विक सुरक्षा और शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

आस्ट्रेलिया द्वारा वेस्टइंडीज को हराकर लगातार 13वां टेस्ट मैच जीतना (2000):
19 दिसंबर 2000 को आस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज को हराकर लगातार 13वां टेस्ट मैच जीतने का इतिहास रच दिया। यह रिकॉर्ड आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के शानदार प्रदर्शन का प्रतीक था, जो अपने समय में बेहतरीन टीमों में शामिल थी। यह जीत क्रिकेट इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर थी, और आस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम ने यह साबित कर दिया कि वे विश्व क्रिकेट में एक मजबूत और अजेय टीम हैं।

मकाऊ का चीन को हस्तांतरण (1999):
19 दिसंबर 1999 को, पुर्तगाली उपनिवेश में 443 वर्षों तक रहने के बाद, मकाऊ को चीन को सौंप दिया गया। यह हस्तांतरण चीन के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था, क्योंकि इससे चीन ने अपने ऐतिहासिक क्षेत्रीय दावे को पूरा किया। मकाऊ को ‘एक देश, दो प्रणालियाँ’ के सिद्धांत के तहत चीन के साथ जोड़ा गया, और इस हस्तांतरण के बाद मकाऊ ने अपनी सांस्कृतिक और प्रशासनिक स्वायत्तता बनाए रखी।

अमर्त्य सेन को बांग्लादेश द्वारा मानद नागरिकता (1998):
19 दिसंबर 1998 को, प्रसिद्ध भारतीय अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को बांग्लादेश ने मानद नागरिकता से नवाजा। यह सम्मान उन्हें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था और समाज में उनके योगदान के लिए दिया गया। अमर्त्य सेन के कार्यों और विचारों ने विश्व भर में विकास, गरीबी उन्मूलन और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव द्वारा राष्ट्रपति बिल क्लिंटन पर महाभियोग (1998):
19 दिसंबर 1998 को, अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने राष्ट्रपति बिल क्लिंटन पर महाभियोग लगाया। यह आरोप राष्ट्रपति क्लिंटन के साथ एक कामकाजी कर्मचारी के संबंधों को लेकर था। हालांकि, उच्च सदन सीनेट में उन्हें बरी कर दिया गया। यह घटना अमेरिकी राजनीति का एक ऐतिहासिक और विवादास्पद पल था, जिसने देश के राजनीतिक माहौल को प्रभावित किया।

फिल्म "टाइटैनिक" का रिलीज़ होना (1997):
19 दिसंबर 1997 को, "टाइटैनिक" फिल्म रिलीज़ हुई, जो इतिहास में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक बन गई। फिल्म के निर्देशक जेम्स कैमरून थे, और इसमें लियोनार्डो डि कैप्रियो और केट विंसलेट मुख्य भूमिका में थे। फिल्म ने अपनी रोमांटिक और त्रासदीपूर्ण कहानी के साथ दर्शकों का दिल जीत लिया, और इसने कई ऑस्कर अवार्ड्स भी जीते।

चीन और ब्रिटेन के बीच हांगकांग के हस्तांतरण पर समझौता (1984):
19 दिसंबर 1984 को, चीन और ब्रिटेन ने हांगकांग को 1997 तक चीन के अधीन सौंपने के संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत, हांगकांग में ब्रिटिश शासन समाप्त हुआ और यह ‘एक देश, दो प्रणालियाँ’ के सिद्धांत के तहत चीन को सौंपा गया। यह कदम चीन और ब्रिटेन के बीच एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक समझौता था और हांगकांग की राजनीतिक स्थिति में बदलाव का प्रतीक था।

भोपाल गैस त्रासदी (1984):
19 दिसंबर 1984 को भोपाल गैस त्रासदी के परिणामस्वरूप 2500 लोगों की मौत हो गई। यह घटना भारत की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक थी, जब यूनियन कार्बाइड कंपनी के कारखाने से खतरनाक गैस लीक हो गई। इस दुर्घटना ने न केवल हजारों लोगों की जान ली, बल्कि इसके बाद से भारत में औद्योगिक सुरक्षा मानकों और पर्यावरणीय नियमों पर भी सवाल उठाए गए।

