चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति वाले कानून पर रोक लगाने से SC का इनकार, केंद्र को जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने उस समिति द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित नए कानून पर रोक लगाने से 12 जनवरी शुक्रवार को इनकार कर दिया।
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सुप्रीम कोर्ट ने उस समिति द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित नए कानून पर रोक लगाने से 12 जनवरी शुक्रवार को इनकार कर दिया। जिसमें भारत के प्रधान न्यायाधीश शामिल नहीं हैं।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने हालांकि, नए कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गई और उसने केंद्र को एक नोटिस भी जारी किया है। संविधान पीठ ने नए कानून पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली कांग्रेस दल के नेता जया ठाकुर की ओर से पेश वकील विकास सिंह से याचिका की एक प्रति केंद्र सरकार के वकील को देने को कहा।
वकील विकास सिंह ने कहा, 'कृपया इस कानून पर रोक लगाएं। यह शक्तियों के पृथक्करण के विरुद्ध है।'
हालांकि, पीठ ने कहा कि वह कानून पर रोक नहीं लगा सकती, और इस मामले में केंद्र को नोटिस जारी करेगी। न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, 'हम वैधानिक संशोधन पर रोक नहीं लगा सकते। जारी नोटिस पर अप्रैल 2024 तक जवाब दिया जा सकता है'। बता दें कि CEC और चुनाव आयुक्तों को चुनने वाले पैनल से CJI को बाहर रखने को लेकर उपजे विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं.
स्वतंत्र चयन समिति का गठन
वकील गोपाल सिंह ने भी शीर्ष अदालत का रुख किया है और उस नए कानून को रद्द करने की मांग की है, जो केंद्र सरकार को चुनाव निकाय में नियुक्तियां करने की व्यापक शक्तियां प्रदान करता है। सिंह द्वारा दायर याचिका में शीर्ष अदालत से मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों (CEC और EC) की नियुक्ति के लिए एक तटस्थ और स्वतंत्र चयन समिति का गठन करते हुए चयन की एक स्वतंत्र और पारदर्शी प्रणाली लागू करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
नए कानून में कहा गया है, "मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाएगी - (1) प्रधानमंत्री - अध्यक्ष (2) सदन में विपक्ष के नेता लोग - सदस्य (3) प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री - सदस्य।"नए कानून में प्रावधान है कि 'मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति एक चयन समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। जिसमें प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), संसद में विपक्ष के नेता (सदस्य), प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय कैबिनेट मंत्री (सदस्य) होंगे।'
विपक्ष ने केंद्र सरकार पर चयन समिति से CJI को हटाकर उच्चतम न्यायालय की अवमानना करने का आरोप लगाया है। उच्चतम न्यायालय ने मार्च 2023 में अपने आदेश में कहा था कि प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और सीजेआइ मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों का चयन करेंगे।
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