केमिकल, लकड़ी का बुरादा, सड़े चावल से तैयार हो रहे नकली मसाले, आपकी थाली में पहुंच रहा 'धीमा जहर'

दिल्ली-एनसीआर सहित देश भर में नकली मसाले, घी, तेल, टूथपेस्ट और अन्य जरूरी चीजें बनाने की अवैध फैक्ट्रियों का खुलासा हुआ है। मिलावट के कारण ये प्रोडक्ट्स खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकते हैं, जिससे बचने के लिए सतर्क रहना आवश्यक है। ये नकली मसाले कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन रहे हैं।

Mar 21, 2025 - 07:08
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केमिकल, लकड़ी का बुरादा, सड़े चावल से तैयार हो रहे नकली मसाले, आपकी थाली में पहुंच रहा 'धीमा जहर'
नई दिल्ली: क्या आपके किचन में इस्तेमाल होने वाले मसाले वाकई शुद्ध हैं? या फिर आप अनजाने में जहर खा रहे हैं? दिल्ली-एनसीआर और देश के कई हिस्सों में , घी, तेल, टूथपेस्ट और अन्य जरूरी चीजें बनाने की अवैध फैक्ट्रियों का खुलासा हुआ है। सड़े अनाज, लकड़ी का बुरादा, जहरीले केमिकल और रंगों की मिलावट से बने ये प्रोडक्ट्स धीमे जहर की तरह शरीर में पहुंचकर गंभीर बीमारियों को जन्म दे रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई से बड़े पैमाने पर मिलावटखोरी उजागर हो रही है, लेकिन यह धंधा बदस्तूर जारी है। सवाल है कि कैसे बचें इस 'स्लो पॉइजन' से?

पुलिस के ऐक्शन से हो रहे खुलासे

एक सीनियर पुलिस अफसर ने कहा कि पुलिस के ऐक्शन का नतीजा ही है कि हाल के वर्षों में नकली और मिलावटी फैक्ट्रियों को पकड़ा जा सका। ये सेहत के लिए गंभीर खतरा पैदा करती हैं। मसलन, कुछ समय पहले पुलिस ने करावल नगर में दो फैक्ट्रियों पर छापा मारकर 15,000 किलो नकली मसाले जब्त किए थे, जो सड़े हुए चावल, लकड़ी का बुरादा, जामुन की गुठली के पाउडर और हानिकारक रसायनों से बनाए जा रहे थे। इसी तरह राजस्थान के अजमेर में 18,000 लीटर नकली रिफाइंड तेल बरामद किया गया, जिसमें विभिन्न ब्रैंड के लेबल लगाकर मिलावट की जा रही थी।

नकली और मिलावटी प्रोडक्ट्स की सचाई

  • अमचूर पाउडर: सड़े हुए चावल, जामुन, लकड़ी का बुरादा के अलावा कई अन्य केमिकल और पिसी हुई मिट्टी से तैयार हुआ।
  • मिर्च पाउडर: खराब मिर्च, मिर्च के डंठल, सड़े हुए चावल, कलर और कुछ अन्य केमिकल मिलाकर तैयार मिर्च पाउडर।
  • धनिया पाउडर: 10% असली धनिया में लकड़ी का बुरादा, सड़ा हुआ बाजरा, चोकर और केमिकल मिलाकर तैयार किया जाता।
  • गरम मसाला: यूकेलिप्टस पेड़ के पत्ते, सड़े हुए जामुन, काली मिर्च की भूसी, जीरे की डंडी, लौंग की डंडी, पॉलिश से तैयार।
  • हल्दी पाउडर: सड़ी हुई हल्दी, सड़े हुए चावल, मिट्टी, सड़ा हुआ बाजरा, कलर और केमिकल की मदद से हल्दी पाउडर तैयार।
  • देसी घी: ब्रैंडेड घी के डिब्बों से 60% घी निकालकर उसमें रिफाइंड, वनस्पति और देसी घी की खुशबू के एसेंस से करते तैयार।
  • टूथ पेस्ट: केमिकल युक्त पेस्ट, पिपरमेंट और अन्य हानिकारक ऑयल से तैयार किया जाता।

