मां-बाप ने जमीन बेच दी… ताकि उड़ सके बेटी

मां-बाप ने जमीन बेच दी… ताकि उड़ सके बेटी

Apr 14, 2025 - 11:15
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मां-बाप ने जमीन बेच दी… ताकि उड़ सके बेटी

ताईबा अफरोज – ज़मीन से ज़िंदगी के आसमान तक की उड़ान

"जो सपनों की उड़ान भरने का हौसला रखते हैं, उन्हें आसमान भी रास्ता देता है।"
यह कहावत ताईबा अफरोज की ज़िंदगी पर बिल्कुल सटीक बैठती है। बिहार के सारण जिले के एक छोटे-से गांव जलालपुर से निकलकर पायलट बनने तक का उनका सफर सिर्फ़ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि हज़ारों युवाओं और खासकर लड़कियों के लिए प्रेरणा की मिसाल है।

जहां बेटियों को सपने देखने की मनाही थी…

ताईबा का जन्म एक ऐसे सामाजिक परिवेश में हुआ, जहां लड़कियों के बड़े सपने देखना तो दूर, उन्हें स्कूल भेजना भी कुछ लोगों को नागवार गुजरता था। लेकिन कहते हैं न कि प्रतिभा किसी सीमाओं की मोहताज नहीं होती। ताईबा ने न केवल अपने सपने देखे, बल्कि उन्हें साकार भी किया।

उनके पिता मोती उल हक गांव में एक छोटी-सी राशन की दुकान चलाते हैं। मां समसुन निशा एक साधारण गृहिणी हैं। घर की आमदनी सीमित थी और परिवार चलाना ही किसी चुनौती से कम नहीं था। लेकिन जब ताईबा ने अपने पायलट बनने की इच्छा जताई, तो पिता ने अपनी बेटी की आंखों में बसे उस सपने को पहचान लिया।

मां-बाप ने जमीन बेच दी… ताकि उड़ सके बेटी

बड़ी-बड़ी कोचिंग या महंगे स्कूल की सुविधा ताईबा को कभी नहीं मिली, लेकिन उनमें आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं थी। उन्होंने गांव के ही एक स्कूल से बारहवीं तक की पढ़ाई की और फिर अपने पापा से कहा – "मैं पायलट बनना चाहती हूं।" इस सपने की कीमत चुकानी पड़ी – खेत बेचकर।

जी हां, उनकी मां ने खेती की जमीन बेच दी, ताकि बेटी सरकारी विमानन प्रशिक्षण संस्थान, भुवनेश्वर में दाखिला ले सके। यह कदम किसी कुर्बानी से कम नहीं था, लेकिन इसने ताईबा की ज़िंदगी की दिशा ही बदल दी।

जब किस्मत ने दी कसौटी की चुनौती…

पायलट बनने का सफर आसान नहीं था। भुवनेश्वर में ट्रेनिंग शुरू होते ही उन्हें गॉलब्लैडर में पथरी हो जाने की वजह से मेडिकल में अनफिट घोषित कर दिया गया। यह उनके लिए पहला बड़ा झटका था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। ऑपरेशन कराया और फिर से वही ट्रेनिंग जॉइन की।

हालांकि तकदीर ने एक बार फिर उन्हें झटका दिया। एक फ्लाइंग ट्रेनर की विमान दुर्घटना में मौत से वह बुरी तरह डर गईं और मानसिक तौर पर असहज हो गईं। मजबूरी में उन्हें ट्रेनिंग बीच में छोड़नी पड़ी। लेकिन परिवार का साथ और आत्मबल ने उन्हें दोबारा खड़ा किया।

दूसरा प्रयास, जब बनीं उड़ान की मिसाल

अपने दूसरे प्रयास में ताईबा ने इंदौर फ्लाइंग क्लब में दाखिला लिया। इस बार उन्होंने बाकी बचे 120 घंटे की ट्रेनिंग पूरी कर पायलट का लाइसेंस हासिल कर लिया। इस तरह वह जलालपुर की पहली और सारण जिले की दूसरी महिला पायलट बनीं। उनके इस सफर में एक रिटायर्ड डीजीपी और मढ़ौरा बैंक ऑफ इंडिया से मिले लोन ने भी अहम भूमिका निभाई।

सामाजिक आलोचना का भी मिला सामना

पायलट बनने के बाद भी चुनौतियां खत्म नहीं हुईं। कुछ कट्टरपंथियों ने कहा कि मुस्लिम लड़कियों को पायलट की ड्रेस पहनना ‘हराम’ है। इस पर ताईबा का जवाब काबिल-ए-तारीफ था –

"कपड़े से पहचान नहीं बनती, पहचान तो मेधा और मेहनत से बनती है।"

उनका यह जवाब उन सभी लोगों के लिए एक सशक्त संदेश है, जो महिलाओं को सिर्फ़ उनके लिबास से आंकते हैं।


युवाओं के लिए सीखें

ताईबा अफरोज की कहानी उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है जो कभी हालातों से हार मान लेते हैं या अपने सपनों को छोटा मानकर छोड़ देते हैं। उनकी ज़िंदगी से हम कई मूल्यवान सबक सीख सकते हैं:

संघर्षों से घबराएं नहीं, जूझने की हिम्मत रखें।
असफलता, सफलता की पहली सीढ़ी है।
अगर परिवार साथ दे, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।
छोटे गांव से भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं।
हर समस्या का समाधान प्रयास से निकलता है।


अंत में…

ताईबा अफरोज ने जो मुकाम हासिल किया है, वह केवल उनकी जीत नहीं है, बल्कि एक सामाजिक बदलाव का संकेत है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि समाज की परंपराओं और रूढ़ियों के आगे अगर कुछ बड़ा है, तो वह है इंसान का जज़्बा।

आज ताईबा न केवल आसमान में उड़ती हैं, बल्कि ज़मीन पर खड़े कई सपनों को भी उड़ान देने की ताकत बन चुकी हैं।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,