रिकी पोंटिंग का जन्म (1974):
19 दिसंबर 1974 को ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और वर्ल्ड कप विजेता कप्तान रिकी पोंटिंग का जन्म हुआ। पोंटिंग को क्रिकेट के इतिहास के महान कप्तानों में से एक माना जाता है। उन्होंने अपनी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को 2003 और 2007 में क्रिकेट विश्व कप जीतने में नेतृत्व किया। पोंटिंग ने अपनी बल्लेबाजी से भी बेहतरीन प्रदर्शन किया, और उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में 27 शतक दर्ज हैं। पोंटिंग का योगदान ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को अमिट रहेगा, और वे एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में जाने जाते हैं।

गोवा की पुर्तग़ाल से आज़ादी (1961):
19 दिसंबर 1961 को ऑपरेशन विजय के तहत भारतीय सेना ने गोवा, दमन और दीव को पुर्तग़ाल की गुलामी से मुक्त कराया। यह ऐतिहासिक घटना थी, जब भारतीय सैनिकों ने गोवा के बॉर्डर में प्रवेश किया और पुर्तग़ाली शासन का अंत किया। गोवा, जो लगभग 450 वर्षों तक पुर्तग़ाल का उपनिवेश था, भारत के साथ जुड़ गया। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामरिक विजय थी और भारतीय समृद्धि में एक नया अध्याय था।

सुकुमार सेन का चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल (1958):
19 दिसंबर 1958 को सुकुमार सेन भारतीय गणराज्य के पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त बने। उन्होंने भारतीय चुनाव प्रणाली को मजबूत किया और देश में चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया। उनके कार्यकाल में भारत में पहली आम चुनावी प्रक्रिया का आयोजन किया गया, जो स्वतंत्रता के बाद सबसे बड़े चुनाव थे। उनके योगदान को भारतीय राजनीति में अहम माना जाता है और उनके मार्गदर्शन में भारत का चुनाव आयोग विश्वभर में एक आदर्श के रूप में स्थापित हुआ।

केनिलवर्थ बंगले का उद्घाटन (1945):
19 दिसंबर 1945 को मुंबई के पेडर मार्ग स्थित केनिलवर्थ बंगले पर एक संस्थान का स्थानांतरण किया गया था। इसका उद्घाटन मुंबई के तत्कालीन राज्यपाल सर जॉन कोल्विले ने किया। यह घटना मुंबई के विकास और प्रशासनिक ढांचे में एक महत्वपूर्ण कदम था। केनिलवर्थ बंगला अपने समय में एक प्रतिष्ठित स्थान था और इसके उद्घाटन से उस क्षेत्र की औद्योगिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ।

हिटलर द्वारा सेना की कमान अपने हाथ में लेना (1941):
19 दिसंबर 1941 को जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने जर्मन सेना की पूरी कमान अपने हाथ में ले ली और जर्मन सेना के कमांडर इन चीफ बने। यह कदम द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर के सैन्य निर्णयों और रणनीतियों में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने के उनके इरादे को दर्शाता है। हिटलर का यह निर्णय जर्मन सेना के संचालन में केंद्रीयकरण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम था, हालांकि इसके परिणामस्वरूप जर्मन सेनाओं को कई सैन्य उलटफेरों का सामना करना पड़ा।

भारत की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील का जन्म (1934):
19 दिसंबर 1934 को भारत की पहली महिला राष्ट्रपति, प्रतिभा पाटील का जन्म हुआ। उन्होंने 2007 से 2012 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। प्रतिभा पाटील ने भारतीय राजनीति में महिलाओं की भूमिका को और भी सशक्त किया और कई सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय रखी। उनका कार्यकाल भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, जिसमें उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए काम किया।

उत्तर प्रदेश ऑटोमोबाइल संघ की स्थापना (1927):
19 दिसंबर 1927 को उत्तर प्रदेश ऑटोमोबाइल संघ की स्थापना हुई। इस संघ का उद्देश्य राज्य में ऑटोमोबाइल उद्योग को प्रोत्साहित करना और इसके विकास के लिए एक मंच प्रदान करना था। संघ ने ऑटोमोबाइल के व्यापार, सेवाओं और नीतियों को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह संघ आज भी उत्तर प्रदेश में ऑटोमोबाइल से संबंधित मामलों में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करता है।

राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला ख़ां और रोशन सिंह को फाँसी (1927):
19 दिसंबर 1927 को महान स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला ख़ां और रोशन सिंह को अंग्रेजों द्वारा फांसी दे दी गई। ये तीनों क्रांतिकारी काकोरी कांड में शामिल थे, जिसमें उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ हथियारों के साथ संघर्ष किया। उनकी शहादत ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में नई ऊर्जा और प्रेरणा दी, और ये तीनों आज भी भारतीय इतिहास में अमर शहीदों के रूप में याद किए जाते हैं।

