जल्द पटरियों पर दौड़ेगी वंदे भारत स्लीपर, इस रूट से हो सकती है शुरूआत; रेल मंत्री का बड़ा एलान
रेल मंत्री ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का निर्माण अंतिम चरण में है। प्रारंभ में दो सेट ट्रेनें लाने की तैयारी है और सबसे पहले इनका ट्रायल किया जाएगा
जल्द पटरियों पर दौड़ेगी वंदे भारत स्लीपर, इस रूट से हो सकती है शुरूआत; रेल मंत्री का बड़ा एलान
नई दिल्ली: वंदे भारत ट्रेनों के सफल संचालन के बाद अब रेलवे उनके स्लीपर वर्जन पर काम कर रहा है। निर्माण प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और अगले दो महीनों में ये ट्रेनें फैक्ट्री से निकलने के लिए तैयार होंगी। प्रारंभ में इनका संचालन कुछ चुनिंदा रूट्स पर किया जाएगा, जिसे बाद में विस्तारित किया जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान इस बात की जानकारी दी।
निर्माण की प्रक्रिया अंतिम चरण में रेल मंत्री ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का निर्माण अंतिम चरण में है। प्रारंभ में दो सेट ट्रेनें लाने की तैयारी है और सबसे पहले इनका ट्रायल किया जाएगा, उसके बाद नियमित संचालन शुरू होगा। रेलवे अगले पांच वर्षों के दौरान लगभग ढाई सौ वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें चलाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है।
संभावित रूट्स अभी तक रूट का निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि दिल्ली-मुंबई या दिल्ली-कोलकाता रूट से इसकी शुरुआत हो सकती है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रेल मंत्रालय वंदे भारत के अन्य संस्करणों पर भी काम कर रहा है।
ट्रेन की विशेषताएं वंदे भारत स्लीपर संस्करण की प्रत्येक ट्रेन में 16 बोगियां होंगी। इनमें 11 एसी थ्री, चार सेकेंड एसी और एक फर्स्ट एसी बोगी शामिल होंगी। प्रत्येक ट्रेन में एक बार में 887 यात्री सोते हुए सफर कर सकेंगे। रेलवे का प्रयास इस ट्रेन को बैठकर सफर करने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस एवं राजधानी ट्रेनों से भी अधिक अपडेट एवं सुविधाजनक बनाने का है। वंदे भारत स्लीपर की गति क्षमता 220 से 240 किमी प्रति घंटे की होगी, लेकिन ऑपरेटिंग स्पीड 165 किमी प्रति घंटे ही रहेगी। क्लासिक लकड़ी की डिजाइन वाली सीटें बनाई जा रही हैं, जो यात्रियों को लक्जरी होटल की तरह आरामदायक महसूस होंगी।
विशेष ट्रेनों में चार करोड़ यात्रियों ने किया सफर रात्योहारों एवं गर्मी की भीड़ को देखते हुए इस बार रेलवे ने 19,837 स्पेशल ट्रेनें चलाईं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अप्रैल, मई और जून के दौरान इन विशेष ट्रेनों में चार करोड़ से अधिक लोगों ने यात्रा की। यह संख्या नियमित ट्रेनों में रोजाना यात्रा करने वाले यात्रियों के अतिरिक्त है।
इस नई पहल से यात्रियों को और भी बेहतर एवं सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा और भारतीय रेलवे के सफर को एक नया आयाम मिलेगा।
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