भारत में CIA के गुप्त ठिकाने? JFK की सीक्रेट फाइलों ने खोले अमेरिकी खुफिया एजेंसी के छिपे राज

भारत में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के ठिकानों पर बड़ा खुलासा हुआ है। हाल में जारी किए गए अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या से संबंधित दस्तावेजों से पता चला है कि सीआईए ने नई दिल्ली और कोलकाता में गुप्त ठिकाने बनाए हुए थे। ये दस्तावेज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद जारी किए गए हैं।

Mar 19, 2025 - 21:48
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भारत में CIA के गुप्त ठिकाने? JFK की सीक्रेट फाइलों ने खोले अमेरिकी खुफिया एजेंसी के छिपे राज
वॉशिंगटन: 1963 में राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या से संबंधित हाल ही में सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों से संकेत मिलता है कि सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) ने नई दिल्ली और कोलकाता में गुप्त ठिकाने बनाए हुए थे। यूएस नेशनल आर्काइव्स एंड रिकॉर्ड्स एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा जारी किए गए इन रिकॉर्ड में भारत और दुनिया भर के कई अन्य स्थानों में अमेरिकी खुफिया एजेंसी के सीक्रेट ऑपरेशनों और उनके ठिकानों के बारे में जानकारियां भी शामिल हैं।

भारत में सीआईए ने बनाए थे ठिकाने

सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों के अनुसार, CIA का न्यूयॉर्क डिवीजन भारत में नई दिल्ली और कोलकाता, पाकिस्तान में रावलपिंडी, श्रीलंका में कोलंबो, ईरान में तेहरान, दक्षिण कोरिया में सियोल और जापान में टोक्यो सहित कई स्थानों पर गुप्त ठिकानों की देखरेख करता था। इनमें से कुछ साइटें कानूनी जांच का विषय रही हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि बंदियों को औपचारिक आरोपों या ट्रायल के बिना रखा गया था।

ट्रंप के आदेश के बाद जारी हुए दस्तावेज

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद, यूएस नेशनल आर्काइव्स ने अपनी वेबसाइट पर लगभग 2,200 पहले से क्लासिफाइड दस्तावेज जारी किए। यह कैनेडी की हत्या से संबंधित रिकॉर्ड, फोटोग्राफ और अन्य सामग्रियों के छह मिलियन से अधिक पृष्ठों के व्यापक संग्रह का हिस्सा है, जिनमें से अधिकांश को पहले ही सार्वजनिक कर दिया गया था।

रूस के खिलाफ सीआईए के सबसे ज्यादा अड्डे

CIA की गुप्त फैसिलिटीज या "ब्लैक साइट्स" ऐतिहासिक रूप से निगरानी, जासूसी और कुछ मामलों में संदिग्ध आतंकवादियों की हिरासत और पूछताछ सहित खुफिया गतिविधियों के लिए इस्तेमाल की जाती रही हैं। सीआईए पर यूक्रेन सहित यूरोप के कई देशों में ऐसे जासूसी अड्डे बनाने और वहां से ऑपरेट करने के आरोप लगते रहे हैं। ये ठिकाने कथित तौर पर रूस के खिलाफ खुफिया ऑपरेशन में इस्तेमाल किए जाते रहे हैं।

भारत के CIA के साथ ऐतिहासिक संबंध

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का CIA के साथ जुड़ाव का इतिहास रहा है, खासकर शीत युद्ध के दौर में। 2013 में, एक डी-क्लासिफाइड दस्तावेज से पता चला कि भारत ने 1962 में चीनी क्षेत्र पर निगरानी मिशनों के दौरान CIA द्वारा संचालित U-2 जासूसी विमानों को ईंधन भरने के लिए अमेरिका को ओडिशा में चारबतिया एयरबेस का उपयोग करने की अनुमति दी थी।

चीन के खिलाफ भारत-अमेरिका एक साथ

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्वतंत्रता के बाद, भारत ने अपने खुफिया ढांचे को विकसित करने में अमेरिकी सहायता मांगी थी। 1949 में, भारत के खुफिया ब्यूरो के निदेशक, टी जी संजीवी ने मुख्य रूप से कम्युनिस्ट चीन पर नजर रखने के लिए सीआईए के साथ सहयोग किया था। 1950 में चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जा करने के बाद, भारत पर सीआईए के समर्थन से तिब्बती प्रतिरोध सेनानियों की सहायता के भी आरोप लगे। 1959 में दलाई लामा के भारत भागने में भी सीआईए ने अहम भूमिका निभाई।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,