अमेरिका में मौसम विज्ञान सोसायटी की स्थापना (1919):
19 दिसंबर 1919 को अमेरिका में मौसम विज्ञान सोसायटी (American Meteorological Society) की स्थापना हुई। इसका उद्देश्य मौसम विज्ञान, मौसम परिवर्तन, और पर्यावरणीय अध्ययनों में सुधार करना था। यह सोसायटी आज दुनिया भर में मौसम और जलवायु संबंधी मुद्दों पर अनुसंधान, शिक्षा, और विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए प्रमुख संस्थाओं में से एक है।

हवाई को प्रांत के रूप में मान्यता (1842):
19 दिसंबर 1842 को अमेरिका ने हवाई को एक प्रांत के रूप में मान्यता दी। हवाई, जो पहले एक स्वतंत्र द्वीप राष्ट्र था, अब अमेरिका का हिस्सा बन गया। हवाई का यह निर्णय अमेरिका के विस्तारवादी दृष्टिकोण का हिस्सा था, जो उसे प्रशांत क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने की दिशा में बढ़ा रहा था। 1959 में हवाई आधिकारिक रूप से अमेरिका का 50वां राज्य बना।

किंग हेनरी द्वितीय इंग्लैंड के सम्राट बने (1154):
19 दिसंबर 1154 को किंग हेनरी द्वितीय इंग्लैंड के सम्राट बने। उनका शासन इंग्लैंड और फ्रांस में महत्वपूर्ण बदलावों का कारण बना। हेनरी द्वितीय ने कानून और न्याय व्यवस्था में सुधार किया और इंग्लैंड में एक मजबूत केंद्रीय प्रशासन की नींव रखी। उनकी प्रशासनिक नीतियों ने इंग्लैंड को एक शक्तिशाली राज्य में बदल दिया और उनका शासन इंग्लैंड की मध्यकालीन राजनीति में एक महत्वपूर्ण समय माना जाता है। 

19 दिसंबर को  जन्मे व्यक्ति के बारे में जानकारी 

जमुना टुडू (1980):
जमुना टुडू को 1980 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह एक प्रसिद्ध पर्यावरणविद और वृक्षों की रक्षा के लिए समर्पित महिला हैं। जमुना टुडू ने अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा वन संरक्षण और वृक्षारोपण कार्यों में समर्पित किया। उनकी पहल से कई क्षेत्रों में वन्यजीवों और वनस्पतियों की रक्षा हुई और उन्होंने पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रयासों ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना दिलाई।

रिकी पोंटिंग (1974):
19 दिसंबर 1974 को रिकी पोंटिंग का जन्म हुआ। वह ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट खिलाड़ी और कप्तान के रूप में प्रसिद्ध हैं। पोंटिंग ने ऑस्ट्रेलिया को 2003 और 2007 में क्रिकेट विश्व कप जीतने में नेतृत्व किया और अपने करियर में 27 शतक बनाए। उन्हें क्रिकेट इतिहास के महानतम कप्तानों में से एक माना जाता है। पोंटिंग के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया ने कई महत्वपूर्ण टेस्ट और वनडे मैच जीते, और उनका योगदान क्रिकेट जगत में अमिट रहेगा।

नयन मोंगिया (1969):
नयन मोंगिया, जो 19 दिसंबर 1969 को जन्मे, एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर हैं। मोंगिया विशेष रूप से अपनी विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी के लिए प्रसिद्ध रहे। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कई महत्वपूर्ण मैच खेले, खासकर 1990 के दशक में। मोंगिया को उनकी मेहनत और खेल के प्रति समर्पण के लिए पहचाना जाता है, और वह भारतीय क्रिकेट की एक महत्वपूर्ण शख्सियत माने जाते हैं।

रतन लाल कटारिया (1951):
रतन लाल कटारिया का जन्म 19 दिसंबर 1951 को हुआ। वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ राजनीतिज्ञों में से एक हैं। रतन लाल कटारिया ने भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया और विभिन्न समाजिक और राजनीतिक मामलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वे भाजपा के नेताओं में प्रमुख माने जाते हैं और उनके योगदान को भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण माना जाता है।

