ग्रोक से पूछे ऊलजलूल सवाल तो दोनों के 'कान खींचेगी' सरकार, तगड़े एक्शन की तैयारी

एलन मस्क के AI चैटबॉट ग्रोक के अजीबोगरीब सवाल-जवाब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हैं। हालांकि, अब सरकार ने जानबूझकर भड़काऊ सवाल पूछने वालों और आपत्तिजनक जवाब देने पर ग्रोक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर ली है।

Mar 21, 2025 - 08:03
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ग्रोक से पूछे ऊलजलूल सवाल तो दोनों के 'कान खींचेगी' सरकार, तगड़े एक्शन की तैयारी
एलन मस्क के AI चैटबॉट ग्रोक (Grok) से लोग अजीबोगरीब सवाल पूछ रहे हैं। ग्रोक भी उन सवालों के उतने ही अजीब जवाब दे रहा है, जिसके बाद लोग इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में ऐसे लोगों की तादाद काफी बढ़ गई है। इसलिए सरकार ने अब ग्रोक से ऊलजलूल सवाल पूछने वालों के खिलाफ एक्शन लेने का मन बना लिया है। हालांकि, सरकार ऐसे सवालों के जवाब देने पर ग्रोक के खिलाफ भी एक्शन लेने के मूड में है।ये सब ऐसे समय हो रहा है, जब भारत सरकार के आदेश के खिलाफ ग्रोक की मूल कंपनी X पहले ही कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख कर चुकी है। सरकार ने अपने आदेश में एक्स को कंटेंट हटाने के निर्देश दिए हैं, जिसके खिलाफ X ने कर्नाटक HC का रुख किया है। कंपनी का कहना है कि सरकार की कार्रवाई गैरकानूनी है। ऐसा करके अभिव्यक्ति की आजादी को दबाया जा रहा है है। वहीं, सरकार का कहना है कि X को देश के कानून का पालन करना होगा।

कंटेंट ब्लॉक करने का अधिकार नहीं: X

दरअसल, Grok के हिंदी में जवाबों में आपत्तिजनक शब्द पाए गए हैं। सरकार इस मुद्दे पर एक्शन लेने के मूड में है. हालांकि, X का कहना है कि सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम की धारा 79(3)(b) के तहत सरकार को कंटेंट ब्लॉक करने का अधिकार नहीं है। X का कहना है कि ऐसा आदेश सिर्फ IT अधिनियम की धारा 69A के तहत ही दिया जा सकता है। अब इस मामले में 27 मार्च को सुनवाई होनी है।

सवाल पूछना, जवाब देना दोनों गैरकानूनी

सरकार के जुड़े सूत्रों के मुताबिक, अगर कोई यूजर ग्रोक से ऐसे सवाल पूछता है, जिससे भड़काऊ जवाब मिले, तो उस यूजर और Grok प्लेटफॉर्म दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। सरकार का कहना है कि ऐसे सवाल पूछना और जवाब देना दोनों ही गैरकानूनी हो सकते हैं।

गैंरकानूनी कंटेंट को बढ़ावा नहीं दे सकते

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X का कहना है कि सरकार IT अधिनियम की धारा 79(3)(b) का गलत इस्तेमाल कर रही है। X ने कोर्ट से सरकार के आदेशों को रद्द करने की मांग की है। वहीं, सरकार का कहना है कि X अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर गैरकानूनी कंटेंट को बढ़ावा नहीं दे सकता और उसे कंटेंट को हटाना होगा।

कोर्ट के फैसले का है सबको इंतजार

इस पूरे मामले में, मुख्य मुद्दा यह है कि सरकार को किस हद तक नियंत्रित कर सकती है। X का कहना है कि सरकार को अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करना चाहिए। वहीं, सरकार का कहना है कि उसे गैरकानूनी कंटेंट को रोकने का अधिकार है। अब देखना यह है कि कोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाता है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,