नारायणपुर में डीआरजी जवान का बलिदान, सात नक्सलियों का आत्मसमर्पण, मुठभेड़ में भारी विस्फोटक बरामद

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान को एक बड़ी सफलता मिली है। अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सक्रिय सात नक्सलियों, जिनमें एक महिला भी शामिल है, ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इस घटना से नक्सलियों के खिलाफ चल रहे “नियद नेल्ला नार” योजना और राज्य सरकार की नक्सलवाद उन्मूलन एवं […]

Dec 5, 2024 - 21:03
Dec 6, 2024 - 05:12
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नारायणपुर में डीआरजी जवान का बलिदान, सात नक्सलियों का आत्मसमर्पण, मुठभेड़ में भारी विस्फोटक बरामद

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान को एक बड़ी सफलता मिली है। अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सक्रिय सात नक्सलियों, जिनमें एक महिला भी शामिल है, ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इस घटना से नक्सलियों के खिलाफ चल रहे “नियद नेल्ला नार” योजना और राज्य सरकार की नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति की सफलता स्पष्ट होती है।

सात नक्सलियों का आत्मसमर्पण

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में शामिल हैं-

  • माड़वी राजू (आरपीसी मिलिशिया सदस्य)
  • माड़वी देवा (मिलिशिया सदस्य)
  • सुन्नम व्यक्टेंश (मिलिशिया सदस्य)
  • कवासी हड़मा (ईरपा मिलिशिया सदस्य)
  • सोड़ी गंगा (आरपीसी मिलिशिया सदस्य)
  • सोड़ी सुखमती उर्फ सुकरी (आरपीसी मेडिकल सदस्या)
  • ओयम एंका (डीएकेएमएस उपाध्यक्ष)

सभी नक्सलियों ने सीआरपीएफ 217, 227 और 74 वाहिनी के वरिष्ठ अधिकारियों और नक्सल सेल प्रभारी के समक्ष बिना हथियार आत्मसमर्पण किया। ये सभी पूर्व में कई नक्सली वारदातों में शामिल थे और अब पुनर्वास नीति के तहत सहायता और सुविधाएं प्राप्त करेंगे।

भीमापुरम और करकनगुड़ा में मुठभेड़

सुकमा जिले के करकनगुड़ा और भीमापुरम क्षेत्रों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। यह मुठभेड़ उस समय हुई जब 223 सीआरपीएफ, 206 कोबरा वाहिनी और जिला बल की संयुक्त टीम नक्सल गश्त और सर्चिंग अभियान पर थी।

घटना का विवरण

मुठभेड़ की शुरुआत 4 दिसंबर को दोपहर 2:15 बजे हुई। पीएलजीए बटालियन और जगरगुंडा एरिया कमेटी के नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला किया। करीब 20-25 मिनट तक दोनों ओर से गोलीबारी हुई। नक्सलियों ने जंगल और पहाड़ियों का सहारा लेकर भागने की कोशिश की।

बरामद सामग्री

मुठभेड़ स्थल पर सर्चिंग के दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और नक्सली सामग्रियां बरामद हुईं। इससे यह स्पष्ट होता है कि नक्सली सुरक्षा बलों पर बड़ा हमला करने की योजना बना रहे थे।

नारायणपुर में डीआरजी जवान का बलिदान

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में डीआरजी जवान प्रधान आरक्षक बिरेंद्र कुमार सोरी ने वीरगति प्राप्त की। बिरेंद्र सोरी कांकेर जिले के नरहरपुर के निवासी थे। इस बलिदान ने नक्सलवाद उन्मूलन अभियान की चुनौतियों को एक बार फिर उजागर किया है।

सरकार की पुनर्वास नीति का प्रभाव

राज्य सरकार की “छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति” और “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रेरित होकर नक्सलियों का आत्मसमर्पण एक सकारात्मक संकेत है। यह दिखाता है कि नक्सली अब समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए इच्छुक हैं।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत सहायता राशि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, ताकि वे अपने जीवन को नए सिरे से शुरू कर सकें।

नक्सल विरोधी अभियान की सफलता

सुकमा और अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे सर्च और गश्त अभियान से नक्सलियों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। आत्मसमर्पण और मुठभेड़ में मिली सफलता इस बात का संकेत है कि नक्सली संगठनों की शक्ति कमजोर हो रही है।

राज्य सरकार और सुरक्षा बलों की प्रतिबद्धता के साथ, यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले दिनों में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और स्थिरता स्थापित होगी।

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