जी. बी. पटनायक (1937):
जी. बी. पटनायक, 19 दिसंबर 1937 को जन्मे, भारत के भूतपूर्व 32वें मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। उनका कार्यकाल भारतीय न्यायपालिका के लिए महत्वपूर्ण था। पटनायक ने न्याय की प्रक्रिया को सुधारने और भारतीय न्याय प्रणाली को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके निर्णयों ने भारतीय न्यायिक प्रणाली को आगे बढ़ाने में मदद की और वे एक आदर्श न्यायधीश के रूप में याद किए जाते हैं।

प्रतिभा देवी सिंह पाटिल (1934):
19 दिसंबर 1934 को भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति, प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का जन्म हुआ। उन्होंने 2007 से 2012 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। राष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल में भारत ने कई महत्वपूर्ण विकासात्मक कदम उठाए। प्रतिभा पाटिल का योगदान भारतीय राजनीति में महिलाओं की स्थिति को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण था, और उन्होंने सामाजिक कल्याण और महिला सशक्तिकरण के लिए कई पहल कीं।

ओम प्रकाश (1919):
ओम प्रकाश, जो 19 दिसंबर 1919 को जन्मे, भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध चरित्र अभिनेता थे। उन्होंने अपनी फिल्मों में शानदार अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया और भारतीय सिनेमा में अपने अभिनय के लिए एक अलग पहचान बनाई। ओम प्रकाश ने अपनी करियर में कई महत्वपूर्ण फिल्में कीं, और उनका अभिनय हमेशा याद किया जाएगा। वे भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के एक प्रमुख अभिनेता के रूप में सम्मानित रहे। 

19 दिसंबर को  जिनका  निधन हुआ उनके बारे में जानकारी 

मैरेम्बम कोइरंग सिंह (1915):
मैरेम्बम कोइरंग सिंह भारतीय राज्य मणिपुर के प्रथम मुख्यमंत्री थे। उन्होंने 1963 में मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उनके नेतृत्व में मणिपुर राज्य ने कई विकासात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने राज्य की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत किया और मणिपुर के लोगों के लिए कई सुधारों को लागू किया। उनकी नेतृत्व क्षमता और उनके योगदान के लिए वे मणिपुर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व माने जाते हैं।

मार्टिन लूथर किंग सीनियर (1899):
मार्टिन लूथर किंग सीनियर, 19 दिसंबर 1899 को जन्मे, अमेरिकी नागरिक अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले एक प्रमुख नेता थे। वे अपने समय के एक प्रमुख धार्मिक नेता थे और अफ्रीकी अमेरिकी समुदाय के अधिकारों के लिए आवाज उठाते थे। उनके संघर्ष और उनके द्वारा की गई शिक्षाओं ने अमेरिकी समाज को समरसता और समानता की दिशा में मार्गदर्शन किया। वे अपने बेटे, मार्टिन लूथर किंग जूनियर के संघर्षों के प्रेरणास्त्रोत बने, जो अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन के प्रमुख नेता बने।

राम नारायण सिंह (1884):
राम नारायण सिंह, जो 1884 में जन्मे, एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता, स्वतंत्रता सेनानी और हजारीबाग के राजनेता थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया और समाज में सुधारों के लिए कार्य किया। राम नारायण सिंह का जीवन जनता के लिए समर्पित था, और उन्होंने सामाजिक न्याय और समानता के लिए कई संघर्ष किए। उनका योगदान भारतीय राजनीति और समाज के लिए अमूल्य था।

उपेन्द्रनाथ ब्रह्मचारी (1873):
उपेन्द्रनाथ ब्रह्मचारी, 19 दिसंबर 1873 को जन्मे, भारत के एक प्रमुख वैज्ञानिक और चिकित्सक थे। वे अपने समय के अग्रगण्य चिकित्सकों में गिने जाते थे और चिकित्सा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। वे विशेष रूप से चिकित्सा विज्ञान में अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहे। उपेन्द्रनाथ ब्रह्मचारी ने कई नई चिकित्सा तकनीकों को विकसित किया और भारतीय चिकित्सा जगत में महत्वपूर्ण कार्य किए।

अनुपम मिश्र (2016):
अनुपम मिश्र, जो 2016 में निधन हो गए, एक लेखक, गांधीवादी पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने भारतीय पर्यावरणीय समस्याओं और जल संकट के समाधान के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी पुस्तक "अक्षय जल" ने पानी की महत्ता और जल संरक्षण के महत्व को समाज में जागरूक किया। अनुपम मिश्र ने गांधीजी के विचारों को जीवन में उतारते हुए ग्रामीण विकास, पर्यावरण संरक्षण और जल प्रबंधन के लिए कई कार्यक्रमों की शुरुआत की। उनके विचार और कार्य आज भी भारतीय समाज में प्रभाव डालते हैं।

