जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक संहिता से साकार हो जाएगी रामराज की संकल्पना

श्रीरामोत्सव समारोह में बोले डा. हरिओम पंवार, विद्वजनों ने याद दिलाया रामराज

Jan 16, 2024 - 18:59
Mar 18, 2024 - 11:08
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जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक संहिता से साकार हो जाएगी रामराज की संकल्पना
shri ramoutsav ccsu meerut

मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अटल सभागार में सोमवार को दैनिक जागरण के श्रीरामोत्सव का दीप जलाकर शुभारंभ करते दाएं से ऊर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेंद्र तोमर, सांसद राजेंद्र अग्रवाल, राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकान्त बाजपेयी, महापौर हरिकांत अहलूवालिया।
साथ में मौजूद हैं एमएलसी डा. सरोजनी अग्रवाल व धर्मेंद्र भारद्वाज जागरण

स्वस्ति न इंद्रो वृद्धश्रवाः स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः। स्वस्ति नस्ताक्ष्यों अरिष्टनेमिः स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ स्वस्तिवाचन के उद्घोष से गूंजे अटल सभागार में दैनिक जागरण का आयोजन श्रीरामोत्सव जैसे-जैसे आगे बढ़ा विद्वजन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की महिमा के विभिन्न आयामों को उकेरते रहे। आज के संदर्भ में विद्वजनों ने जहां जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक संहिता पर बल दिया, वहीं श्रीराम के बाद श्रीकृष्ण व भोलेनाथ के अपने घर में विराजने का आह्वान किया।

अंतरराष्ट्रीय कवि डा. हरिओम पंवार ने कहा कि जिस तरह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने ही सर्वप्रथम एकपत्नी व्रत का मानक प्रस्तुत किया उसी तरह देश में अब समान नागरिक संहिता की आवश्यकता है। इसी तरह श्रीराम के दो पुत्र परंपरा का अनुसरण करते हुए जनसंख्या नियंत्रण पर देश को आगे बढ़ना चाहिए। आध्यात्मिक गुरु स्वामी दीपांकर ने कहा कि हम संगठित हुए तो श्रीराम अपने घर आए, भगवान श्रीकृष्ण अपने घर पहुंचने को तैयार हैं और हम संगठित रहे तो महादेव भी अपने घर में विराजेंगे। 

सभागार में रामत्व और भगवान के वैशिष्ट्य के गुणगान की वही भक्ति धारा, समापन बेला में भव्य महाआरती

दैनिक जागरण की ओर से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अटल सभागार में हुए अलग-अलग सत्रों के भव्य आयोजन में छह घंटे तक राम नाम की वर्षा हुई। दूसरे पहर ने जैसे ही तीसरे की और कदम बढ़ाना शुरू किया तो सभागार में रामत्व और भगवान के वैशिष्ट्य के गुणगान की भक्ति धारा बहने लगी।

आयोजन से राममय हुआ चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का अटल सभागार

राममय हुए वातावरण में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु ने कहा कि 500 वर्षों की दासता के बाद गौरव पूर्ण होने जा रहा है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रज्ञा परिषद के प्रांतीय शोध समन्वयक अजय मित्तल ने सनातन संस्कृति को श्रीराम का पर्याय बताते हुए कहा कि श्रीराम प्राचीन काल से ही हमारे बीच उपस्थित हैं। उनके राज में समृद्धि का आधार गाय और कृषि था। उनके राज में दैहिक, दैविक और भौतिक किसी तरह के ताप से कोई पीड़ित नहीं था। उप्र संस्कृत संस्थान के पूर्व अध्यक्ष डा. वाचस्पति मिश्र ने ने श्रीराम श्रीराम को समरसता का संस्थापक बताते हुए वर्णन किया कि जिस तरह से सुदामा और श्रीकृष्ण एक आश्रम में पढ़े उसी तरह से निषाद राज और श्रीराम एक आश्रम में पढ़े थे। उन्होंने पूरे भारत को एक सूत्र में पिरोया। सेंटर फार मिलिट्री हिस्ट्री एंड कांफ्लिक्ट स्टडीज के सीनियर फेलो डा. अमित पाठक ने कहा कि श्रीराम की शक्ति जोड़कर रखती है। दुनिया में कहीं शांति नहीं है। 

एशिया के विभिन्न देश युद्धों से अशांत हैं। भारत पर राम का आशीर्वाद है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर संजीव शर्मा ने श्रीराम को धर्म का स्वरूप बताते हुए कहा कि उनका अवतार विशिष्ट था। राम से बड़ा संकट किसे आया? लेकिन उन्होंने प्रत्येक परिस्थिति में आदर्शों के उच्च मानक स्थापित किए। राम विमर्श के बाद शिवांगी महाविद्यालय की रुचि बलूनी की प्रस्तुति पर सभागार करतल ध्वनि से गुंजायमान होता रहा। गायिका तनुश्री कश्यप के भजनों पर उपस्थित लोग वाह कर उठे, तबले पर सप्तक शर्मा ने उनका साथ दिया। विभिन्न आयामों के मंचन के बाद समापन बेला में हुई भव्य महाआरती के साथ हर कोई बोल उठा जय श्री राम...!

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,