मेरी संस्कृति मेरा देश मेरा अभिमान

भारत की सांस्कृतिक धरोहर अत्यंत विस्तृत और विविधतापूर्ण है। यहाँ की लोक कलाएं, संगीत, नृत्य, साहित्य, और स्थापत्य कला ने न केवल देश को गौरव प्रदान किया है

May 29, 2024 - 14:38
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मेरी संस्कृति मेरा देश मेरा अभिमान

मेरी संस्कृति…मेरा देश…मेरा अभिमान

भारत, विश्व के प्राचीनतम गणतंत्र और सांस्कृतिक धरोहरों की धनी भूमि, सदियों से एकता में विविधता का प्रतीक रहा है। यहाँ की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराएं, बहुरंगी भाषाएं, विभिन्न धर्म, और विविध रीति-रिवाज हमें एक अद्वितीय पहचान प्रदान करते हैं। भारतीय संस्कृति का यह अद्वितीय संगम हमें गर्व का अनुभव कराता है और हमारे अभिमान का मुख्य आधार बनता है।

भारत की सांस्कृतिक धरोहर

भारत की सांस्कृतिक धरोहर अत्यंत विस्तृत और विविधतापूर्ण है। यहाँ की लोक कलाएं, संगीत, नृत्य, साहित्य, और स्थापत्य कला ने न केवल देश को गौरव प्रदान किया है, बल्कि पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का परचम लहराया है। भारतीय शास्त्रीय संगीत, चाहे वह कर्नाटिक हो या हिंदुस्तानी, अपनी सुरमयी धुनों से मन मोह लेता है। भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी, और अन्य शास्त्रीय नृत्य शैलियों में भारतीय संस्कृति की समृद्धि और गहराई स्पष्ट दिखाई देती है।

सांस्कृतिक विविधता में एकता

भारत में विभिन्न धर्मों का समन्वय उसकी सांस्कृतिक विविधता को और भी समृद्ध बनाता है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध, और अन्य धर्मों का शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व हमारी सहिष्णुता और एकता का प्रतीक है। त्यौहारों की धूमधाम, चाहे वह दीपावली हो, ईद, क्रिसमस, बैसाखी या पोंगल, हमारी विविधता को एकता के सूत्र में पिरोती है। इन पर्वों के माध्यम से हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को न केवल संजोते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी सौंपते हैं।

नया संसद भवन: लोकतंत्र का नवीनतम मंदिर

भारत का नया संसद भवन, जो 28 मई 2023 को उद्घाटित हुआ, हमारे लोकतंत्र की नई पहचान है। औपनिवेशिक प्रतीकों को छोड़कर, यह भवन हमारी समृद्ध विरासत का संरक्षण और नवीकरण करता है। त्रिकोणीय आकार का यह भवन इष्टतम स्थान उपयोग सुनिश्चित करता है, और इसके निर्माण में आधुनिक तकनीक और भारतीय वास्तुकला का उत्कृष्ट संगम देखने को मिलता है। नई लोकसभा में 888 सदस्यों की बैठने की क्षमता और संयुक्त सत्र हेतु 1272 सदस्यों की व्यवस्था इसे और भी विशेष बनाती है।

संस्कृति और राष्ट्र का अभिमान

भारत की संस्कृति, उसके परंपरागत मूल्यों, कला और साहित्य में निहित है। महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर, सरदार पटेल, और डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसी महान विभूतियों ने हमारे राष्ट्र के सांस्कृतिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन महान व्यक्तियों की शिक्षा और उनके आदर्श हमें प्रेरित करते हैं और हमारे अभिमान का कारण बनते हैं।

समृद्धि और विकास की ओर अग्रसर

भारत के सांस्कृतिक मूल्यों ने हमारे सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमारे संस्कार, शिक्षा और परिवारिक मूल्य हमें एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र बनाने में सहायक रहे हैं। हमारे देश की युवा पीढ़ी, जो आधुनिक तकनीक और परंपरागत ज्ञान का संगम है, हमारे देश की प्रगति और समृद्धि का भविष्य है।

निष्कर्ष

मेरा देश, मेरी संस्कृति, और मेरा अभिमान एक दूसरे से अभिन्न रूप से जुड़े हुए हैं। भारतीय संस्कृति की समृद्धि, विविधता में एकता और लोकतंत्र का नया मंदिर – संसद भवन, हमें गर्व का अनुभव कराते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोएं और उसे आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखें। इस प्रकार, हम अपने देश को और भी महान बना सकते हैं और विश्व में इसकी पहचान को और सुदृढ़ कर सकते हैं।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,