जिस परमाणु प्लांट को बर्बाद करना चाहते हैं पुतिन, वहां पहुंचा TV9; सामने आया ये सच

दुनिया के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में से एक यह प्लांट युद्ध क्षेत्र के केंद्र में है और इसे लेकर कई आशंकाएं जताई जा रही हैं. रूस और यूक्रेन एक-दूसरे पर इस प्लांट को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते रहे हैं. इसी बीच टीवी-9 ने वहां पहुंचकर कई संवेदनशील जानकारी हासिल की.

Mar 19, 2025 - 21:48
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जिस परमाणु प्लांट को बर्बाद करना चाहते हैं पुतिन, वहां पहुंचा TV9; सामने आया ये सच
जिस परमाणु प्लांट को बर्बाद करना चाहते हैं पुतिन, वहां पहुंचा TV9; सामने आया ये सच

रूस और यूक्रेन के बीच चले आ रहे तीन साल के युद्ध का अब THE END हो सकता है. कई साल से चल रहा हिंसक संघर्ष अब ट्रंप की कोशिशों से सीमित हो गया है. मंगलवार को पुतिन से बातचीत के बाद रूस-यूक्रेन में सीमित सीजफायर लागू कर दिया गया है. हालांकि इन सबके बावजूद इस युद्ध में जेपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है.

दुनिया के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में से एक यह प्लांट युद्ध क्षेत्र के केंद्र में है और इसे लेकर कई आशंकाएं जताई जा रही हैं. रूस और यूक्रेन एक-दूसरे पर इस प्लांट को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते रहे हैं. इसी बीच टीवी-9 को इस संवेदनशील प्लांट के अंदर कई एक्सक्लूसिव जानकारी मिली, जिसमें प्लांट की मौजूदा स्थिति और वहां मौजूद सुरक्षा उपायों का जायजा लिया.

क्या हैं प्लांट के हालात?

इस दौरान वहां छह बड़े रिएक्टर, 12 वाटर पूल और परमाणु ईंधन से भरे 200 कंटेनर मिले. असली न्यूक्लियर रिएक्टर और रेडियोएक्टिव फ्यूल वाले कंटेनरों को पास से देखा गया. इसके अलावा, प्लांट पर हुए हमलों के सबूत भी मिले, जिनमें मिसाइल और ड्रोन के टुकड़े दिखे. इन सब सबूतों यह साबित हुआ कि युद्ध के दौरान यह प्लांट सीधे निशाने पर रहा है.

परमाणु सुरक्षा और खतरनाक हालात

जेपोरिजिया प्लांट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है इसके न्यूक्लियर रिएक्टर को ठंडा करने वाले वाटर पूल. यह पूल रिएक्टर की अत्यधिक गर्मी को नियंत्रित करने का काम करते हैं, ताकि कोई बड़ा हादसा न हो. यदि इन पूलों को कोई नुकसान पहुंचा तो हालात चर्नोबिल जैसी त्रासदी की ओर जा सकते हैं. प्लांट के अंदर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं, लेकिन बार-बार हो रहे हमलों के कारण हमेशा खतरा बना रहता है.

जेपोरिजिया प्लांट पर मंडरा रहा खतरा

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में यह परमाणु संयंत्र एक संवेदनशील मोर्चा बन चुका है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्लांट किसी बड़े हमले की चपेट में आता है, तो इसका असर सिर्फ यूक्रेन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरी यूरोपियन यूनियन तक फैल सकता है. हालांकि अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि युद्ध के इस केंद्र बिंदु को सुरक्षित रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय क्या कदम उठाता है.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,