कैंसर, मोटापा, हृदय रोग का खतरा

हेल्थ एक्सपर्ट भी समय-समय पर चेतावनी जारी करते हैं कि मिलावटी या नकली खाने के प्रोडक्ट बड़ी बीमारियों का खतरा पैदा कर रहे हैं। इसमें ट्रांस-फैटी एसिड, रसायन और कैंसर जैसे तत्व हो सकते हैं, जो हृदय रोग, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और कैंसर का जोखिम बढ़ाते हैं। कुछ समय पहले दिल्ली में ही ब्रैंडेड कंपनियें के नाम से टोमैटो सॉस, लहसुन की चटनी, मिक्स अचार बनाए जा रहे थे। फैक्ट्री से 1457 किलोग्राम सामान जब्त किया है। छापेमारी के दौरान सड़े हुए टमाटर, आलू, कद्दू भी मौके पर पाए गए। जिसे उबाल कर चटनी बनाई जा रही थी। मौके पर तैयार किए गए पैकेट में न तो प्रोडक्ट की एक्सपायरी डेट लिखी थी और न ही मैन्युफैक्चरिंग डेट।

80:20 के अनुपात में नकली जीरा

कुछ साल पहले बवाना इलाके में बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई। इसे जंगली घास (जिससे फूल झाड़ू बनती है), गुड़ का शीरा और स्टोन पाउडर से बनाया जा रहा था। पुलिस ने फैक्ट्री से 19,400 किलो नकली जीरा, 5250 किलो स्टोन पाउडर, 1600 किलो फूल झाड़ू (जंगली घास) और 1225 किलो गुड़ का शीरा बरामद किया था। नकली जीरे को असली जीरे में 80:20 के अनुपात में मिलाकर लाखों रुपये में बेच दिया जाता था। नकली जीरे का पूरा नेटवर्क देश के अलग अलग राज्यों से जुड़ा था।

कहां-कहां हैं आरोपियों के ठिकाने

पुलिस अफसर के मुताबिक, ये पूरा सिंडिकेट है। नकली और मिलावटी प्रोडक्ट बनाने के लिए या तो सुनसान या गांव देहात का एरिया चुनते हैं या संकरी गलियों में घनी आबादी वाली जगह। हाल के दिनों में जो ट्रेंड मिला है उसमें दिल्ली का बाहरी और गांव देहात एरिया व बुराड़ी, वजीराबाद जैसे संकरे घनी आबादी जैसी जगहें शामिल हैं। जहां लोकल इंटेलिजेंस की मदद से पुलिस इन ठिकानों का पता लगा लेती है।

किस मार्केट में होती है खपत

असली के मुकाबले नकली/मिलावटी सामान 5 से 10 रुपये सस्ते होते हैं। ग्राहकों को सस्ते का लालच और फुटकर विक्रेताओं को ज्यादा मार्जिन में प्रॉफिट दिया जाता है। इनकी सप्लाई चेन दिल्ली समेत देश के अलग-अलग शहरों, गांवों में लगने वाले वीकली बाजार, पैंठ, मेला, छोटे दुकानदारों तक पहुंचती है। ब्रैंडेड कंपनियों के नाम से नकली प्रोडक्ट नेपाल और बांग्लादेश तक पहुंचाए जा रहे हैं। डीआईयू के अफसर ने बताया कि दिल्ली एनसीआर में सबसे बड़ा ठिकाना खोड़ा कॉलोनी, लोनी, खारी बावली, सदर बाजार और पुल मिठाई का इलाका है। यह भी सच है कि मिलावटखोरों का सदर बाजार के कुछ दुकानदारों और गोदाम मालिकों से से लिंक है। जहां की खपत से सदर बाजार में असली और क्वॉलिटी के प्रोडक्ट बेचने वाले थोक विक्रेताओं को शक की नजर से देखा जाता है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,