हमारे पास एंबुलेंस नहीं! कूड़े के ट्रक में ले गए मजदूर का शव, परिजन बोले- मरने के बाद भी इज्जत नसीब नहीं

मध्य प्रदेश के मैहर में एक गरीब मजदूर की आत्महत्या के बाद उसके शव को कचरा गाड़ी में ले जाया गया. इस घटना के सामने आने के बाद लोग पुलिस प्रशासन की जमकर आलोचना कर रहे हैं.

Mar 20, 2025 - 18:48
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हमारे पास एंबुलेंस नहीं! कूड़े के ट्रक में ले गए मजदूर का शव, परिजन बोले- मरने के बाद भी इज्जत नसीब नहीं
हमारे पास एंबुलेंस नहीं! कूड़े के ट्रक में ले गए मजदूर का शव, परिजन बोले- मरने के बाद भी इज्जत नसीब नहीं

कम से कम मरने के बाद तो इज्जत नसीब हो जाती यह गरीबी और इंसानियत के साथ कैसा मजाक है यह सब देखकर उस गरीब मजदूर की आत्मा भी रो रही और कह रही होगी कि भगवान अगले जन्म में इंसान मत बनाना. यह कहना था मृत गरीब मजदूर के परिजनों का. दरअसल, मैहर जिले के मैहर माता मंदिर चौकी इलाके में एक गरीब मजदूर की आत्महत्या के बाद प्रशासन की बेरुखी और अमानवीयता की तस्वीर देखने को मिली. गरीब मजदूर की मौत के बाद पुलिस प्रशासन ने उसके शव को सफाई कर्मचारियों से उठवाकर कचरे की गाड़ी में डलवाया और पोस्टमार्टम कराने के लिए ले गए.

मृतक गरीब मजदूर की पहचान मध्य प्रदेश के मैहर जिले के अबेर गांव के रहने वाले गुड्डू कोल (45) के रूप में हुई. गुड्डू मानसिक रूप से विक्षिप्त था. आस पास मजदूरी कर अपना पेट पालता था. रविवार दोपहर वह नहाने की जिद कर घर से निकला और कुछ घंटों बाद मैहर गोला मठ मंदिर के पास एक बिजली के खंभे से लटका मिला. स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच-पड़ताल शुरू की.

कचरे की गाड़ी में ले गए शव

मृतक के परिजनों और स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने शव को सम्मानपूर्वक ले जाने के बजाय कचरा वाहन में डालकर अस्पताल भेजा. यह दृश्य देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं. मृतक की आत्मा भी शायद यह सोचकर रो पड़ी होगी कि गरीबी और इंसानियत के साथ ऐसा मजाक क्यों किया जा रहा है. परिजनों ने प्रशासन पर नाराजगी जताते हुए कहा, हम गरीब हैं, इसलिए हमारे शवों के साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है? क्या हमारी इज्जत मरने के बाद भी नहीं बची?

चौकी प्रभारी ने क्या दी सफाई?

चौंकाने वाली बात यह थी कि जिस वाहन में शव को ले जाया गया, वह नगर परिषद का कचरा ढोने वाला ट्रैक्टर था. शव को कचरे के बीच ही डाल दिया गया. न तो वाहन को साफ किया गया और न ही शव को किसी सम्मानजनक तरीके से रखा गया. इस दृश्य को देखकर वहां मौजूद लोग दंग रह गए. मैहर माता मंदिर चौकी प्रभारी महेंद्र गौतम ने सफाई देते हुए कहा कि मौके पर कोई अन्य वाहन उपलब्ध नहीं था, इसलिए शव को वहां से ले जाने के लिए कचरा वाहन का इस्तेमाल किया गया.

स्थानीय लोगों जताई आपत्ति

शव को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाना हमारी प्राथमिकता थी. यह मामला प्रशासन की लापरवाही और गरीबों के प्रति असंवेदनशील रवैये को दर्शाता है. यदि यह घटना किसी प्रभावशाली व्यक्ति के साथ हुई होती, तो क्या प्रशासन इस तरह शव को कचरे के ढेर में डालकर ले जाता? स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई है और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है.

इस घटना ने एक बार फिर गरीबों के प्रति समाज और सरकारी तंत्र के रवैये को उजागर किया है. क्या सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से किसी की मौत के बाद भी उसकी इज्जत नसीब नहीं हो सकती? इस तरह के सवालों के जवाब लोग पुलिस प्रशासन से मांग रहे हैं.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,