बाबूभाई पटेल (2002):
बाबूभाई पटेल, जो 2002 में निधन हो गए, एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ थे और जनता पार्टी के सदस्य थे। वे गुजरात के भूतपूर्व मुख्यमंत्री थे और राज्य के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाबूभाई पटेल ने अपनी राजनीति में प्रगति और समाजिक न्याय के मुद्दों पर काम किया। उनके नेतृत्व में गुजरात में कई विकास कार्य हुए और वे राज्य के लोगों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बने।

राम प्रसाद बिस्मिल (1927):
राम प्रसाद बिस्मिल, जो 1927 में शहीद हुए, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान् सेनानी थे और एक उच्च कोटि के कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाविद् तथा साहित्यकार भी थे। उनका प्रमुख योगदान 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में था, और वे भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद के प्रेरणास्त्रोत थे। उनके काव्य और लेखनी में भारतीय स्वतंत्रता की भावना और देशभक्ति की गहरी छाप थी। उनका "सारागोठ" जैसे काव्य संग्रह आज भी प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।

अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ (1927):
अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ, जो 1927 में शहीद हुए, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान सेनानी थे। उन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) के सदस्य के रूप में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। वे चंद्रशेखर आज़ाद के करीबी सहयोगी थे और उनका योगदान स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण था। अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ का बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।

ठाकुर रोशन सिंह (1927):
ठाकुर रोशन सिंह, जो 1927 में शहीद हुए, भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाले प्रमुख क्रांतिकारियों में से एक थे। उनका नाम चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह के साथ स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में दर्ज है। वे हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) के सदस्य थे और उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ कई आंदोलन और संघर्षों में भाग लिया। उनका बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणा स्रोत के रूप में जाना जाता है।

उमाशंकर जोशी (1988):
उमाशंकर जोशी, जो 1988 में निधन हो गए, एक प्रसिद्ध गुजराती साहित्यकार और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित थे। वे गुजराती साहित्य के महत्वपूर्ण स्तंभ थे और उनकी कविताएं, कहानियां और उपन्यास गुजराती समाज में गहरे प्रभाव छोड़ गए। उनकी लेखनी ने सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक मुद्दों पर गहरी टिप्पणियां कीं, और वे गुजराती साहित्य में एक मील का पत्थर माने जाते हैं। उनका योगदान साहित्य जगत में अमूल्य था।

लार्ड डलहौजी (1860):
लार्ड डलहौजी, जो 1848 से 1856 तक भारत के गवर्नर जनरल रहे, ब्रिटिश साम्राज्य के एक महत्वपूर्ण शख्सियत थे। उनके शासनकाल में भारतीय उपमहाद्वीप में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए, जिनमें रेल मार्गों का निर्माण और प्रशासनिक सुधार शामिल थे। हालांकि, डलहौजी के नीति निर्णयों, जैसे "लैप्स" नीति, के कारण भारतीयों में विरोध और असंतोष था। उनका कार्यकाल भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण चरण के रूप में देखा जाता है।

19 दिसंबर के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव हैं आज ही के दिन गोवा मुक्ति दिवस भी है  

गोवा मुक्ति दिवस (19 दिसंबर): गोवा मुक्ति दिवस


19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो गोवा के पुर्तगाली साम्राज्य से मुक्ति के दिन के रूप में महत्वपूर्ण है। 1961 में, भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय के तहत गोवा, दमन और दीव को पुर्तगाली शासन से मुक्त किया। यह दिन गोवा की स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है और यहाँ के लोगों द्वारा गर्व से मनाया जाता है।

गोवा मुक्ति दिवस पर, गोवा में विभिन्न सरकारी और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और भारतीय सेना के योगदान को याद किया जाता है। यह दिन गोवा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतीक है, क्योंकि इससे पहले गोवा लगभग 450 वर्षों तक पुर्तगाली उपनिवेश था।

इस दिन, गोवा के लोग अपनी स्वतंत्रता का उत्सव मनाते हैं, विभिन्न ऐतिहासिक स्थानों पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और सामूहिक रूप से इस दिन को अपने इतिहास और स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में याद करते हैं

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